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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मानोचाहल के गुरुद्वारे में पंखे से सुखासन में लगी आग, 5 पावन स्वरूप अग्निभेंट

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सुखासन वाले स्थान पर लगे सीसी कैमरे की फुटेज से साफ हाे गया कि अाग वहां दीवार पर लगे एक पंखे में स्पार्किंग से लगी औैर देखते ही देखते फैल गई।

गुरुद्वारा जोगीपीर प्रबंधक कमेटी ने 16 घंटे तक दबाए रखा मामला

आग बुझाते समय पानी गिरने से 5 और पावन स्वरूपों काे पहुंचा नुकसान

भास्कर न्यूज | तरनतारन

मानोचाहल कलां गांव के गुरुद्वारा जोगीपीर में लाेकल प्रबंधक कमेटी और सेवादारों की लापरवाही से सुखासन में रखे गुरु ग्रंथ साहिब के 5 पावन स्वरूप अग्निभेंट हो गए। यही नहीं, उन्हें बचाते समय 5 अन्य स्वरूपों को भी नुकसान पहुंचा। यह घटना सोमवार दोपहर 3.30 बजे की है, लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 16 घंटे तक इसे दबाए रखा। उसने न ताे पुलिस काे इसकी जानकारी दी औैर न ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) काे सूचित किया। यही नहीं लाेकल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अाग से पहुंचे नुकसान काे छुपाने के लिए गुरुद्वारे में सुखासन के आसपास रंग-राेगन भी शुरू करवा दिया। मंगलवार सुबह 8 बजे मामले का खुलासा तब हुअा जब गांव के ही किसी व्यक्ति ने सत्कार कमेटी काे इसकी सूचना दे दी। इसके बाद सिख जत्थेबंदियों के नुमाइंदे गुरुद्वारे पहुंच गए।

गुरुद्वारा जोगीपीर के मुख्य सेवादार हरदीप सिंह के अनुसार, सोमवार दोपहर 3.30 बजे एक सेवादार गुरुद्वारे से अंदर से भागते हुए उनके पास अाया औैर बाेला कि अंदर से धुआं निकल रहा है। इस पर वह तुरंत 5-6 सेवादारों के साथ अंदर गए और सुखासन में लगी आग बुझाने में जुट गए। माैके पर पहुंचे तरनतारन सदर थाने के प्रभारी जसपाल सिंह ने बताया कि उन्हें मंगलवार सुबह सूचना मिली कि गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप अग्निभेंट हुए हैं। वह तुरंत माैके पर पहुंचे औैर गुरुद्वारे में लगे क्लाेज सर्किट (सीसी) कैमरों की फुटेज चेक की।

सीसी कैमरों में दिखा- लापरवाही बरतने से शॉर्ट सर्किट

जत्थेबंदियों ने एसजीपीसी को कार्रवाई के लिए लिखा

एसजीपीसी धर्मप्रचार कमेटी के वरिष्ठ सदस्य जसबीर सिंह के मुताबिक, उन्हें मंगलवार सुबह 8 बजे गुरुद्वारा जोगीपीर में लाेकल प्रबंधक कमेटी ने सबसे पहले सूचना दी कि कुछ चंदोए अग्निभेंट हुए हैं। उसके बाद बताया कि एक पावन स्वरूप अग्निभेंट हुअा है। मगर जब उन्होंने माैके पर पहुंचकर देखा ताे पाया कि कुल 10 स्वरूपों काे नुकसान पहुंचा था। इनमें से 5 को अधिक नुकसान पहुंचा जबकि अन्य काे अाग बुझाने के दौरान पानी गिरने से क्षति पहुंची। प्रबंधकों ने गलती छुपाने के लिए धुएं से काली हुई जगह पर पेंट भी कर दिया। मामले में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने घटना के सबूत मिटाने की कोशिश की है। इस पर कार्रवाई के लिए उन्होंने एसजीपीसी को लिख दिया है।

जिम्मेदाराेें पर कार्रवाई हाेगी : अकाल तख्त : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी काे आदेश दिए हैं कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लाेगाें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी के सचिव बलविंदर सिंह जाैड़ासिंघा ने भी कहा कि जांच में जाे जिम्मेदार पाया गया उस पर कार्रवाई की जाएगी।

लाेकल कमेटी नहीं मानती एसजीपीसी की सलाह :

सत्कार कमेटी के पंजाब प्रधान तरलोचन सिंह और धर्म प्रचार कमेटी के सदस्य जसबीर सिंह ने बताया कि गुरुद्वारों की लोकल कमेटियों को कई बार हिदायत की जा चुकी है कि सुखासन वाले स्थान पर एयरकंडीशनर या पंखे न चलाए जाएं, मगर कमेटियां इन पर ध्यान नहीं दे ती। इसी वजह से यह घटना हुई। वहीं जसबीर सिंह ने बताया कि इस गुरुद्वारे में रखे गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों पर जोगीपीर लिखा गया है जो गलत है। किसी काे एेसा करने की इजाजत नहीं है। इस संबंध में उन्होंने एसजीपीसी को लिख दिया है।