चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। पंचकूला, जीभ के कैंसर से पीडि़त एक 53 वर्षीय व्यक्ति की जीभ को अल्केमिस्ट हॉस्पिटल, पंचकूला में पूरी तरह से रीकंस्ट्रक्ट (पुर्ननिर्मित) किया गया । जीभ के कैंसर से प्रभावित मरीज की जीभ का आधा हिस्सा सर्जरी कर निकाल दिया गया था लेकिन उसके बाद भी कैंसर वापस आ गया था। रोगी को फिर से वापिस आए जीभ के कैंसर के साथ अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शुरुआत में, डॉ.कंवरनीत सिंह, कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी द्वारा पहले सर्जरी कर पूरी जीभ को हटाया गया। इसके बाद डॉ. वरुण सिंगला, प्लास्टिक सर्जन, अल्केमिस्ट हॉस्पिटल द्वारा मरीज की पूरी जीभ की रीकंस्ट्रक्शन की गई। डॉ.कंवरनीत सिंह ने बताया कि सर्जरी के दौरान लिम्फ नोड्स वाली कुल जीभ को हटा दिया गया है।डॉ. वरुण सिंगला जिन्होंने जीभ की रीकंस्ट्रक्शन किया है, ने बताया कि आठ घंटे की अत्यंत जटिल सर्जरी में दाहिनी जांघ से लिए गए टिश्यूज से पूरी जीभ का रीकंस्ट्रक्शन किया गया। इस सर्जरी के दौरान जांघ का हिस्सा ब्लड वेसल्स के साथ लिया गया और इनको रक्त आपूर्ति के लिए गर्दन की ब्लड वेसल्स के साथ जोड़ दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि जीभ की रीकंस्ट्रक्शन का मुख्य लक्ष्य स्वाद के बजाय खाना निगलने और बोलने की क्षमता प्रदान करना है। रीकंस्ट्रक्शन पूरी तरह से सफल रही और मरीज को बिना किसी जटिलता के अस्पताल में भर्ती होने के एक सप्ताह बाद छुट्टी दे दी गई।यह सर्जरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीभ के लिए सबसे अच्छी और आदर्श सर्जरी के रूप में पहचानी जाती है क्योंकि इस सर्जरी में कोई निशान पीछे नहीं छूटता है और मरीज न्यूनतम समय में अपने सामान्य जीवन में लौट आता है।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020