Dainik Bhaskar
Sep 21, 2019, 07:42 PM IST
टीवी डेस्क. ‘कौन बनेगा करोड़पति 11’ के इस सप्ताह के कर्मवीर एपिसोड में बाड़मेर, राजस्थान की रूमा देवी हॉट सीट पर बैठीं। रूमा ने एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और शो की चारों लाइफलाइंस (ऑडियंस पोल, 50-50, फ्लिप द क्वेश्चन और आस्क दि एक्सपर्ट) की मदद से 12 सवालों के सही जवाब दिए और 12.50 लाख रुपए जीतकर ले गईं। एपिसोड के दौरान उन्होंने अपनी कहानी भी साझा की, जो भावुक करने वाली और प्रेरणादायक है।
बेटे की मौत के बाद बदल गई जिंदगी
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रूमा देवी ने ‘केबीसी’ में बताया कि उनकी शादी तब हो गई थी, जब वे महज 17 साल की थीं। उनके मुताबिक, शादी के बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया था। लेकिन जब वह बीमार पड़ा तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि किसी अच्छे अस्पताल में जाकर उसका इलाज करा पातीं। 48 घंटे में बेटे ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद उन्होंने महसूस किया कि उनके जैसी और भी कई महिलाएं होंगी, जो आर्थिक तंगी की वजह से ऐसे ही घुट-घुटकर जी रही होंगी। यही सोचते-सोचते उन्होंने अपनी और ऐसी महिलाओं की जिंदगी बदलने का फैसला कर लिया।
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घर- बाहर वाले मारते थे ताने
रूमा देवी ने बताया कि जब उन्होंने कसीदाकारी का काम शुरू किया तो घर और बाहर वाले उन्हें ताने मारते थे। उनके मुताबिक, उन्होंने यह काम 10 महिलाओं को साथ लेकर करना शुरू किया था। उन्होंने घर से अलग एक कमरा लिया था और वहां अपना काम करती थीं। लेकिन इससे ज्यादा लाभ नहीं हुआ। बाद वे ग्रामीण विकास चेतना संस्थान से जुड़ीं और अपने काम के लिए अच्छा दाम पाने लगीं।
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बैग और पर्दे से शुरू किया काम
रूमा और उनकी टीम ने शुरुआत बैग और पर्दे से की और फिर सलवार सूट और दुपट्टे बनाने लगीं। अपने बनाए कपड़ों के प्रमोशन के लिए उन्हें फैशन शो की जरूरत थीं। लेकिन जब उन्हें कहीं मौका नहीं मिल सका तो उन्होंने अपना फैशन शो होस्ट किया और अपने बनाए कपड़ों का प्रमोशन करने लगीं। रूमा की मानें तो वे अपने इस स्किल की ट्रेनिंग देकर अब तक 22 हजार महिलाओं की जिंदगी बदल चुकी हैं। 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नारी शक्ति सम्मान दिया था।
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सोनाक्षी बनेंगी रूमा देवी की ब्रांड एम्बेसडर
रूमा की कहानी सुनने के बाद सोनाक्षी ने कहा कि वे उनके बनाए कपड़ों की ब्रांड एम्बेसडर बनेंगी। जब अमिताभ ने रूमा से पूछा कि वे जीती हुई रकम का क्या करेंगी? तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें अपने काम में धागे की जरूरत पड़ती है, जो दक्षिण भारत से आता है। इसमें समय भी काफी लगता है। इसलिए वे एक ऐसा केंद्र बनाना चाहेंगी, जहां सारा सामान आसानी और जल्दी मिल सके।
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