हिमाचल. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सात चरणों में मतदान सम्पन्न होने के बाद आज सुबह से ही हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हो गई है। हमीरपुर सीट से भाजपा के अनुराग ठाकुर अपने विरोधी कांग्रेस के रामलाल ठाकुर से आगे चल रहे है।
अपग्रेड
- कांगड़ा से भाजपा के किशन कपूर अपने विरोधी पवन काजल से 70576 वोटों से आगे चल रहे हैं।
- हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा के रामस्वरूप शर्मा अपने विरोधी कांग्रेस के आश्रय शर्मा से करीब 45 हजार मतों से आगे चल रहे है।
मतदान के दौरान हालांकि सभी 4 सीट पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला था। राज्य इस वक्त भाजपा का गढ़ है, पर इतिहास में राज्य ने कई बायपाेलर इलेक्शंस को देखा है क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस ही बड़ी पार्टियां रहीं हैं।
2019 के लोकसभा चुनावों में हिमाचल में इस बार 71.45 फीसदी मतदान हुआ जो अब तक की सबसे अधिक वोटिंग है। राज्य में सबसे ज्यादा रिकाॅर्ड मतदान इससे पहले 1998 में किया था। तब प्रदेश में लोकसभा चुनाव में 65.32 प्रतिशत वाेटिंग हुई थी। इसके बाद राज्य में कभी मतदान का प्रतिशत 65 फीसदी तक नहीं पहुंच सकी। वहीं, 2014 में हिमाचल में वोटिंग 64.45 फीसदी ही पहुंच सकी थी। बता दें कि प्रदेश में कुल 5330154 मतदाता हैं।
हमीरपुर लोकसभा सीट पर साल 1989 से भाजपा का कब्जा रहा है और इस बार भी भाजपा के जीतने के आसार नजर आ रहे हैं। तीन बार सांसद रह चुके और मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर और इंडियन नेशनल कांग्रेस के राम लाल ठाकुर के बीच मुख्य मुकाबला है। इस लोकसभा सीट में कुल 1,36,2269 मतदाता हैं। वहीं वोटिंग की बात करें तो इस बार इस लोकसभा सीट के लिए 72.63 प्रतिशत वोटिंग हुई जबकि 2014 में यह प्रतिशत 66.94 था।
कांगड़ा लोकसभा सीट पर धर्मशाला से एमएलए व मौजूदा राज्य सरकार में मंत्री किशन कपूर और कांगड़ा से एमएलए पवन काजल के बीच मुख्य मुकाबला है। इस सीट पर भी साल 1989 से भाजपा का कब्जा रहा है। प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री रह चुके व मौजूदा सांसद शांता कुमार ने ही इस बार इस सीट के लिए मौजूदा उम्मीदवार की सिफारिश की थी। यह फैक्टर यहां प्ले करेगा। इस लोकसभा सीट में कुल 1,42,7338 मतदाता हैं। वोटिंग की बात करें तो इस बार इस लोकसभा सीट के लिए 70.50 प्रतिशत वोटिंग हुई जबकि 2014 में यह प्रतिशत 64.46 था।
शिमला लोकसभा सीट की बात करें तो ऐसा माना जाता था कि अपर हिमाचल में कांग्रेस पार्टी का काफी प्रभाव है पर पिछली बार यहां से भाजपा के सांसद वीरेंद्र कश्यप चुने गए थे और पिछले विधानसभा चुनावों में शिमला की जनता ने भाजपा को जिताया, उसका असर यहां भी दिखेगा। मुकाबला दो बार पच्छाद से एमएलए रह चुने गए भाजपा प्रत्याशी सुरेश कुमार कश्यप और सोलन से एमएलए, दो बार लोकसभा में चुने गए और हिमाचल प्रदेश कैबिनेट में चुन गए सेना के रिटायर्ड कर्नल धनी राम शांडिल्य के बीच है। शिमला सीट के लिए कुल 1,25, 9085 मतदाता हैं। 2014 में यहां 51.89 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि इस बार यह प्रतिशत 72.63 रहा।
मंडी लोकसभा सीट पर कुल मतदाता 1,28, 1462 हैं। वोटिंग 73.39 प्रतिशत हुई। जबकि 2014 में यहां 63.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा और भाजपा प्रत्याशी व मौजूदा सांसद राम स्वरूप शर्मा के बीच है। आश्रय शर्मा जयराम सरकार में मंत्री रह चुके अनिल शर्मा और राजनीति के चाणकय माने जाने वाले पंडित सुखराम के पोते हैं और उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। हालांकि इलाके की जनता राम स्वरूप से ज्यादा खुश नहीं हैं, पर पीएम मोदी के नाम पर यहां भी भाजपा के जीतने के आसार हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इसी क्षेत्र से हैं। तीसरा परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए जिस तरह पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए, उसका फायदा भी भाजपा मिलेगा।