- सरकार ने दलालों से बचाने के लिए डीलर के जरिए रजिस्ट्रेशन शुरू करवाया था, लेकिन वे भी ज्यादा पैसा वसूल रहे
- सभी शहरों में गाड़ियों की कीमत समान, लेकिन आरटीओ चार्ज अलग-अलग
Dainik Bhaskar
Aug 11, 2019, 08:01 AM IST
प्रमोद कुमार त्रिवेदी (भोपाल). मध्यप्रदेश में नया वाहन खरीदने पर पूरी कीमत चुकाने के बाद ग्राहक से आरटीओ टैक्स के नाम पर ठगी हो रही है। डीलर आरटीओ में रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स के नाम पर 3 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक ज्यादा वसूल रहे हैं। डीलर इस राशि को कोटेशन में आरटीओ चार्ज (जो वास्तविक से ज्यादा होता है) लिखकर लेते हैं। वाहन खरीदने के बाद ग्राहक को रजिस्ट्रेशन कार्ड दे दिया जाता है। इससे ग्राहक को ठगी का पता ही नहीं चल पाता। ये अवैध वसूली मोटरसाइकिल से लेकर कार खरीदने वालों से ही नहीं, बल्कि ट्रक जैसे कमर्शियल वाहन खरीदने वालों से भी होती है। मध्यप्रदेश में पिछले तीन साल में 20 लाख वाहनों की बिक्री हुई है। एक वाहन से ठगी का औसत 5 हजार रुपए भी मानें तो तीन साल में आरटीओ खर्च के नाम पर एक हजार करोड़ रुपए की ठगी की जा चुकी है।
ऐसे समझें टैक्स का गणित
- आपकी कार की एक्स शोरूम प्राइस 6 लाख 72 हजार 855 है तो आपका रोड टैक्स बनता है 672855*7/100=47099 रुपए। इसके अलावा 1200 रुपए रजिस्ट्रेशन-स्मार्ट कार्ड आदि की शुल्क मिलाकर कुल आरटीओ खर्च 48,299 रुपए लगना चाहिए। लेकिन इस कीमत की गाड़ी पर 58,270 रुपए वसूले जा रहे हैं। तकरीबन 10 हजार रुपए ज्यादा।
- दोपहिया वाहन की कीमत 52,130 है तो टैक्स 3,649 रुपए लगना चाहिए, लेकिन डीलर 6 हजार रुपए वसूल रहे हैं।
- अब ट्रक की एक्स शो रूम प्राइस 19 लाख 39 हजार 900 रुपए है तो कमर्शियल वाहन पर 6% टैक्स के हिसाब से 1,04,094 रुपए और एमपी-नेशनल परमिट, फिटनेस के 38 हजार रुपए सहित कुल टैक्स 1,42,094 रुपए बनेगा। लेकिन डीलर 1,55,000 रुपए ले रहे हैं। मतलब 13 हजार रुपए तक ज्यादा।
हर शहर में आरटीओ चार्ज अलग, छोटे शहरों में ज्यादा लूट
हमने अलग-अलग कंपनियों की कारों का इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, गुना और रायसेन से कोटेशन लिया। सभी शहरों में कीमत तो लगभग समान थी, लेकिन आरटीओ चार्ज अलग-अलग था। इंदौर-भोपाल में 6 हजार से 7 हजार तक तो ग्वालियर-रायसेन-गुना में 10 से 15 हजार तक ज्यादा वसूला जा रहा है।
ट्रक पर अवैध वसूली 13 से 20 हजार तक
ऐसा नहीं है कि डीलर केवल यात्री वाहन की खरीदी पर ही धोखाधड़ी कर रहे हों, वे कमर्शियल वाहन पर भी ग्राहक को नहीं बख्श रहे हैं। जब हमने आयशर ट्रक का कोटेशन लिया और आरटीओ चार्ज देखा तो 13 हजार रुपए ज्यादा वसूले जा रहे थे। इस बारे में जब पूछा गया कि ये चार्ज कैसा है तो कोटेशन देने वाले एक्जीक्यूटिव आलोक ने बताया कि ये आरटीओ में लगने वाला सर्विस चार्ज है।
दोपहिया वाहन पर 5 हजार तक ज्यादा
डीलर की ठगी का पैमाना देखें तो दोपहिया वाहन की कीमत पर सबसे ज्यादा ठगी हो रही है। 50 हजार रुपए के वाहन पर 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे हैं।
गड़बड़ी रोकने के लिए डीलर को अधिकार दिया था, लेकिन यहां भी ठगी
पुरानी व्यवस्था के अनुसार, रजिस्ट्रेशन के लिए सीधे परिवहन विभाग जाना पड़ता था। तीन साल पहले सरकार ने दलालों से बचाने के लिए डीलर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू किया। यहां दलालों की जगह डीलर ने ले ली और गाड़ी खरीदने वाले को कोई फायदा नहीं हुआ।
डिस्काउंट के खेल में भी कमाई
अगर किसी गाड़ी पर डिस्काउंट या एक्सचेंज ऑफर है तो पहले एक्स शोरूम कीमत से डिस्काउंट राशि कम होगी, इसके बाद ही टैक्स लगेगा। लेकिन शो रूम संचालक यहां भी ठगी से बाज नहीं आ रहे हैं। वो ऑन रोड कीमत में से डिस्काउंट कम करते हैं। मतलब गाड़ी की एक्स शोरूम प्राइस 6 लाख है और 30 हजार का डिस्काउंट है तो टैक्स 5 लाख 70 हजार रुपए पर लगना चाहिए। लेकिन शोरूम संचालक पूरे 6 लाख पर टैक्स वसूलते हैं।
एफआईआर कराएं ग्राहक
निर्धारित शुल्क से ज्यादा या बिना रसीद के एक भी पैसा वसूलना गलत है। अगर काेई भी ऐसा कर रहा है तो ग्राहक उसके खिलाफ एफआईआर करवाए। पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। आरटीओ में शिकायत होती है तो डीलर का ट्रेड लायसेंस भी निरस्त होगा। वैसे आरटीओ का वाहन रजिस्ट्रेशन से सीधा कोई वास्ता नहीं है। – शैलेंद्र श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त, मध्यप्रदेश
ज्यादा राशि लेना गलत
अगर ज्यादा राशि ली जा रही है तो गलत है। अब तो जीएसटी होने से पूरे देश में एक ही कीमत होना चाहिए और आरटीओ की निर्धारित फीस भी पूरे प्रदेश में समान होना चाहिए। – आशीष पांडे, अध्यक्ष, मप्र ऑटो मोबाइल एसोसिएशन
किस वाहन पर कितना टैक्स?
वाहन | टैक्स |
10 लाख रुपए एक्स शोरूम प्राइस तक के पेट्रोल वाहन | 7 प्रतिशत |
10 लाख रुपए एक्स शोरूम प्राइस तक के डीजल वाहन | 8 प्रतिशत |
10 लाख रुपए एक्स शोरूम प्राइस से ज्यादा के पेट्रोल वाहन | 8 प्रतिशत |
10 लाख लाख रुपए एक्स शोरूम प्राइस से ज्यादा के डीजल वाहन | 9 प्रतिशत |
कमर्शियल वाहन | 6 प्रतिशत |
टैक्स के बाद में फीस
कार की आरटीओ रजिस्ट्रेशन फीस | 1,200 रुपए |
अगर कार फायनेंस करवाते हैं तो कुल रजिस्ट्रेशन फीस | 2,900 रुपए |
दो पहिया वाहन की रजिस्ट्रेशन सहित अन्य फीस | 600 रुपए |