Dainik Bhaskar
Dec 12, 2019, 07:00 AM IST
बॉलीवुड डेस्क. सिनेमाजगत में रजनीकांत के नाम से मशहूर शिवाजी राव गायकवाड़ 69 साल के हो गए हैं। 12 दिसंबर 1950 को बैंगलोर (अब बेंगलुरु), कर्नाटक में जन्मे रजनीकांत अब तक 160 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्हें देश ही नहीं दुनियाभर में सुपरस्टार के तौर पर जाना जाता है। लेकिन 70 के दशक में जब वे सुपरस्टार नहीं बने थे। तब साइनिंग अमाउंट का कुछ हिस्सा एडवांस में मांगने पर एक प्रोड्यूसर ने उन्हें ताना मारकर फिल्म से निकाल दिया था। इस बात का खुलासा खुद रजनीकांत ने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘दरबार’ के ऑडियो लॉन्च इवेंट में किया था।
रजनीकांत के मुताबिक, यह घटना 1977 में तब हुई, जब उनकी तमिल फिल्म ‘6 वयाथिनिले’ की रिलीज को करीब एक सप्ताह ही हुआ था। वे कहते हैं, “उस समय तक मैंने कुछ ही फिल्मों में काम किया था। लेकिन परताई (‘6 वयाथिनिले’ में रजनी का किरदार) ने मुझे तमिलनाडु के कोने-कोने में मशहूर कर दिया।”
राजनी आगे बताते हैं, “इसी दौरान एक प्रोड्यूसर ने मुझे एक अच्छा कैरेक्टर रोल ऑफर किया, जिसमें कोई दूसरा एक्टर लीड रोल कर रहा था। मेरे पास डेट्स थीं। इसलिए मैंने मेहनताने पर डिस्कशन किया। मैंने 10 हजार रुपए से मोल-भाव शुरू किया और 6 हजार रुपए पर बात बन गई। उस वक्त टोकन मनी के रूप में 100 या 200 रुपए एडवांस में देने का रिवाज था। मैंने हजार रुपए का एडवांस मांगा, जिसपर प्रोड्यूसर ने कहा कि उसके पास फिलहाल पैसे नहीं है। अगले दिन तब एडवांस मिल जाएगा, जब उसका प्रोडक्शन मैनेजर एग्रीमेंट की औपचारिकता पूरी करने आएगा।”
जब मैनेजर आया तो वह इस बात से अनजान था कि उसे रजनीकांत को भुगतान करना है। वह बगल के टेलीफोन बूथ पर गया और प्रोड्यूसर को फोन किया, जिसने आश्वासन दिया कि वह अगले दिन शूट लोकेशन पर मेकअप से पहले एडवांस दे देगा। लेकिन रजनी को इस बात पर ऐतराज था।
…और प्रोड्यूसर ने फिल्म से निकाल दिया
वे कहते हैं, “अगले दिन प्रोडक्शन मैनेजर ने मुझसे कहा कि हीरो आ चुका है और उसने मेरे मेकअप के लिए कहा है। मैंने इनकार कर दिया। कुछ देर बार एक व्हाइट कलर की एम्बेसडर एवीएम स्टूडियो (जहां फिल्म की शूटिंग चल रही थी) के बाहर आकर रुकी और प्रोड्यूसर उससे बाहर आया। उसने कहा- क्या तुम अपने आपको हीरो समझते हो, जो बिना एडवांस के काम नहीं कर सकते। तुम्हारे लिए फिल्म में कोई रोल नहीं है, तुम जा सकते हो।” जब रजनी ने प्रोड्यूसर से कहा कि क्या उसकी कार उन्हें घर तक छोड़ सकती है तो उसने इनकार कर दिया। इसके बाद वे बिना पैसे के घर रवाना हो गए थे।
घटना से हैरान थे रजनीकांत
रजनीकांत के मुताबिक, इस घटना के बाद वे हैरान थे। जब वे एवीएम स्टूडियो से बाहर निकले तो उनके साथ अजीब बात हुई। वे कहते हैं, “बसों में और सड़कों पर लोग मुझे देखते ही चिल्लाने लगते थे- ए परताई। इत्थु एप्दी इरुक्कू।” रजनी के मुताबिक ‘इत्थु एप्दी इरुक्कू’ वह कैचफ्रेज था, जो फिल्म ’16 वयाथिनिले’ में उनके किरदार द्वारा बोला गया था।
उनके मुताबिक, एवीएम स्टूडियो की ओर जाने वाली सड़क इसी डायलॉग के साथ वाले पोस्टर्स से अटी पड़ी थी। बकौल रजनी, “मुझे लगा कि लोग मेरी स्थिति का मजाक उड़ा रहे हैं। मेरे दिमाग में यह नहीं आया कि वे मेरा डायलॉग दोहरा रहे हैं। लेकिन उस दिन मैंने तय कर लिया कि एक दिन अगर एवीएम स्टूडियो की इस सड़क पर अपनी विदेशी कार में बैठकर न गुजरा तो मेरा नाम रजनीकांत नहीं है।” करीब ढाई साल बाद रजनी ने एवीएम स्टूडियो के मालिक की इटेलियन मेड फिएट कार खरीदी, जिसके लिए 4.25 लाख रुपए चुकाए थे।