- 11 महीने में सड़क हादसों से संबंधित 10 हजार केस दर्ज
- 4,613 जानें गईं, वाहन गति पर लगाम नहीं, 48 हजार ने तोड़े नियम
- गलत दिशा में वाहन चलाते 1,51,704 पर कार्रवाई
Dainik Bhaskar
Dec 31, 2019, 05:00 AM IST
चंडीगढ़ (सुशील भार्गव). मोबाइल पर आने वाली कॉल से जान कहीं अधिक कीमती है, पर हरियाणवी लोग ड्राइविंग के समय कॉल को प्राथमिकता देते हैं। जी हां, 11 महीने में ट्रैफिक पुलिस ने 7,559 ऐसे चालकों को पकड़ा, इन पर करीब 4.58 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया। डेंजर्स ड्राइविंग पर 40,682 के चालान हुए हैं और पांच करोड़ से अधिक जुर्माना लगवा बैठे।
73,892 ने बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना शान समझी, 16 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगा, लेकिन बाज नहीं आए। गति सीमा से अधिक तेज वाहन चलाने के फेर में भी 48,020 पकड़े गए, तीन करोड़ से अधिक जुर्माना लगाया गया है।
वहीं बिना हेल्मेट के दोपहिया वाहन चलाने में 44,1167 वाहन चालक पकड़े, 5.28 करोड़ रुपए की राशि जुर्माने के रूप में अदा कर दी। 11 महीने में हादसों से संबंधित 10 हजार से अधिक केस दर्ज हुए, 4613 लोगों की जान चली गई और 8500 से अधिक घायल हो गए हैं।
वर्ष 2019 के प्रथम 11 माह में प्रदेश में गलत वाहन चलाने वाले काफी संख्या में पकड़े गए। इनकी संख्या 1,51,704 रही, तीन करोड़, 56 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। 6438 ने डेंजर्स यू टर्न ले लिया और 9,61,300 जुर्माना लगा। गलत पार्किंग करने पर 1,74,374 पकड़े गए।

हादसों में आई कमी
स्कूलों व कॉलेजों में इस तरह के अभियान चलाए जाते रहे हैं, भविष्य में भी और भी बेहतर प्रयास करते रहेंगे। प्रदेश में पिछले एक साल में सड़क हादसों में कमी आई है।
-डॉ. राजश्री सिंह, आईजी, ट्रैफिक एंड हाइवे
11 माह में 10 हजार से अधिक केस दर्ज
11 महीने में प्रदेश में 10007 सड़क हादसों के केस दर्ज किए गए हैं। यानी हर माह 909 केस दर्ज हुए हैं। यदि रोजाना की एवरेज निकाली जाए तो यह 30 के करीब बनती है। यानी हर घंटे प्रदेश में एक से अधिक हादसा हो रहा है। 11 महीने में प्रदेश में 4613 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है, जबकि इसी अवधि में 8585 लोग घायल हो चुके हैं। प्रापर्टी का नुकसान इससे अलग है।
}संबंधित विभागों को आदेश, कोताही नहीं चलेगी
इस संदर्भ में गत दिनों गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए थे कि सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार विभागों को लिखा जाए। फिर भी यदि विभाग किसी तरह की कोताही बरतते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। पीडब्ल्यूडी हो या वन विभाग या बिजली निगम जो भी सड़क पर हादसे के लिए दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। लोगों का हक है कि उन्हें सुरक्षित सफर मिल सके।

गुड़गांव-फरीदाबाद में सबसे अधिक सड़क हादसे
11 महीने में सबसे अधिक सड़क हादसे गुड़गांव व फरीदाबाद जिलों में हुए हैं। दोनों ही जिलों में वर्ष 2019 में सड़क हादसों से संबंधित करीब 1600 केस दर्ज किए गए हैं। गुड़गांव में 377 और फरीदाबाद में 228 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। कुल मिलाकर यहां पर 600 से अधिक लोगों की मौत है, जबकि 1500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।