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- Kapil Dev | 36 Years of 1983 World Cup: Kapil Dev Catch Runs 175* vs WI vs Zimbabwe, Key moments and facts
- 1983 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने 6 ग्रुप मैच में से 4 जीते; ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज से 1-1 मैच हारी थी
- लगातार दो हार के बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए कपिल देव ने 175 रन बनाए थे
- कपिल देव ने फाइनल मैच में मदनलाल की गेंद पर विव रिचर्ड्स का कैच पकड़ा था
Dainik Bhaskar
Jun 25, 2019, 07:38 AM IST
नई दिल्ली. टीम इंडिया ने 36 साल पहले आज के ही दिन अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था। 25 जून 1983 को इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर भारत और वेस्टइंडीज के बीच फाइनल हुआ था, जिसमें भारत 43 रन से जीता। वर्ल्ड कप के तीसरे एडिशन में कुल 27 मैच हुए थे। भारत ने 8 मैच खेले और 2 जीते। टीम का इस वर्ल्ड कप में सफर उतना आसान नहीं था, क्योंकि उसका पहला ही मैच दो बार की वर्ल्ड चैम्पियन टीम वेस्टइंडीज से था। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में 6 ग्रुप मैच में से 2 मैच हार चुकी थी। अगर वह एक और मैच हारती तो टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा बढ़ जाता। तीसरे मैच में कप्तान कपिल देव ने 175 रन बनाकर टीम इंडिया का ऐसा मनोबल बढ़ाया कि बाद में उसने ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की।
1983 के वर्ल्ड कप की जीत के टर्निंग प्वॉइंट
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जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए भारत ने 17 रन के अंदर 5 विकेट गंवा दिए। अगर उस मैच में कपिल देव 175 रन की पारी नहीं खेलते और टीम वो मैच हार जाती तो टीम इंडिया की लगातार तीसरी हार होती। इससे टीम इंडिया का मनोबल टूटता। जिम्बाब्वे के बाद उसका अगला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से था। ऑस्ट्रेलिया से टीम इंडिया पहले ही एक मैच हार चुकी थी। जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत का असर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी देखने को मिला। ऑस्ट्रेलिया पर जीत के साथ ही टीम इंडिया सेमीफाइनल और फिर फाइनल में पहुंची।
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ग्रुप मैच का अपना 6वां मैच टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 248 रनों का लक्ष्य दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह स्कोर बहुत बड़ा नहीं था, क्योंकि इससे पहले हुए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 162 रन से हराया था। लेकिन, दूसरे मुकाबले में भारत के दो गेंदबाज- रोजर बिन्नी और मदनलाल के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने टिक नहीं सके। दोनों गेंदबाजों ने इस मैच में 4-4 विकेट लिए थे। इसी जीत के साथ टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची।
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वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मैच में टीम इंडिया सिर्फ 183 रन बना सकी, जो फाइनल के हिसाब से बहुत कम स्कोर था। इस मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए उतरी वेस्टइंडीज की टीम की शुरुआत खराब रही लेकिन बाद में विवियन रिचर्ड्स ने पारी को संभाला। रिचर्ड्स आक्रामक तरीके से बल्लेबाजी कर रहे थे। वे 7 चौके लगा चुके थे। लेकिन तभी मदनलाल की गेंद पर रिचर्ड्स ने मिड विकेट की तरफ शॉट मारा। लेकिन मिड ऑन की तरफ खड़े कपिल देव ने पीछे की ओर भागते हुए उस कैच को लपक लिया था। फाइनल मैच का यही कैच था, जिसने टीम इंडिया को जीत दिलाई।
