- ऐसे ग्राहकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है जो दूसरे स्मार्टफोन ब्रांड पर स्विच करना सही समझते हैं
- ऐसे ब्रांड जो प्रोडक्ट क्वालिटी और अन्य पहलुओं पर ज्यादा इंवेस्ट करते हैं वे तेजी से आगे बढ़े
Dainik Bhaskar
Jul 26, 2019, 07:25 PM IST
गैजेटे डेस्क. अक्सर देखने में आता है कि स्मार्टफोन खरीदते वक्त ग्राहक काफी चूजी हो जाते हैं। कोई बड़ी डिस्प्ले वाला फोन रखना पसंद करता है तो कोई अपने फोन में दमदार कैमरा चाहता है। साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह सामने आया कि नया फोन खरीदते समय 89% ग्राहक अच्छे कैमरे को प्राथमिकता देते हैं वहीं 79% ग्राहक रैम और 72% ग्राहक फोन के इंटरनल स्टोरेज को प्राथमिकता देते हैं। यह सर्वे फरवरी 2019 में देश के आठ शहरों में किया गया जिसमें 15 से 30 साल तक के युवा शामिल थे। सर्वे में यह भी सामने आया कि ऐसे ग्राहकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है जो ब्रांड बदलने से परहेज नहीं करते।
प्रोडक्ट क्वालिटी को प्राथमिता देते हैं 92% ग्राहक- सीएमआर
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सर्वे में यह बात भी सामने आई की फोन खरीदते समय 92% ग्राहक प्रोडक्ट की क्वालिटी को प्राथमिकता देते है तो 90% ग्राहक प्रोडक्ट की परफॉर्मेंस को ज्यादा तवज्जो देते हैं। जबकि ऑफ्टर सेल्स सर्विस को प्राथमिकता देने वालों में सिर्फ 76% ग्राहक ही शामिल है।
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रिपोर्ट के मुताबिक सैमसंग का भारत में सबसे बड़ा रिटेल नेटवर्क है जो ऑफ्टर सेल्स में भी काफी आगे है बावजूद इसके 89% ग्राहक ओप्पो को ज्यादा विश्वसनीय समझते हैं जिसके बाद श्याओमी और रियलमी का नाम आता है।
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सीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक ओवरऑल परफॉर्मेंस के बात करें तो 94% ग्राहक रियलमी के फोन को प्राथमिकता देते हैं जिसके बाद 93% के साथ श्याओमी का नाम आता है।
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94% के साथ सबसे ज्यादा ग्राहक रियलमी के फोन को उसकी प्रोडक्ट क्वालिटी की वजह से खरीदना पसंद करते हैं जबकि 96% रियलमी फोन को उसके वैल्यू फॉर मनी होने की वजह से खरीदते हैं।
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स्मार्टफोन प्रोडक्ट क्वालिटी इंडेक्स पर नजर डाले तो नंबर वन स्मार्टफोन ब्रांड का खिताब रियलमी के नाम है। लेकिन फोन की खूबसूरती की बात आती है तो 94% के साथ ओप्पो पहले स्थान पर आता है जिसकी बाद 93% के साथ ओप्पो और 92% के साथ सैमसंग और वीवो आते हैं।
2019 की दूसरी तिमाही में श्याओमी के 3.7 करोड़ फोन आयात हुए – काउंटर प्वाइंट
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गुरुवार को जारी हुई काउंटर प्वाइंट की रिसर्च के अनुसार चीनी स्मार्टफोन ब्रांड श्याओमी ने 2019 की दूसरी तिमाही में 3.7 करोड़ यूनिट्स भारत में आयात की जो अन्य स्मार्टफोन कंपनियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।
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काउंटर प्वाइंट की मार्केट मॉनिटर सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का सीबीके ग्रुप जिसमें ओप्पो, वीवो, रियलमी और वनप्सल जैसे ब्रांड आते हैं, पहली बार भारत का सबसे ज्यादा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर करने वाला ग्रुप बना है।
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सैमसंग की सालाना आयात में 7% की गिरावट देखने को मिली है लेकिन ए सीरीज और एम सीरीज के आने के बाद इसमें 30% की ग्रोथ देखने को मिली है।
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रियलमी भी अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन रियरमी सी2 और रियलमी 3 प्रो की परफॉर्मेंस के दम पर टॉप फाइव ब्रांड में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई है। लॉन्चिंग के कुछ महीने के अंदर रियलमी सी2 ने 10 लाख यूनिट्स बेच दिए थे।
