यमुनानगर जिले में कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध रूप से खनन का काम ही नहीं चल रहा बल्कि कई फर्में बिक्री के बिलों में गड़बड़ी कर जीएसटी की भी चोरी कर रहीं हैं। इससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। एेसे ही एक मामले में शिकायत के बाद मिले सुबूतों पर एक्साइड एंड टैक्ससेशन के वार्ड 10 के अधिकारी विपिन कुमार ने कार्रवाई की है। उन्होंने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी फर्म पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आरोपी फर्म ने 17 सितंबर को जुर्माने की रकम को जमा करा दिया है। फर्म पर यह अधिकतम सीमा में जुर्माना किया गया।
सीएम विंडो पर दी शिकायत पर हुई जांच में खुला मामला | सीएम विंडो पर अधिवक्ता वरयाम सिंह ने सबूतों के साथ शिकायत दी थी कि उनसे दो मीट्रिक टन रेत के खनन एजेंसी ने 1300 रुपए लिए, लेकिन रसीद 315 रुपए की ही दी। इस तरह से राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए।
आरोपियों पर कार्रवाई की जाए| सीएम विंडो से होती हुई इसकी जांच जिला के जीएसटी आॅफिस में पहुंची। यहां पेश होकर वरयाम सिंह ने रेत के रेट व अधिक पैसों को लेकर खनन एजेंसी के कर्मचारी से हुई बातचीत की रिकार्डिंग की सीडी सौंपी। सीडी जांच में अहम कड़ी साबित हुई। इसके अलावा वरयाम सिंह ने दूसरे साक्ष्य भी पेश किए। इनके आधार पर एक्साइज एंड टैक्ससेशन अधिकारी ने जुर्माने की अधिकतम सीमा दस हजार का खनन एजेंसी पर जुर्माना लगाया।
अब एक करोड़ से अधिक की रसीदें देकर क्लेम करेंगे लोग: वरयाम सिंह
यमुनानगर| गुमथला एरिया में पोक लाइन से होता खनन।
खनन एजेंसियों को राजस्व की लूट नहीं करने दी जाएगी : सिंह
एडवोकेट वयराम सिंह ने कहा कि जब अधिकारियों को उन्होंने रसीद, फर्जीवाड़े के बातचीत की सीडी उपलब्ध करा दी है। इसे उन्होंने सही भी पाया है तो उन्हें खनन एजेंसी की दूसरी रसीदों का भी आडिट कर टैक्स चोरी को उजागर करना चाहिए। अधिकारी एेसा नहीं कर रहे हैं। इसके लिए वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। खनन एजेंसियों को राजस्व की लूट नहीं करने दी जाएगी। इस करोड़ों के राजस्व में खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए भी धनराशि मिलनी है। इस राशि के क्षेत्र के बहुत से काम पूरे हो सकते हैं, जिससे लोगों की जीवन स्तर सुधरेगा।
जठलाना क्षेत्र में अवैध तरीके से दिन रात हो रहे खनन के खिलाफ लंबे समय से कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को गलत बिल देकर हो रहे घोटाले के खिलाफ जागरुक करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में लोगों ने उन्हें करीब एक करोड़ के बिल केस बनाने के लिए उपलब्ध करवाए हैं। ये लोग भी जीएसटी अधिकारी के सामने केस डालना चाहते हैं। इस पर जल्दी ही एक सामूहिक पंचायत कर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।