- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शिमला समझौते का हवाला देते हुए कहा- कश्मीर मामले पर कोई तीसरा पक्ष मध्यस्थता नहीं कर सकता
- हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की बात की थी, भारत ने इससे इनकार कर दिया था
- मोदी सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी कर दिया, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे
- पाकिस्तान ने भारत के इस फैसले को एकतरफा और अवैध बताया, मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात कही थी
Dainik Bhaskar
Aug 09, 2019, 09:18 AM IST
न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने को कहा है। साथ ही दोनों देशों को जम्मू-कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करने वाले कदम उठाने से परहेज करने का आग्रह किया। उन्होंने शिमला समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी तीसरा पक्ष मध्यस्थता नहीं कर सकता। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की बात कही थी, हालांकि भारत ने इससे इनकार कर दिया।
दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए- गुटेरेस
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि महासचिव जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने दोनों देशों को शांति बनाए रखने को कहा है। महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1972 के शिमला समझौते के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई भी फैसला शांतिपूर्ण तरीकों से ही किया जाना है।
भारत सरकार ने सोमवार को अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी कर दिया था। साथ ही लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को एकतरफा और अवैध करार दिया था। साथ ही मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में ले जाने की बात कही थी।
पाक विदेश मंत्री चीन रवाना हुए
दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शुक्रवार सुबह चीन के लिए रवाना हो गए। कुरैशी अपने चीनी समकक्ष वांग यी और अन्य नेताओं से मिलेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। विदेश सचिव सोहेल भी उनके साथ गए हैं।
इमरान ने अंतरराष्ट्रीय समूदाय से समर्थन मांगा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा था। उन्होंने कहा था कि कश्मीरियों के खिलाफ अधिक से अधिक सैन्य बल का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। कश्मीर में कर्फ्यू हटाए जाने के बाद कश्मीरियों के साथ क्या होगा, यह देखने के लिए पूरी दुनिया इंतजार कर रही है। भाजपा सरकार कश्मीरियों के खिलाफ सैन्य बल का इस्तेमाल करके सोचती है कि उनके स्वतंत्रता आंदोलन को रोक देगा। घाटी में भय का माहौल है।
पाक ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती का फैसला किया
पाक ने कहा कि वह भारत के अनुच्छेद 370 पर लिए गए फैसले के खिलाफ हर संभव कोशिश करेगा। पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को खत्म करने और राजनयिक संबंधों में कटौती करने का फैसला किया था। भारत ने गुरुवार को पाक से अपने फैसले की एक बार फिर समीक्षा करने की बात कही थी।
हालांकि, चीन ने भारत के इस कदम का विरोध किया था। चीन ने कहा था कि भारत ने हमारी क्षेत्रिय संप्रभुता को कम आंका है। इसके बाद भारत ने चीन के बयान पर कहा था कि यह हमारा आंतरिक मामला है।