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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पिछली बार सीटें जीतने वाले 8 दल इस बार खाता नहीं खोल पाए; लालू-चौटाला परिवार के सदस्य भी हारे

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  • राजद-रालोसपा के अलावा पीडीपी, इनेलो, स्वाभिमानी पक्ष का भी खाता नहीं खुल पाया
  • बिहार में लालू की पार्टी राजद ने 2014 में 4 सीटें जीती थीं, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को एनडीए में रहते 3 सीटें मिली थीं
  • हरियाणा में चौटाला परिवार के 3 सदस्य दुष्यंत-दिग्विजय (जजपा) और अर्जुन (इनेलो) चुनाव हारे

नई दिल्ली. पिछले लोकसभा चुनाव में सीटें जीतने वाले आठ क्षेत्रीय दल इस बार खाता भी नहीं खोल पाए। इनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद, हरियाणा का इंडियन नेशनल लोकदल, महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी पक्ष शामिल है।

लालू की बेटी-समधी हारे
राष्ट्रीय जनता दल एक भी सीट नहीं जीत पाई। राजद ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 19 पर चुनाव लड़ा था। लालू की बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र से और लालू के समधी चंद्रिका राय सारण से चुनाव हार गए। राजद 2014 में 4 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। 

भाजपा से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा दोनों सीटों पर हारे
राजद के साथ गठबंधन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी खाता नहीं खोल पाई। रालोसपा ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था। खुद कुशवाहा दो सीटों पर चुनाव लड़े और दोनों पर हार गए। लोकसभा चुनाव से पहले कुशवाहा एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए थे। 2014 में रालोसपा ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा था और उसे 3 सीटें मिली थीं।

हरियाणा: चौटाला परिवार के तीन सदस्य हारे
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल चौटाला के परिवार के तीन सदस्य इस बार चुनाव हार गए। अजय चौटाला के बेटे ने पिछले साल इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई थी। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला जजपा से और अर्जुन चौटाला इनेलो से चुनाव लड़े थे। तीनों सदस्य चुनाव हार गए। दोनों पार्टियां हरियाणा की 10 सीटों में से एक पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई। 2014 में इनेलो को 2 सीटें मिली थीं।

कश्मीर: अनंतनाग से महबूबा मुफ्ती हारीं 
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। महबूबा खुद अनंतनाग सीट से चुनाव हार गईं। वे यहां तीसरे नंबर पर रहीं। महबूबा की पार्टी 2014 में जम्मू-कश्मीर की 6 सीटों में से 3 जीतने में कामयाब हुई थी। 2014 में खाता न खोल पाने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बार 3 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, भाजपा ने अपनी 3 सीटें बरकरार रखी हैं।

एक भी सीट नहीं जीत पाई स्वाभिमानी पक्ष
 

  • राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी पक्ष इस बार खाता भी नहीं खोल पाई। पिछले लोकसभा चुनाव में स्वाभिमानी पक्ष एक सीट जीतने में कामयाब रहा था।
  • इसके अलावा तमिलनाडु में पीएमके, पुड्डुचेरी में ऑल इंडिया एन-आर कांग्रेस और सिक्किम में पवन चामलिंग की पार्टी एसडीएफ भी खाता नहीं खोल पाई। इन पार्टियों को 2014 में 1-1 सीट मिली थी।