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रियलमी सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड है जिसने भारतीय बाजार में लॉन्चिंग के सिर्फ एक साल के अंदर 8 करोड़ यूनिट आयात का आंकड़ा पार कर लिया था।
इस बारे में स्मार्टफोन इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल्स का क्या है कहना
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- कस्टमर की सबसे पहले प्रिफरेंस कैमरा होती है, उसमें भी फ्रंट कैमरा यानी सेल्फी कैमरा ज्यादा मानये रखता है कि वे 48 मेगापिक्सल का या 32 मेगापिक्सल कैमरा है। ग्राहक सबसे पहले जब फोन हाथ में लेते हैं तो वह सबसे पहले सेल्फी कैमरा खोलते हैं जिसमें वे खुद का चेहरा देखना पसंद करते हैं। दूसरे नंबर पर आता है रियर कैमरा जिसमें ट्रिपल कैमरा सेटअप फिलहाल ट्रेडिंग में है। तीसरे नंबर पर आता है रैम और रोम क्योंकि इन्हें वो एक्सपीरियंस नहीं कर सकता। सबसे ज्यादा कस्टमर स्टोरेज देख रहे हैं क्योंकि रैम उनके लिए इतनी इंपोर्टेंट नहीं है।
- कौन से ब्रांड का फोन खरीदना चाहिए इसका फैसला कस्टमर फोन को हाथ में लेने पर उसकी बिल्ट क्वालिटी, हार्डवेयर, कैमरा और डिजाइन देखकर तय करता है। खूद के एक्सपीरियंस के बाद ग्राहक फोन खरीदता है। बजट की बात की जाए तो आज के समय में ज्यादा मायने नहीं रखता है। कुछ साल पहले तक कस्टमर 7-8 हजार का फोन लेने से पहले काफी सोच-विचार करता था लेकिन अब बाजार में दर्जनों फाइनेंस कंपनियां आ गई है जो कस्टमर को आसानी से फाइनेंस उपलब्ध करवा देती है। जब यह सुविधा नहीं थी तब 8-10 हजार का फोन लेना कई लोगों के लिए काफी मुश्किल था लेकिन अब वह 15 हजार तक का फोन आसानी से खरीद लेता है।
- एक जैसी कीमत के कई ऑप्शन होने पर कस्टमर अपनी फैमिली मेंबर, परिजन और इंटरनेट पर रिसर्च करने के बाद तय करता है। इस समय ओवरऑल इंडस्ट्री की बात करें तो सबसे 6 से 10 हजार वाले स्मार्टफोन वाले सबसे ज्यादा बिकते हैं उसके बाद 10 से 15 हजार कीमत के फोन सबसे ज्यादा बिकते हैं।- प्रनय सुगंधि (सेल्स मैनेजर, ओप्पो मोबाइल)
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- सबसे पहले लोग ब्रांड को प्राथमिकता देते हैं उसके बाद बारी आती है प्रोसेसर, स्टोरेज और रैम की। आजकल कैमरे का प्रचलन भी बढ़ गया है। लेकिन बहुत से कस्टमर सिर्फ कैमरे पर फोकस नहीं करते बल्कि अच्छी रैम-रोम भी चाहते हैं। हर कस्टमर की जरूरत अलग-अलग होती है, जिन्हें कैमरा का ज्यादा काम होता है सिर्फ वे ही बेहतर कैमरा फोन चाहते हैं वहीं बहुत से कस्टमर्स रैम और स्टोरेज को प्राथमिकता देते हैं।
- कुछ कस्टमर कम रेंज का फोन लेने आते हैं लेकिन जब वह देखते हैं कि थोड़ा और पैसा खर्च करके ज्यादा बेहतर फोन मिल रहा है जिसमें डिस्प्ले भी ज्यादा है और रैम भी तो वे उस पर स्विच होना बेहतर समझता है। वहीं फाइनेंस की सुविधा ने इसे और आसान बना दिया है।
- अच्छी फाइनेंस स्कीन मिलने पर 10 हजार का फोन लेने वाला कस्टमर भी 15 हजार के फोन पर स्विच हो जाता है। श्याओमी की बात करें तो सबसे ज्यादा डिमांड में नोट 7 प्रो की है लेकिन फोन का लाइव एक्सपीरियंस करने पर ज्यादातर ग्राहक दूसरे फोन पर डायवर्ट हो जाता है। – दिनेश सोनी (सैमसंग रिटेल स्टोर)
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- कस्टमर्स आज के समय में तीन चीजों को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं पहला कैमरा, दूसरा प्रोसेसर और तीसरा स्टोरेज जिसमें वे ज्यादा से ज्यादा एप्लीकेशन रख सके।
- इसके बाद ग्राहक डिजाइन देखता है। बजट की बात करें तो 70% ज्यादातर कस्टमर्स 15 हजार या उससे कम बजट में बेहतरीन फोन खरीदना चाहते हैं। कई ग्राहक ऐसे भी आते हैं जो दिमाग में 10 हजार का बजट लेकर आते हैं लेकिन अगर उसको 13 या 15 हजार का कोई फोन पसंद आ रहा है जो उसकी जरूरतों को पूरा करता है तो वो ज्यादा बजट का फोन लेने से भी परहेज नहीं करता।
- फोन खरीदने के लिए फाइनेंस की सुविधा भी उपलब्ध है जिसके जरिए कस्टमर ज्यादा बजट के फोन भी खरीद लेता है। – विनायक (श्याओमी, ट्रेनर)
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