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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैम्पियनशिप के लिए नेशनल कैंप का पहला दिन, एक भी खिलाड़ी नहीं पहुंचा

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  • सेना, रेलवे के खिलािड़यों को कैंप में शामिल होना था; सेना के खिलाड़ी इंटरनल टूर्नामेंट की तैयारी कर रहे, रेलवे के खिलाड़ी अपने कैंप में 
  • दिसंबर 2017 में भी काॅमनवेल्थ गेम्स के लिए लगे नेशनल कैंप के पहले दिन खिलाड़ी नहीं पहुंचे थे

Dainik Bhaskar

Aug 02, 2019, 09:30 AM IST

खेल डेस्क. जिम्नास्टिक का नेशनल कैंप 19 महीने बाद एक बार फिर विवादों में है। वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए दिल्ली के आईजी स्टेडियम में यह कैंप गुरुवार से शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ कागजों में क्योंकि पहले दिन कैंप में हिस्सा लेने के लिए 16 जिम्नास्ट में से एक भी नहीं पहुंचा। वजह- पुरुषों के कैंप में शामिल 8 जिम्नास्ट में से 7 सेना के हैं जबकि एक रेलवे का है। सेना का इंटरनल टूर्नामेंट 6 अगस्त से होना है। उसके जिम्नास्ट इसी की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, महिला कैंप की 8 में से 4 जिम्नास्ट रेलवे की हैं। रेलवे का अपना कैंप चल रहा है।

नेशनल कैंप के आयोजन की जिम्मेदारी साई की है। जबकि कैंप में हिस्सा लेने के लिए खिलाड़ी नेशनल एसोसिएशन, स्टेट एसोसिएशन और सेना-रेलवे के स्पोर्ट्स बोर्ड से आते हैं। इन तीनों के बीच तालमेल की कमी से कैंप में खिलाड़ी नहीं पहुंचे। मामले के जिम्मेदार साई, एसोसिएशन और सेना-रेलवे के स्पोर्ट्स बोर्ड पल्ला झाड़ते नजर आए। साई के सूत्रों ने कहा कि किसी एसोसिएशन ने हमें इंटरनल टूर्नामेंट की जानकारी नहीं दी। जबकि एसोसिएशन का कहना है कि साई ने उनसे कैंप या टूर्नामेंट के बारे में जानकारी नहीं ली। 

छह में से तीन कोच भी गुरुवार तक नहीं पहुंचे
पुरुष टीम के तीन कोच में से मुख्य कोच अशोक मिश्रा और सेना के बीएल बायस्कर भी नहीं पहुंच पाए हैं। एक महिला कोच भी नहीं पहुंची। 30 सितंबर तक चलने वाले कैंप के दौरान ही ओपन ट्रायल भी होंगे। इनसे टीम चुनी जाएगी। वर्ल्ड चैम्पियनशिप 4 अक्टूबर से जर्मनी में होनी है।

कैंप के लिए खिलाड़ी एक महीने पहले चुने गए थे
कैंप के लिए 16 खिलाड़ियों का चयन एक महीने पहले ट्रायल से हुआ था। पुरुष में सभी खिलाड़ी सेना और रेलवे के थे जबकि महिला में 4 रेलवे की, 3 महाराष्ट्र और एक बंगाल की है। इस कैंप में इंटरनेशनल टूर्नामेंट में मेडल जीत चुकीं जिम्नास्ट दीपा कर्माकर, अरुणा रेड्डी और आशीष कुमार नहीं है।

भास्कर के रिपोर्टर ने फोटो ली तो जबरन डिलीट करवा दी गई
गुरुवार को भास्कर के रिपोर्टर कैंप की खबर के सिलसिले में जिम्नास्टिक हॉल में पहुंचे। उन्होंने वहां की फोटो क्लिक की। कोच रोहित जायसवाल आकर उनसे बाेले कि आपने जो फोटो क्लिक की है, वह डिलीट करें। वे रिपोर्टर का मोबाइल लेने लगे। फिर गार्ड को बुला लिया। गार्ड ने परिचय पत्र मांगा। रिपाेर्टर द्वारा परिचय पत्र दिखाने के बाद गार्ड ने कहा कि आप फोटो नहीं खींच सकते। मीडिया के आने पर प्रतिबंध है। रिपोर्टर से जबरन फोटो डिलीट करवाई। इसके बाद गार्ड ने रिपोर्टर को बाहर कर दिया।

2017 में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कैंप की सूचना सिर्फ 4 दिन पहले दी गई थी

