मॉस्को. ब्रिक्स के पांचों देश (भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका) अपने यहां एक नए पेमेंट सिस्टम पर काम कर रहे हैं। रूसी मीडिया ने इस बारे में जानकारी दी है। इस पेमेंट सिस्टम को ब्रिक्स पे कहा जा रहा है। इसके तहत एक ही कार्ड से पांचों देशों में भुगतान हो सकेगा। पश्चिमी देशों पर निर्भरता कम करने के लिए यह व्यवस्था लाई जा रही है।
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नए पेमेंट सिस्टम के तहत ब्रिक्स सदस्य देशों में एक ऑनलाइन वॉलेट बनाया जाएगा। रूस का वेल्थ फंड डिपार्टमेंट भारत और चीन के साथ मिलकर यह काम कर रहा है।
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बताया जा रहा है कि ब्रिक्स पे, एपल पे और सैमसंग पे की तरह काम करेगा। इसके तहत यूजर्स मोबाइल ऐप के जरिए भुगतान कर सकेंगे। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि यूजर के खाते से कौन सी करंसी जुड़ी हुई है। सिस्टम ठीक से काम करे, इसके लिए ब्रिक्स देशों के नेशनल पेमेंट सिस्टम को एक खास क्लाउट प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।
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पेमेंट सिस्टम के पायलट वर्जन की टेस्टिंग अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका में होगी। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के वाइस प्रेसिडेंट के मुताबिक, ब्रिक्स का खुद का पेमेंट सिस्टम होने के बाद हमारी ट्रांजिशनल पेमेंट ऑर्गनाइजेशंस पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
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ब्रिक्स देशों के सेंट्रल बैंक, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ), रूस की अगुआई वाला यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईईयू) भी एक ज्वाइंट पेमेंट सिस्टम बनाने पर काम कर रहें हैं। दक्षिण अफ्रीका का छोड़कर सभी ब्रिक्स देशों का अपना नेशनल पेमेंट सिस्टम है। इसमें भारत का रूपे, चीन का यूनियन पे, ब्राजील का ईएलओ और रूस का मीर पेमेंट सिस्टम है।