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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पाक सेना को 865 करोड़ रु. की मदद दिए जाने के फैसले को भारत ने गंभीर चिंता का विषय बताया

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  • भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- इस मामले को दिल्ली में स्थित अमेरिकी राजदूत के सामने उठाया गया
  • पेंटागन ने पिछले हफ्ते ही अमेरिकी कांग्रेस को बताया था कि वह एफ-16 जेट्स की देखरेख के लिए पाक की आर्थिक मदद करेगा
  • जनवरी 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को किसी भी तरह का रक्षा सहयोग देने पर पाबंदी लगाई थी

Dainik Bhaskar

Aug 02, 2019, 09:14 AM IST

नई दिल्ली. अमेरिका की तरफ से पाक सेना को 865 करोड़ रुपए (12.5 करोड़ डॉलर) की मदद दिए जाने के फैसले को भारत ने गंभीर चिंता का विषय बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि इस मामले को दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत और वॉशिंगटन में ट्रम्प प्रशासन के सामने भी उठाया गया है। 

न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी राजदूत को साउथ ब्लॉक में बुलाकर इस मामले में विरोध दर्ज कराया गया। दरअसल, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने पिछले हफ्ते ही संसद को बताया था कि वह पाक को एफ-16 फाइटर जेट्स की निगरानी के लिए 865 करोड़ रुपए देगा। पेंटागन का यह फैसला पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात के ठीक बाद आया था। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका ने  बताया है कि प्रस्तावित सेल से पाकिस्तान के प्रति उसका रुख नहीं बदलेगा। पाक को यह मदद सिर्फ इसलिए दी जा रही है ताकि वह एफ-16 विमानों के रखरखाव की तकनीकी और संचालन से जुड़ी दिक्कतों को ठीक कर सके। अमेरिका आने वाले समय में भी पाक को किसी भी तरह की सैन्य मदद बंद रखेगा। पेंटागन ने दावा किया था कि पाक की प्रस्तावित मदद से क्षेत्र में कोई असंतुलन नहीं फैलेगा।” 

अमेरिका से पाक को इस तरह मदद मिलेगी
ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को रक्षा सहयोग देने के मामले पर जनवरी 2018 में रोक लगा दी थी। यह फैसला अभी भी बरकरार रखा गया है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद केवल इतना बदलाव आया है कि अमेरिका का तकनीकी स्टाफ पाकिस्तान के एफ-16 प्रोग्राम पर नजर बनाए रखने के लिए 60 प्रतिनिधि देगा, जो कॉन्ट्रेक्ट बेस्ड होंगे।

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