- एक्सपर्ट के मुताबिक, भारतीय और चीनियों की शिक्षा ब्रिटिशों से बेहतर, दोनों देशों के लोगों का वर्कप्लेस पर बर्ताव भी अच्छा
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने देशभर में सर्वक्षण कर यह रिपोर्ट तैयार की
- ब्रिटेन में प्रति घंटे के हिसाब से चीनी 1350 रुपए, भारतीय 1152 रु. और ब्रिटिश कर्मचारी 1030 रु. कमाते हैं
- बांग्लादेशी और पाकिस्तानी कर्मचारी स्थानीय युवकों की औसत कमाई का करीब 5वां हिस्सा ही कमाते हैं
Dainik Bhaskar
Jul 14, 2019, 09:42 AM IST
लंदन. ब्रिटेन में रहने वाले चीन और भारतीय समूह के लोग स्थानीय युवाओं की तुलना में ज्यादा पैसा कमाते हैं। जबकि बांग्लादेशी और पाकिस्तानी कर्मचारियों की औसत कमाई सबसे कम है। नए सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। यूके के राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने 2012 से 18 तक रोजगार के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
प्रति घंटे के हिसाब से वेतन में असमानता- रिपोर्ट
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आंकड़ों में स्थानीय, चीनी, भारतीय और अन्य मिश्रित समूहों के बीच प्रति घंटा के हिसाब से वेतन में असमानता पाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कर्मचारी एक घंटे में करीब 1350 रु. कमाते हैं। जबकि स्थानीय ब्रिटिश युवकों को करीब 1030 रु. मिलते हैं। वहीं, भारतीय कर्मचारी 1152 रु. कमाते हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेशी और पाकिस्तानी युवकों की हर घंटे कमाई करीब 821 रु और 855 रु. है। भारतीय और स्थानीय युवकों के बीच यह अंतर 2012 के बाद से लगातार बना हुआ है। 2018 में भारतीयों की कमाई स्थानीय लोगों से 12%, जबकि चीन के लोगों की 30% ज्यादा थी।
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पुरुष महिलाओं की तुलना में 23.3% ज्यादा कमाते हैं, जबकि चीनी पुरुषों ने चीनी महिलाओं की तुलना में 19.1% ज्यादा कमाई की है। वहीं, श्वेत ब्रिटिश और अश्वेत ब्रिटिश, अफ्रीकी और कैरिबियन श्रमिकों के बीच केवल 3.3% का अंतर है।
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ओएनएस के मुताबिक, सभी समूहों में जो ब्रिटेन के बाहर पैदा हुए, उन्होंने देश में पैदा हुए लोगों की तुलना में कम कमाई की है।
प्रति घंटे के हिसाब से कमाई
देश कमाई चीन 1350 रु. भारत 1152 रु. मिश्रित 1,055 रु. श्वेत ब्रिटिश 1050 रु. अन्य एथियाई 987 रु. अश्वेत अफ्रीकन, कैरेबियन ब्रिटिश 933 रु. पाकिस्तान 855 रु. बांग्लादेश 821 रु. -
रोजगार वकील जेहाद रहमान ने कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटिशों की तुलना में चीनी और भारतीय युवकों की शिक्षा बेहतर हैं। इस कारण ग्रेजुएट होने के बाद उन्हें आसानी से रोजगार मिल जाते हैं और पैसे भी अच्छे मिलते हैं। इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि वर्कप्लेस पर वे अन्य की अपेक्षा बेहतर काम करते हैं।
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