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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

गिफ्ट्स भेज वीर परिवार के साथ मनाएं दिवाली

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“ये दिवाली वीर परिवार के साथ”। शहर के एनजीओ “आय एम स्टिल ह्यूमन” ने दिवाली के मौके पर यह इनिशिएटिव शौर्य कैंपेन के तहत लिया है। इस कैंपेन की जानकारी देने के लिए फाउंडर से लेकर मेंबर्स चंडीगढ़ प्रेस क्लब सेक्टर-27 पहुंचे। इस मौके पर कर्नल मनविंदर, जीबीपी ग्रुप के डायरेक्टर रमन गुप्ता भी मौजूद थे। मकसद व आइडिया को लेकर एनजीअाे के फाउंडर विवेक मेहरा बोले- एक समय था जब हम भी देश के लिए कुछ करना चाहते थे यानी आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए। फिर सोचा देश व जवानों के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए। इसी मकसद से यह एनजीओ बनाया। रही इस इनिशिएटिव की बात तो जहन में आया कि देश की खातिर शहीद हुए जवानों के बच्चों की पढ़ाई से लेकर जरूरत की चीजों में हमें योगदान करना चाहिए, इसलिए शौर्य कैंपेन में इसे शामिल किया। साथ ही फैसला लिया कि जम्मू-कश्मीर राइफल्स के शहीदों के बच्चों को, जोकि जबलपुर के हॉस्टल में है, उनके साथ न केवल दिवाली मनाएं, बल्कि इस मौके पर उनके लिए गिफ्ट्स कलेक्ट करके भी ले जाएं। हॉस्टल में 65 बच्चे हैं। हमने 5 अक्टूबर से ऐसा करना शुरू किया अाैर अब तक कई गिफ्ट्स कलेक्ट कर चुके हैं, जिनमें बुक्स, चॉकलेट, मिठाइयां अादि शामिल हैं। विवेक ने बताया कि इस कैंपेन का हिस्सा कोई भी बन सकता है।

उन्हाेंने बताया कि इस कैंपेन का हिस्सा कोई भी बन सकता है। अगर कोई इन बच्चों को गिफ्ट देना चाहता है या खत लिखकर मैसेज देना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9914043336 कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा गिफ्ट्स जीबीपी के ट्राईसिटी में मौजूद किसी भी ऑफिस में दे सकते हैं।

For Happiness

दिवाली के मौके पर शहर के एनजीओ “आई एम स्टिल ह्यूमन” ने यह इनिशिएटिव शौर्य कैंपेन के तहत लिया है। जानते हैं इस कैंपेन का हिस्सा बनने से लेकर मकसद के बारे में।

आइडिया आया और इस पर काम भी किया

भवप्रीत बोले- मैं और अर्नव इस एनजीओ के को-फाउंडर हैं। 2015 में इस एनजीओ को हम तीन दोस्तों ने मिलकर बनाया था। हम 2010 से एक दूसरे को जानते हैं। हम तीनों ही आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे। वहीं अर्नव बोले- शहीद जवानों के इन बच्चों के लिए इस दिवाली कुछ करने का आइडिया मुझे आया। इसके बाद सभी को बताया अाैर फिर इस पर काम करना शुरू किया। दरअसल, पापा की पोस्टिंग जबलपुर हुई थी। तभी से यह बात जहन में थी कि उन बच्चाें के लिए कुछ करना है।

इसलिए रैली का जरिया चुना

विवेक ने बताया कि 25 अक्टूबर को हम जीरकपुर से जबलपुर के लिए सुबह 8 बजे रवाना हुए थे। हमने 1100 किलोमीटर का सफर तय किया। यह सफर रैली की फॉर्म में होगा। इस रैली को बाइक पर मैं और भवप्रीत लीड करेंगे। एक गाड़ी में गिफ्ट्स और दूसरे में मेंबर्स होंगे। 26 की शाम को हम यहां पहुंचे। इसके बाद दिवाली भी इन्हीं बच्चों के साथ सेलिब्रेट करेंगे। इसके अलावा इनकी पढ़ने की जरूरतों के बारे में जानेंगे और वापिस आने के बाद उस पर काम करेंगे। रही बात रैली फॉर्म की तो हम यह सफर प्लेन के जरिए भी तय कर सकते थे। फिर सोचा कि जब इस तरह से जाएंगे तो फीलिंग्स को बेहतर तरीके से जाहिर कर पाएंगे।