- प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों पर डेढ़ घंटे बात हुई
- साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ
- प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को फ्रांस पहुंचे, यहां विदेश मंत्री ले ड्रियन ने उनका रेड कारपेट पर स्वागत किया
- मोदी को देखने के लिए पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय के लोग भी पहुंचे
Dainik Bhaskar
Aug 23, 2019, 08:20 AM IST
पेरिस. फ्रांस ने कश्मीर मामले पर भारत का साथ दिया है। गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा बयान में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में भारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय तरीके से हल खोजना होगा। किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और न ही क्षेत्र में हिंसा फैलाने की कोशिश हो। मैक्रों ने कहा कि कश्मीर में शांति के साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
इससे पहले मैक्रों ने गुरुवार को मोदी से शान्तियी शहर में मुलाकात की। मैक्रों ने यहां मोदी को फ्रांस की प्राचीन धरोहर शैटो डी शान्तियी (शान्तियी के महल) की सैर कराई। इस दौरान उन्होंने मोदी को सैकड़ों साल पुराने महल का इतिहास बताया। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता हुई। बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि जी-7 समिट के लिए राष्ट्रपति मैक्रों का आमंत्रण मेरे प्रति उनके मैत्री भाव का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का मुकाबला करने में भारत को फ्रांस का बहुमूल्य समर्थन मिला है। उन्होंने इसके लिए मैक्रों का धन्यवाद किया।
फ्रांस और भारत एक-दूसरे के भरोसेमंद पार्टनर
मोदी ने इसे दोनों देशों की दोस्ती के लिए यादगार पल बताते हुए कहा, “हेरिटेज साइट पर मेरा और मेरे डेलिगेशन का भव्य और स्नेहपूर्वक स्वागत किया गया। इसके लिए मैक्रों का शुक्रिया।” प्रधानमंत्री ने जी-7 के एजेंडे को पूरा करने में भारत के सहयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत की दोस्ती लिबर्टी (स्वतंत्रता), इक्वैलिटी (समानता) और फ्रेटरनिटी (बंधुत्व) के ठोस आदर्शों पर टिकी है। हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। आज आतंकवाद, पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज और तकनीक में समावेशी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत और फ्रांस मजबूती से साथ खड़े हैं।”
‘मैरीटाइम और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग बढ़ेगा’
“इंटरनेशनल सोलर अलायंस भारत और फ्रांस की पहल है। आज फ्रांस और भारत एक दूसरे के भरोसेमंद पार्टनर हैं। अपनी कठिनाइयों में हमने एक दूसरे का नजरिया समझा है और साथ भी दिया है। मैरीटाइम और साइबर सिक्योरिटी में भी हमने सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। हिंद महासागर में सुरक्षा और सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित करने के लिए यह उपयोगी होगा।”
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने पर हुई चर्चा
मोदी ने कहा, “2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब तक हमने न्यू इंडिया के कई लक्ष्य रखे हैं। हमारा एक लक्ष्य है भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना। अपने आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए हम स्किल डेवलपमेंट, आईटी और स्पेस में नए इनीशिएटिव के लिए तत्पर हैं। फ्रांस पहला देश है जिसके साथ हमने न्यू जेनरेशन सिविल एग्रीमेंट साइन किया है। हमने कंपनियों से आग्रह किया है कि वे जैतापुर न्यूक्लियर प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ें।”
फ्रांस में 2021-22 में नमस्ते फ्रांस का आयोजन
पीएम ने कहा, “2021-22 में पूरे फ्रांस में भारतीय सांस्कृति फेस्टिवल नमस्ते फ्रांस का आयोजन होगा। मैं जानता हूं कि योग फ्रांस में लोकप्रिय है। मुझे आशा है कि फ्रांस के मेरे दोस्त इसे स्वस्थ जीवनशैली के लिए अपनाएंगे।”
मैक्रों ने कहा- कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
फ्रांस ने कश्मीर मामले पर भारत का साथ दिया है। मोदी के साथ साझा बयान में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले का हल भारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय तरीके से खोजना होगा। किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और न ही क्षेत्र में हिंसा फैलाने की कोशिश हो। मैक्रों ने कहा कि कश्मीर में शांति के साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
पेरिस एयरपोर्ट पर हुआ रेड कारपेट स्वागत
मोदी गुरुवार को ही जी-7 समिट में हिस्सा लेने चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पहुंचे। यहां फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-वेस ले ड्रियन ने उनका रेड कारपेट पर स्वागत किया। भारतीय समुदाय भी बड़ी संख्या में मोदी को देखने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि भारत और फ्रांस सालों से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय तरीके से काम कर रहे हैं। इस दौरे से फ्रांस की लीडरशिप के साथ पिछली वार्ता के दायरे बढ़ेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर मोदी बियारेट्ज शहर में 24-26 अगस्त को होने वाले 45वें जी-7 समिट में साझेदार के तौर पर शामिल होंगे।
फ्रांस में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे
जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, समुद्री सहयोग और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर विचार रख सकते हैं। जी-7 शिखर सम्मेलन के अलावा मोदी अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित भी करेंगे। इसके अलावा वह निड डी एगल में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना में मारे गए भारतीय लोगों की याद में एक स्मारक का भी उद्घाटन करेंगे।
भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार
भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार हैं और दोनों देशों के बीच व्यापक और बहुआयामी संबंध हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा, समुद्री सुरक्षा, अंतरिक्ष, साइबर, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूत सहयोग है। विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि मोदी की फ्रांस की द्विपक्षीय यात्रा और जी-7 शिखर सम्मेलन का निमंत्रण भारत और फ्रांस के बीच मजबूत एवं करीबी साझेदारी तथा उच्चस्तरीय राजनीतिक संपर्कों की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है।