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1983 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर
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पहला मैच : 9-10 जून 1983, भारत v/s वेस्टइंडीज, मैनचेस्टर
भारत की पारी: वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने 21 रन पर ही अपना पहला विकेट (के. श्रीकांत) गंवा दिया। इसके बाद 46 रन पर दूसरा (सुनील गावस्कर) और 76 रन पर तीसरा (मोहिंदर अमरनाथ) विकेट भी गंवा दिया। 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने यशपाल शर्मा आए। यशपाल ने 120 गेंदों पर 89 रन बनाए। उनके रनों की बदौलत भारत 60 ओवर में 8 विकेट गंवाकर 262 रन बना सका।
टीम इंडिया का स्कोर : 262/8 संदीप पाटिल 36(52) लैरी गोम्स 2/46 (10) यशपाल शर्मा 89 (120) माइकल होल्डिंग 2/32 (12) वेस्टइंडीज की पारी : दो बार की वर्ल्ड चैम्पियन रही वेस्टइंडीज की टीम ने पहला विकेट 49 रन पर गंवाया। एंड्र्यू रॉबर्ट्स और जोएल गार्नर ने सबसे ज्यादा 37-37 रन बनाए थे। टीम इंडिया के लिए रवि शास्त्री और रोजर बिन्नी ने 3-3 विकेट लिए। वेस्टइंडीज की टीम अपने पहले मैच में 54.1 ओवर में 228 रन पर सिमट गई। इस तरह टीम इंडिया ने इस वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच 34 रन से जीता।
वेस्टइंडीज का स्कोर : 228 (54.1) जोएल गार्नर 37 (29) रोजर बिन्नी 3/48 (12) एंडी रॉबर्ट्स 37 (58) रवि शास्त्री 3/26 (5.1) -
दूसरा मैच : 11 जून 1983, भारत v/s जिम्बाब्वे, लीसेस्टर
जिम्बाब्वे की पारी : टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाई। टीम का एक भी खिलाड़ी 22 से ज्यादा रन नहीं बना पाया। जिम्बाब्वे ने 13 रन पर ही पहला विकेट गंवा दिया और पूरी टीम 51.4 ओवर में 155 रन पर सिमट गई। इस मैच में टीम इंडिया की तरफ से मदन लाल ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए थे।
जिम्बाब्वे का स्कोर : 155 (51.4) इयान बुचर्ट 22 (35) रोजर बिन्नी 2/25 (11) ग्रैंट पीटरसन 22 (51) मदन लाल 3/27 (10.4)
भारत की पारी : छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने अपना पहला विकेट (सुनील गावस्कर) 13 रन और दूसरा विकेट (के श्रीकांत) 32 रन पर गंवा दिया। इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ और संदीप पाटिल की पार्टनरशिप ने टीम को संभाला। उस मैच में मोहिंदर अमरनाथ ने 44 (79) और संदीप पाटिल ने 50 (54) रन बनाए थे। टीम इंडिया ने 37.3 ओवर में ही 5 विकेट से जीत हासिल कर ली थी।
टीम इंडिया का स्कोर : 157/5 (37.3) मोहिंदर अमरनाथ 44 (79) अली शाह 1/17 (3.3) संदीप पाटिल 50 (54) पीटर रॉसन 2/11 (5.1) -
तीसरा मैच : 13 जून 1983, भारत v/s ऑस्ट्रेलिया, नॉटिंघम
ऑस्ट्रेलिया की पारी : टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना पहला विकेट सिर्फ 11 रन पर ही गंवा दिया। लेकिन इसके बाद ट्रेवर चैपल ने 110 रनों की पारी खेली। इसमें उनका साथ कप्तान किम ह्यूज ने दिया। उन्होंने 52 रन बनाए। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 144 रन की पार्टनरशिप की। इन दोनों के अलावा ग्राहम येलप की 66 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 60 ओवर में 320 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया का स्कोर : 320/9 (60) ट्रेवर चैपल 110 (131) कपिल देव 5/43 (12) ग्राहम येलप 66 (73) मदन लाल 2/69 (12) भारत की पारी : 321 रन के स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शुरू के ओवर कुछ संभलकर खेले। लेकिन अपना पहला विकेट रवि शास्त्री के रूप में 38 रन पर ही गंवा दिया। इसके बाद टीम इंडिया के विकेट गिरते चले गए। टीम इंडिया ने 100 रन के अंदर अपने 6 विकेट गंवा दिए और 37.5 ओवर में 158 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने यह मुकाबला 162 रन के बड़े अंतर से जीता। इस वर्ल्ड कप में ये टीम इंडिया की पहली हार थी।
