- मैरीकॉम को बिना ट्रायल वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए 10 सदस्यीय टीम में जगह मिली
- सिलेक्शन कमेटी ने कहा टीम फाइनल, अब कोई बदलाव नहीं होगा
- निखत जरीन ने ट्रायल के लिए अध्यक्ष को ई-मेल किया है, पर जवाब नहीं मिला
Dainik Bhaskar
Aug 09, 2019, 08:54 AM IST
नई दिल्ली. बॉक्सिंग फेडरेशन ने सिलेक्शन विवाद के बाद भी अपना फैसला नहीं बदला। एमसी मैरीकॉम को बिना ट्रायल के वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया। 51 किलो वेट कैटेगरी की एक अन्य खिलाड़ी निखत जरीन के ट्रायल में पहुंचने के बाद भी मौका नहीं दिया गया था। गुरुवार को टूर्नामेंट के लिए सभी 10 कैटेगरी के लिए नाम घोषित कर दिए। निखत ने ट्रायल कराने को लेकर अध्यक्ष अजय सिंह को ई-मेल किया था। लेकिन अब तक उन्हें जवाब नहीं मिला है। निखत ने कहा कि जवाब मिलने के बाद वे अगला कदम उठाएंगी।
निखत ने कहा कि ओलिम्पिक क्वालिफिकेशन में टीम भेजने से पहले ट्रायल कराए जाने चाहिए। वहीं सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा कि टीम चुन ली गई और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। वर्ल्ड चैंपियनशिप के मुकाबले 3 से 13 अक्टूबर तक रूस में होने हैं।
एक अन्य कैटेगरी का भी ट्रायल नहीं लिया गया
मैरीकाॅम के कोच छोटेलाल यादव ने कहा कि फेडरेशन ने खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन को देखकर ही उनका चयन किया है। अगर सिलेक्शन कमेटी को लगता कि ट्रायल जरूरी हैं तो वह जरूर कराती। 69 किग्रा कैटेगरी में भी ट्रायल नहीं कराए गए। मैरीकॉम ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा छह गोल्ड मेडल जीते था।
मैरीकाॅम खेल पुरस्कार देने वाली कमेटी में
खेल पुरस्कार के लिए मंत्रालय ने 12 खिलाड़ियों की एक कमेटी बनाई है। इसमें मैरीकॉम भी हैं। यह कमेटी 29 अगस्त को दिए जाने खेल पुरस्कार के लिए पात्र खिलाड़ियों को चुनेगी।
5 खिलाड़ी पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में उतरेंगी
मंजू रानी, जमुना, नीरज, मंजू, नंदिनी पहली बार टूर्नामेंट में उतरेंगी।
10 सदस्यीय टीम: मंजू रानी (48 किग्रा), मैरीकॉम (51 किग्रा), जमुना (54 किग्रा), नीरज (57 किग्रा), सरिता देवी (60 किग्रा), मंजू (64 किग्रा), लवलीना (69 किग्रा), स्वीटी (75 किग्रा), नंदिनी (81 किग्रा) और कविता चहल (81+ किग्रा)
अमेरिका में बड़े टूर्नामेंट के लिए ट्रायल जरूरी तो जमैका में नहीं है
सोशल मीडिया पर फैंस निखत को सपोर्ट कर रहे हैं। जमैका की स्पोर्ट्स पॉलिसी के अनुसार, अगर कोई ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप का मल्टीपल मेडलिस्ट अनफिट है, फिर भी उसे ओलिंपिक की टीम में चुन लिया जाता है। लेकिन उसैन बोल्ट ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने रियो ओलिंपिक के पहले लंदन एनिवर्सरी गेम्स में हिस्सा लिया और रियो के लिए क्वालिफाई किया था।
बोल्ट ने अनफिट होने के बाद भी ट्रायल दिया था
बोल्ट ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में 11 और ओलिंपिक में 8 गोल्ड जीते हैं। 100-200 मी का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है।
अमेरिका में हर खेल में ट्रायल के बाद टॉप-3 खिलाड़ी क्वालिफाई करते हैं
अमेरिका की स्पोर्ट्स पॉलिसी के अनुसार, सभी बड़े टूर्नामेंट के लिए सिलेक्शन ट्रायल होते हैं। उस ट्रायल के टॉप-3 खिलाड़ी क्वालिफाई करते हैं। ओलिंपिक के सबसे सफल खिलाड़ी माइकल फेल्प्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप की सबसे सफल जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स वभी ट्रायल में उतरे थे।
- तैराक फेल्प्स ने ओलिंपिक में 23 गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप में 26 गोल्ड जीते हैं।
- जिम्नास्ट बाइल्स ने 4 ओलिंपिक गोल्ड और 14 वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडल जीते।