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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

वॉइस मैसेजिंग प्लेटफार्म बढ़े, टाइप करने से 4 गुना तेज, इसलिए ऑडियो फीचर पर काम कर रहीं कंपनियां

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  • टाइप करने की तुलना में लोग चार गुना तेजी से वॉइस मैसेज भेजते हैं
  • देश में हर तीन में से दो नए इंटरनेट यूजर्स टियर-2 और टियर-3 शहरों से

लिंक्डइन ने अपने ब्लॉग पर बताया है कि टाइप करने की तुलना में लोग चार गुना तेजी से वॉइस मैसेज भेजते हैं। इससे ज्यादा जटिल बातें और लंबे संदेश कम समय में आसानी से भेजे जा सकते हैं। ऐसे मैसेजों को जब आप रास्ते में हों तो रुककर टाइप करने की जरूरत भी नहीं है।

यही कुछ कारण है कि आज दुनिया की लगभग सभी बड़ी कंपनियां ऑडियो फीचर पर काम कर रही हैं। देश में हर तीन में से दो नए इंटरनेट यूजर्स टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। इनमें अधिकांश वो लोग हैं जो अपनी स्थानीय भाषा में ही लिखने-पढ़ने में सहज होते हैं। ऐसे में वॉइस टेक्नोलॉजी इन यूजर्स के लिए मददगार है। देश में गूगल हिंदी सर्च हर साल 400% की दर से बढ़ रहा है। पिछले वर्ष सभी बड़े सर्च एप्स पर 28% सर्च बोलकर किया गया। भारतीय यूजर्स के लिए वॉइस कम्युनिकेशन आज बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।

दरअसल आज करीब 1.2 अरब से ज्यादा जनसंख्या वाले भारत में करीब 10 फीसदी लोग ही ढंग से अंग्रेजी जानते हैं। जबकि जितने भी एप स्मार्टफोन के लिए डिजाइन हो रहे हैं वो उन 6-8 करोड़ लोगों के लिए ज्यादा काम के हैं जो बेहतर अंग्रेजी जानते हैं। हमारे यहां “भारत लैंग्वेज’ नाम से रिसर्च चल रहा है जिसके तहत एक कॉमन स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है ताकि सभी भाषाओं को ट्रांस्क्राइब (बोलकर टाइप) किया जा सके। आने वाले वर्षों में वॉइस फीचर आपके जीवन को बदल देगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज सबसे आधुनिक तकनीक है, अधिकांश मामलों में वॉइस फीचर का इसमें बेहद अहम रोल है। अभी घरों में अमेजन ईको और गूगल होम जैसे स्मार्ट स्पीकर जगह बना रहे हैं। आने वाले 5 से 10 सालों में घर के बल्ब से लेकर टोस्टर और मिक्सर तक वॉइस टेक्नोलॉजी से जुड़ जाएंगे। भारत में भी मीहप, ग्नानी जैसे कंपनियां भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट बनाती हैं। स्लैंग लैब्स एप्स के लिए ऐसे प्लेटफार्म बनाती हैं जो उसका वॉइस एक्सपीरियंस बेहतर करती है। हालांकि वॉइस कम्युनिकेशन में अभी कुछ चुनौतियां भी हैं। जैसे- अलग-अलग भाषाओं को बोलने या टोन को सॉफ्टवेयर का 100 फीसदी समझना, शब्दों के मतलब को समझना आदि।

इन कंपनियों ने किया वॉइस मैसेजिंग पर काम

पिछले कुछ वर्षों में सिर्फ वॉइस सेवा देने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म तेजी से बढ़े हैं। जैसे- हियरमीआउट, लिसेन, वॉइज आदि। इनके अलावा बड़ी कंपनियां भी इस पर काम कर रही हैं।

इंस्टाग्राम: 1 मिनट का वॉइस मैसेज भेजने का फीचर

इंस्टाग्राम ने करीब 6 माह पहले वॉइस मैसेजिंग फीचर को जोड़ा है। इससे यूजर्स प्राइवेट और ग्रुप चैट पर ऑडियो मैसेज भेज सकता है। इससे पहले फेसबुक, वीचैट और वॉट्सएप पर यह सुविधा लंबे समय से मिल रही थी।
 

फेसबुक: वॉइस क्लिप फीचर टेस्ट कर रहा है

फेसबुक लंबे समय से “एड वॉइस क्लिप’ फीचर टेस्ट कर रहा है। पिछले वर्ष भारत में भी इसे टेस्ट किया गया। अभी ये लॉन्च नहीं हुआ है। यूजर इसकी मदद से ऑडियो क्लिप रिकॉर्ड कर अपना स्टेटस अपडेट कर सकता है।
 

लिंक्डइन: प्राफेशनल्स से आवाज से जुड़ने का विकल्प

प्रोफेशनल सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट लिंक्डइन ने भी वॉइस मैसेजिंग की जरूरत को समझते हुए पिछले वर्ष ऑडियो मैसेजिंग का फीचर जोड़ा है। इसमें ऑडियो क्लिप अधिकतम एक मिनट लंबी हो सकती है।

भास्कर के लिए विशेष
फेसबुक ऑडियो स्टेटस पर तेजी से काम कर रही है। इससे पहले दूसरी बड़ी कंपनियां भी वॉइस मैसेजिंग सेवा लॉन्च कर रही हैं। दूसरी तरफ रोज नए-नए स्मार्ट स्पीकर लॉन्च हो रहे हैं। ऐसे में वॉइस कमांड को संचार क्षेत्र की अगली क्रांति कहा जा रहा है। यह हमारा जीवन कैसे बदलेगी, बता रहे हैं कुमार रंगाराजन। कुमार की कंपनी लिटिल आई लैब्स का फेसबुक ने अधिग्रहण कर  लिया है। – कुमार रंगाराजन, को-फाउंडर, स्लैंग लैब्स