टीम इंडिया का स्कोर : 158 (37.5) कपिल देव 40 (27) टॉम होगन 2/48 (12) के श्रीकांत 39 (63) केन मैकले 6/39 (11.5) -
चौथा मैच : 15 जून 1983, भारत v/s वेस्टइंडीज, ओवल
वेस्टइंडीज की पारी : टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज ने अपना पहला विकेट 17 रन पर ही गंवा दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए सर विवियन रिचर्ड्स ने 119 रन की पारी खेली। कप्तान क्लाइव लॉयड ने 41 रन बनाए। इसके बाद लैरी गोम्स के 27 रन की बदौलत टीम ने 60 ओवर में 282 रन बनाए। इस मैच में रोजर बिन्नी ने 3 विकेट लिए।
वेस्टइंडीज का स्कोर : 282/9 (60) क्लायव लॉइड 41 (42) रोजर बिन्नी 3/71 (12) सर विवियन रिचर्ड्स 119 (146) बलविंदर संधु 1/42 (12) भारत की पारी : 283 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने सिर्फ 21 रन पर अपने दो विकेट गंवा दिए। इसके अलावा दिलीप वेंगसरकर चोटिल होने की वजह से 32 रन बनाकर रिटायर्ड हो गए। मोहिंदर अमरनाथ ने सबसे ज्यादा 80 रन बनाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए। भारतीय टीम 216 रन पर सिमट गई और यह मैच 66 रन से हार गई।
टीम इंडिया का स्कोर : 216 (53.1) मोहिंदर अमरनाथ 80 (139) माइकल होल्डिंग 3/40 (9.1) कपिल देव 36 (46) एंडी रॉबर्ट्स 2/29 (9) -
5वां मैच : 18 जून, भारत v/s जिम्बाब्वे, टनब्रिज वेल्स
भारत की पारी : लगातार दो मैच हारने के बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। लेकिन टीम का टॉप ऑर्डर पूरी तरफ फेल हो गया। टीम ने 17 रन पर ही अपने 4 विकेट खो दिए। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए कपिल देव ने 175 रन की पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 16 चौके और 6 छक्के लगाए। कपिल देव की बदौलत टीम इंडिया 266 रन बना सकी।
टीम इंडिया का स्कोर : 266/8 (60) कपिल देव 175 (138) केविन कुरेन 3/65 (12) सैयद किरमानी 24 (56) पीटर रॉसन 3/47 (12) जिम्बाब्वे की पारी : जिम्बाब्वे की टीम के ओपनर ने टीम को बढ़िया शुरुआत दिलाई। जिम्बाब्वे का पहला विकेट 44 रन पर गिरा, लेकिन इसके बाद टीम के विकेट लगातार गिरते रहे। सबसे ज्यादा रन केविन कुरेन (73) ने बनाए। लेकिन टीम 57 ओवर पर ही सिमट गई। भारत ने यह मैच 31 रन से जीत लिया।
जिम्बाब्वे का स्कोर : 235 (57) रॉबिन ब्राउन 35 (66) रोजर बिन्नी 2/45 (11) केविन कुरेन 73 (93) मदन लाल 3/42 (11)
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छठा मैच : 20 जून 1983, भारत v/s ऑस्ट्रेलिया, चेल्म्सफोर्ड
भारत की पारी : सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए भारत को यह मैच जीतना बहुत जरूरी था। भारत इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया से पहले भी हार चुका था। इस मैच में कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। टीम की शुरुआत अच्छी नहीं थी और जल्दी-जल्दी विकेट गिरते रहे। इसके बाद भी टीम 247 रन बनाने में कामयाब रही। भारत की तरफ से किसी भी खिलाड़ी ने इस मैच में अर्धशतक नहीं लगाया।
टीम इंडिया का स्कोर : 247 (55.5) संदीप पाटिल 30 (25) रॉडनी हॉग 3/40 (12) यशपाल शर्मा 40 (40) जेफ थॉमसन 3/51 (10.5)
