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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

कांग्रेस और प्रतिपक्ष देश की एकता में आग लगाने की कोशिश में हैं:शिवराज सिंह चौहान नेशनल जनसँख्या रजिस्टर का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण,भाजपा ने लागू नहीं किया

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चंडीगढ,सुनीता शास्त्री। नागरिकता संशोधन कानून पर इस भारी सर्दी में कांग्रेस और प्रतिपक्ष देश की एकता में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं । कानून में धार्मिक आधार पर प्रतिपादित समानता के अधिकार का कहीं भी उल्लंघन नहीं है। भारतीय जनता पार्टी धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती।उक्त वक्तव्य भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज चंडीगढ़में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहे। इस अवसर पर उनके साथ भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन, सांसद किरण खेर, महासचिव चंद्रशेखर और मीडिया प्रभारी रविंद्र पठानिया भी उपस्थित थे ।पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सुशासन दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा, पूर्व सांसद सत्य पाल जैन, उपाध्यक्ष रघुवीर लाल अरोप संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, महासचिव प्रेम कौशिक व् चन्दर शेखर, सचिव रमेश कुमार और भारी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित थे7शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सुशासन दिवस पर आयोजित संगोष्ठी नागरिकता संशोधन एक्ट पर आज चंडीगढ़ढ़ में लोगों को इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान करने हेतु आये हुए थे। इस मौके पर उनका पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया और भारी संख्या में पार्टी कार्यालय पहुँच कर लोगों ने उनके विचारों को भी सुना। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी तरह से भारत में रहने वाले किसी भी नागरिक के खिलाफ नहीं है । देश की आजादी के तुरंत बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रह गए हिन्दुओं और हिंदुस्तान के मुसलमानों का हिन्दुस्तान आने का हक है तथा सरकार को उनकी सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखना होगा। उसी आधार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के बीच हुए समझौते के अनुसार दोनों देश अपने अपने देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे, जिस पर हिंदुस्तान ने अपना वचन निभाया जबकि पाकिस्तान अपने यहाँ अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रहा है। धर्म के आधार पर लोग प्रताड़ित किये गए, धर्मांतरण किया गया, धार्मिक आधार पर प्रताड़ित भाई और बहन जो सुरक्षित नहीं है, वे भारत आये. उनको सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार देकर सरकार क्या गलत कर रही है । शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी को उनकी प्रताडऩा नहीं दिखती और जब यह बिल लोकसभा में आया तो सोनिया ने संसद में मौजूद रहने के बावजूद इस पर क्यों कुछ नहीं बोला, क्यों डिबेट मं हिस्सा नहीं लिया ? अब जब यह बिल संसद के दोनो सदनों में पास होकर कानून बन गया है तो उसके बाद हो हल्ला क्यों?मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के शान्ति मार्च पर कटाक्ष करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र की सूची वाले नागरिकता कानून के बारे क्या कोई संवैधानिक निर्वाचित मुख्यमंत्री को इसका विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है? अगर वे इसका विरोध करना चाहते हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए 7शिवराज सिंह ने आगे कहा कि भारत का संविधान संघ सरकार के अधिकार क्षेत्र में नागरिकता से संबंधित सभी मामलों को लाता है। इसलिए, विपक्षी दल के मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, मध्यपदेश के कमलनाथ, राजस्थान के अशोक गहलोत अपने विरोध और अधिनियम का विरोध कर सकते हैं, जो इस प्रक्रिया के बाद संसद द्वारा पारित किया गया है। उन्होंने सवाल किया, कि एक मुख्यमंत्री, जिनका कर्तव्य भारत के संविधान के तहत पारित कानूनों को बनाए रखना है, कानून का विरोध कैसे कर सकते हैं?उन्होंने मांग की कि अगर वे देश की संसद द्वारा पारित किए गए कानूनों के खिलाफ विरोध करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले इस्तीफा दे देना चाहिए।उन्होने कहा कि प्रतिपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला मैदान में नहीं कर सकते इसलिए लोगों में उनके खिलाफ भ्रम फैला रहा है तथा झूठी अफवाहों को हवा दे रहा है। सोनिया गांधी ने क्यों हिंसा और तोड़ड़फ ोड़ड़की निंदा नहीं की। नागरिकता संशोधन विधेयक नागरिकता देने का कानून है। नागरिकता लेने का नहीं । इस कानून से किसी का कोई भी नुक्सान नहीं हो सकता, बल्कि ये कानून तो पड़ोसी देशों से आये धार्मिक प्रताडऩा के ग्रसित लोगों को मानवता के नाते नागरिकता प्रदान करने के लिए है। मानवता पर जब कभी किसी पर भी ऐसा संकट आया है तो भारत ने हमेशा बाहें फैला कर उसका स्वागत किया है किसवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नेशनल जनसँख्या रजिस्टर का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है।यह विपक्ष की गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की पराकाष्ठा है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) भाजपा सरकार द्वारा नहीं बनाया गया था, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने 2010 में पारित किया था जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। चूंकि कांग्रेस और विपक्षी दलों के पास प्रधानमंत्री मोदी को लेने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस देश की जनता को गुमराह करने के लिए गलत प्रचार और गलत सूचना का इस्तेमाल कर रहे हैं। जानकारी दी कि भारतीय जनता पार्टी 5 जनवरी तक देश के विभिन्न राज्यों और जिलों में रैलियां करके लोगों को नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में सही जानकारी से अवगत कराएगी और इस बारे फैलाई जा रही अफवाहों का खुलासा करेगी। तत्पश्चात भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित सुशासन दिवस पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भी शिवराज सिंह चौहान ने उक्त बातों को दोहराया तथा नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में बताया इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन ने पार्टी कार्यालय आने पर शिवराज सिंह चौहान का स्वागत किया तथा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे लोगों को नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में सही जानकारी दे और बताये कि इस एक्ट से किसी का कोर्ई नुक्सान नहीं होने वाला है बल्कि पडोसी देशों से उनके अल्पसंख्यक वर्ग के लोग जो धार्मिक प्रताडऩा की वजह से आकर अवैध रूप से बसे हैं उन भाइयों को भी नागरिकता प्रदान करने से सम्मानपूर्वक जीवन जीने की राह मिलेगी।