- पाक की इस साइकिल रेस को टूर डि फ्रांस की तर्ज पर टूर डि खुंजराब नाम दिया गया है
- रेस के चार चरण, 3 फेस 68 से 94 किमी लंबे होंगे, चौथा चरण थोड़ा छोटा होगा
- रेस 4700 मीटर की ऊंचाई पर खत्म होगी, यह जगह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी मो ब्लां से 100 मीटर ज्यादा
Dainik Bhaskar
Jul 14, 2019, 09:03 AM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इस वक्त साइकिल रेस टूर डी खुंजराब हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे मशहूर साइकिल रेस टूर डी फ्रांस से भी कठिन है। इसमें 88 रेसर हिस्सा ले रहे हैं। यह रेस करीब 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर खत्म होगी। यह जगह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी मो ब्लां से महज 100 मीटर से कम है।
कई देशों के लोग हिस्सा ले रहे
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जून के आखिरी हफ्ते में यह रेस शुरू हो चुकी है। इसमें अफगानिस्तान, श्रीलंका, स्पेन और स्विट्जरलैंड के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। रेस के चार चरण हैं। तीन चरण 68 से 94 किमी लंबे होंगे। चौथे में इनमें फेज में इससे कम दूरी तय करनी होगी।
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रेस की खास बात यह है कि इसकी शुरुआत समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर हुई। यह 4700 मीटर की ऊंचाई पर खत्म होगी। इस जगह की ऊंचाई मो ब्लां से महज 100 मीटर कम है। टूर डी फ्रांस इसरन पास पर खत्म होती है। इसकी ऊंचाई 2800 मीटर है।
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उत्तर गिलगित क्षेत्र के अफसर उस्मान अहमद कहते हैं- खुंजराब रेस दुनियाभर के साइकिलिस्ट के लिए एक साहसिक स्पर्धा है। रेसर काराकोरम हाईवे पर साइकिलिंग करते हैं। यह दुनिया का सबसे ऊंचा हाईवे है। रेस के दौरान प्रतिभागियों को जबर्दस्त ठंड, तीखे ढलान, चढ़ाई और तेज हवा का सामना करना पड़ता है। अहमद कहते हैं कि दुनिया की किसी दूसरी जगह ये परिस्थितियां नहीं मिल सकतीं।
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पाकिस्तान साइकिलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट हारून जनरल कहते हैं- इसमें कोई शक नहीं कि यह दुनिया की सबसे मुश्किल साइकिल रेस है। इसका सबसे कठिन हिस्सा अंतिम चरण है। इस दौरान प्रतिभागियों को ऑक्सीजन की कमी वाले इलाके से गुजरना होता है, तब दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इतनी ऊंचाई पर विपरीत परिस्थितियों में कोई व्यक्ति 200 मीटर दौड़ने के बाद गिर सकता है लेकिन हमारे साइकिलिस्ट करीब 59 किमी का सफर तय करते हैं।
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हारून के मुताबिक- अंतिम चरण के दौरान 5 एंबुलेंस हर मौके के लिए तैयार रखी रखी जाती हैं लेकिन ज्यादातर रेसर वह कठिन हालात भी पार कर लेते हैं। खुंजराब पास पाक और चीन के बीच में स्थित है।
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एक रेस जीत चुके पाक के नजीबउल्ला कहते हैं- फाइनल फेज के दौरान मुझे सांस की परेशानी हुई थी। अंतिम चढ़ाई के दौरान तेज हवाओं के चलते साइकिल चलाने में परेशानी आ रही थी। एक अन्य प्रतिभागी अब्दुल्ला असलम ने बताया कि जब हम फाइनल स्टेज में पहुंचते हैं, तब हमारी सारी तैयारी कम पड़ जाती है। उस दौरान तो पैडल चलाना भी मुश्किल हो जाता है।
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ऑर्गनाइजर्स का कहना है कि कई सेक्शंस में ढाल 20% तक हो जाता है, ऐसा दुनिया में कहीं और देखने में नहीं आता। हर जगह रेसरों को सावधान और सुरक्षित रहने के निर्देश दिए जाते हैं। पाकिस्तान में स्पेन के डिप्लोमेट रेमन अंतेलो का कहना है कि हर पहाड़, हर शहर में रेस के लिए वेलकम बोर्ड लगे होते हैं। इसे आप दुनिया का बेहतरीन साइकिलिंग अनुभव कह सकते हैं।
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