ऑस्ट्रेलिया की पारी : 283 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना पहला विकेट 3 रन पर ही गंवा दिया। इसके बाद टीम के विकेट गिरते ही चले गए और ऑस्ट्रेलिया ने 100 रन के अंदर ही 7 विकेट गंवा दिए। रोजर बिन्नी और मदनलाल की तेज गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम टिक नहीं सकी और 129 रन पर ही सिमट गई। भारत ने यह मुकाबला 118 रन से जीत लिया।
ऑस्ट्रेलिया का स्कोर : 129 (38.2) एलन बॉर्डर 36 (49) रोजर बिन्नी 4/29 (8) ग्रेम वुड 21 (32) मदन लाल 4/20 (8.2)
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7वां मैच : 22 जून 1983, सेमीफाइनल 1 : भारत v/s इंग्लैंड, मैनचेस्टर
इंग्लैंड की पारी : पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड के कप्तान बॉब विलिस ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। दोनों ओपनर ग्रैम फॉलर (33) और क्रिस तवारे (32) ने बढ़िया शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी की। हालांकि, इसके बाद इंग्लैंड की टीम खुद को संभाल नहीं पाई और लगातार विकेट गंवाती रही। इंग्लैंड ने भारत को 214 रन का लक्ष्य दिया।
इंग्लैंड का स्कोर : 213 (60) ग्रैम फॉलर 33 (59) मोहिंदर अमरनाथ 2/27 (12) क्रिस तवारे 32 (51) कपिल देव 3/35 (11)
भारत की पारी : इंग्लैंड के खिलाफ टूर्नामेंट में पहला मैच खेलते हुए टीम इंडिया ने 50 रन के अंदर 2 विकेट गंवा दिए। लेकिन मोहिंदर अमरनाथ (46) और यशपाल शर्मा (61) ने पारी को संभाला। मोहिंदर अमरनाथ के आउट होने के बाद संदीप पाटिल आए और उन्होंने भी 51 रन की पारी खेली। टीम इंडिया ने 32 गेंदें शेष रहते ही 6 विकेट से मैच जीत लिया। टीम इंडिया पहली बार फाइनल में पहुंची।
टीम इंडिया का स्कोर : 217/4 (54.4) संदीप पाटिल 51 (32) पॉल एलॉट 1/40 (10) यशपाल शर्मा 61 (115) सर इयान बॉथम 1/40 (11)
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8वां मैच : 25 जून 1983, फाइनल : भारत v/s वेस्टइंडीज, लॉर्ड्स
भारत की पारी : दो बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी वेस्टइंडीज की नजर तीसरी बार खिताब जीतने पर थी। वेस्टइंडीज के कप्तान क्लायव लॉइड ने टॉस जीतकर टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। टीम इंडिया की शुरुआत बेहद ही खराब रही और उसने 2 रन पर ही अपना पहला विकेट (सुनील गावस्कर) गंवा दिया। इसके बाद के श्रीकांत और मोहिंदर अमरनाथ ने मिलकर पारी को संभाला। हालांकि, टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज इस बड़े मैच में अर्धशतक भी नहीं लगा पाया। टीम के लिए सबसे ज्यादा 38 रन श्रीकांत ने बनाए। टीम इंडिया सिर्फ 183 रन पर सिमट गई।
टीम इंडिया का स्कोर : 183 (54.4) संदीप पाटिल 27 (29) मालकॉम मार्शल 2/24 (11) के श्रीकांत 38 (57) सर एंडी रॉबर्ट्स 3/32 (10)
वेस्टइंडीज की पारी : वेस्टइंडीज की शुरुआत भी खराब रही। टीम ने पहला विकेट 5 रन पर गंवा दिया। इसके बाद वेस्टइंडीज को सर विवियन रिचर्ड्स (33) ने संभाला। हालांकि, बड़ा शॉट खेलने के लिए विवियन रिचर्ड्स ने जैसे ही मिड विकेट की तरफ शॉट लगाया तो कपिल देव ने कैच लपक लिया। विवियन रिचर्ड्स के आउट होने से मैच भारत के पक्ष में चला गया। उनके बाद कोई भी खिलाड़ी भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाया। वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर सिमट गई और टीम इंडिया ने यह मैच 43 रन से जीत लिया।
वेस्टइंडीज का स्कोर : 140 (52) जेफ डुजॉन 25 (73) मोहिंदर अमरनाथ 3/12 (7) सर विवियन रिचर्ड्स 33 (28) मदन लाल 3/31 (12)
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