- नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने आईफोन 11 के लॉन्च पर एक ट्वीट किया
- उनके इस ट्वीट से एक्ट्रेस माथिरा खान खफा, कहा- कश्मीर और प्रियंका चोपड़ा पर क्यों नहीं बोलतीं
Dainik Bhaskar
Sep 13, 2019, 02:46 PM IST
इस्लामाबाद. नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई को अपने एक ट्वीट के लिए पाकिस्तान में नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। एपल ने आईफोन 11 के साथ ही अपने कुछ लेटेस्ट प्रोडक्ट इसी हफ्ते लॉन्च किए। मलाला ने लंदन से एक ट्वीट किया। इसमें आईफोन 11 की डिजाइन को अपने कुर्ते की डिजाइन से प्रेरित बताते हुए एक फोटो शेयर किया। पाकिस्तान की मशहूर एक्ट्रेस माथिरा खान इससे खफा हो गईं। उन्होंने कहा- आपको आईफोन 11 पर ट्वीट करना अच्छा लगता है। कश्मीर और प्रियंका चोपड़ा के बारे में बोलने में परेशानी होती है। पाकिस्तान के कुछ और यूजर्स ने भी मलाला को खरी-खोटी सुनाईं।
मलाला ने किया कुर्ते की डिजाइन का जिक्र
जैसे ही एपल का आईफोन लॉन्च हुआ। मलाला ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने अपने कुर्ते की डिजाइन का फोटो शेयर किया। इसके साथ कैप्शन में लिखा, “क्या यह महज संयोग नहीं है कि जिस दिन एपल आईफोन 11 लॉन्च हुआ उसी दिन मैंने इस डिजाइन का कुर्ता पहना हुआ है।” दरअसल, मामला यह है कि आईफोन 11 में तीन बैक कैमरा दिए गए हैं। मलाला के नीले कुर्ते में तीन कांच के घेरे वाली डिजाइन थी। मलाला का अंदाज मजाकिया था लेकिन पाकिस्तानियों को यह रास नहीं आया।
Is this just a coincidence that I wore this dress on the same day as Apple iPhone 11’s launch #iPhone11 pic.twitter.com/k6s4WM4HKq
— Malala (@Malala) September 10, 2019
माथिरा ने फटकार लगाई
मलाला के इस ट्वीट पर सबसे ज्यादा नाराज हुईं एक्ट्रेस माथिरा खान। उन्होंने इसे कश्मीर मुद्दे से जोड़ दिया। माथिरा ने मलाला को टैग करते हुए लिखा, “आपको आईफोन 11 पर ट्वीट करने का वक्त मिल गया। कश्मीर और प्रियंका चोपड़ा पर क्यों कुछ नहीं कहतीं। लगता है आपको अपने ड्रेस और आईफोन की फिक्र ज्यादा है।” माथिरा ने इसके बाद भी नोबेल पुरस्कार से कई बातें कहीं और उन्हें एक और एक्ट्रेस महविश हयात से सीख लेने की नसीहत दी।
ब्रिटेन में रह रही हैं मलाला
22 साल की मलाला पाकिस्तान के बेहद पिछड़े और आतंकवाद से ग्रस्त खैबर पख्तूनख्वा की रहने वाली हैं। लड़कियों की शिक्षा के समर्थन में आवाज उठाई तो 2012 में उन पर तालिबान ने आतंकी हमला किया। पाकिस्तान में इलाज मुमकिन नहीं था। उन्हें रेडक्रॉस के सहयोग से लंदन भेजा गया। कड़ी मशक्कत के बाद जान बची। तब से वो परिवार के साथ ब्रिटेन में ही रह रही हैं। 2013 में उन्हें भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।