Dainik Bhaskar
Aug 23, 2019, 07:13 PM IST
गैजेट डेस्क. नेटफ्लिक्स समेत अन्य ओवर द टॉप प्लेटफार्म (ओटीटी) धीरे-धीरे भारतीय बाजार से केबल टीवी का बिजनेस खत्म कर रहे हैं। हाल ही में आई केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 की चौथी तिमाही तक केबल और सैटेलाइट के एक्टिव सब्सक्राइबर्स की संख्या में 1.2 से 1.5 करोड़ की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष में सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 8.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 463 अरब रुपए तक पहुंच गया।
केपीएमजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2018 के अंत में डिजीटल केबल सेगमेंट में 19.7 करोड़ यूजर्स की बढ़ोतरी हुई लेकिन आखिरी तिमाही तक आते आते इसके एक्टिव सब्सक्राइबर के यूजर बेस में करीब 1.2 से 1.5 करोड़ यूजर्स कम हो गए। डिजिटल केबल के यूजरबेज में तेजी से आई इस गिरावट की मुख्य वजह सब्सक्रिप्शन का रिन्यू न होने माना जा रहा है। नए टैरिफ ऑर्डर की वजह से यूजर ने मनोरंजन के अन्य सोर्स जैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर जाना बेहतर समझा। वहीं नियमों में बदलाव होने के कारण भी यूजर्स केबल बिल में बढोतरी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर की बात करें को 2018 की आखिरी तिमाही में जहां केबल और डीटीएच में 10-25 प्रतिशत की बढोतरी देखने मिली वही 2019 की पहली तीन तिमाही में कोई बढ़त देखने को नहीं मिली।
नेटफ्लिक्स में अपने ऑरिजनल कंटेंट में सालाना 600 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई जबकि अमेजन प्राइम ने 2017 में 2,230 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई थी। कई ऑरिजिनल सीरीज के लिए ग्लोबल प्लेटफार्म जैसे अमेजन और नेटफ्लिक्स पर एपिसोड 1 से 2 करोड़ रुपए तक खर्च करती हैं। उदाहरण के तौर पर अमेजन प्राइम की मिर्जापुर के एक एपिसोड की लागत एक से दो करोड़ रुपए है।