साई की ओर से जिम्नास्टिक के नेशनल कैंप में खामी पहले भी आ चुकी है। दिसंबर 2017 में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए नेशनल कैंप की सूचना सिर्फ चार दिन पहले एसोसिएशन को दी गई थी। इतने कम वक्त में कई खिलाड़ी नहीं पहुंच सके थे क्योंकि उन्हें अपने-अपने डिपार्टमेंट से परमिशन और एनओसी लेनी थी, जो नहीं मिल पाई थी।

साई ने कहा- फेडरेशन ने कैंप लगाने केलिए हमें देर से प्रपोजल दिया था 
साई के सूत्रों के अनुसार, जिम्नास्टिक फेडरेशन ने कैंप लगाने के लिए साई को देर से प्रपोजल दिया। इसके बाद जब साई ने कैंप की तारीख संबंधित फेडरेशन और उसके संस्थानों को दी, तो उनकी ओर से किसी भी इंटरनल टूर्नामेंट की जानकारी साई को नहीं दी गई। कैंप में पुरुष खिलाड़ियों के अलावा कुछ महिला खिलाड़ी गुरुवार तक नहीं आ पाई हैं। उन्होंने कैंप ज्वाइन न करने का कारण बीमार होना बताया है। वे तबियत ठीक होने के बाद कैंप से जुड़ेंगी।

फेडरेशन ने कहा- साई ने कैंप के बारे में बताया, लेकिन हमसे कुछ नहीं पूछा
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त भारतीय फेडरेशन के सचिव शांति कुमार ने बताया, ‘साई ने हमें कैंप की जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने ये नहीं पूछा कि हमसे एफिलेटेड एसोसिएशन या संस्था का कोई कैंप या टूर्नामेंट तो नहीं है। अगर साई ने ये जानकारी ली होती तो यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।’ वहीं, इंटरनेशनल फेडरेशन से मान्यता प्राप्त भारतीय फेडरेशन के सचिव दीपक कामरा ने कहा, ‘साई की जिम्मेदारी है कि कैंप इस तरह से लगाए ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो।’

साई के पूर्व कोच बोले- कैलेंडर बनाने की जिम्मेदारी साई की, उन्हें ध्यान रखना चाहिए
साई के एक पूर्व कोच ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘कैंप के लिए कैलेंडर बनाने की जिम्मेदारी साई की है। उसे ध्यान रखना चाहिए कि जब वे कैंप लगा रहे हों, उस दौरान किसी नेशनल फेडरेशन या अन्य फेडरेशन का इवेंट न हो। उन्हें इस बारे में फेडरेशन को सूचित करना चाहिए। अगर कोई टूर्नामेंट इस दौरान हो रहा हो, तो उन्हें कैंप की तारीख बदल देनी चाहिए। इसके अलावा फेडरेशन की जिम्मेदारी भी होती है कि वे टूर्नामेंट के बारे में साई को पहले से सूचना दें।’

पुरुष टीम के कोच जायसवाल बोले- 9 अगस्त के बाद सेना के खिलाड़ी आएंगे
कैंप में सिर्फ पुरुष टीम के कोच रोहित जायसवाल पहुंचे हैं। उन्होंने बताया, ‘कैंप गुरुवार से शुरू हो गया है। सेना का इंटरनल टूर्नामेंट 9 अगस्त तक है। उसके बाद ही उसके खिलाड़ी आएंगे। रेलवे के एक खिलाड़ी आदित्य सिंह राणा जल्द ही कैंप से जुड़ जाएंगे। कोच के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है।’ रोहित खेलो इंडिया के भी कोच हैं। कैंप के कॉर्डिनेटर बीएस बावा ने फोन पर बताया कि वे स्टेडियम में नहीं है। इसलिए नहीं बता पाएंगे कि किन-किन खिलाड़ियों ने रिपोर्टकिया है।

व्यक्तिगत कारण से कैंप में शामिल नहीं हो पाई : महिला टीम की कोच
पुरुष टीम के कोच अशोक मिश्रा ने कहा, ‘मैं प. बंगाल में साई में नियुक्त हूं। यहां के रीजनल डायरेक्टर ने मुझे कैंप में शामिल होने को लेकर रिलीव नहीं किया है। इसलिए मैं कैंप में नहीं पहुंच पाया हूं।’ महिला टीम की कोच मनीरा बेगम ने कहा, ‘मैं किसी व्यक्तिगत कारण से एक अगस्त से शुरू होने वाले कैंप मेंे शामिल नहीं हो पाई हूं। मैं तीन अगस्त को कैंप से जुड़ूंगी। एक कोच जेपी चक्रवर्ती पहुंच चुके हैं।’

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