केपटाउन. दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में एक पादरी की मरे हुए युवक को जिंदा करने की घटना इन दिनों हर तरफ चर्चा में है। दरअसल, शहर के अलेलुइया मिनिस्ट्रीज स्थित चर्च में पादरी आल्फ लुकाउ ने कुछ दिन पहले भीड़ जुटाकर ताबूत में बंद एक आदमी को जिंदा करने का दावा किया था। आसपास खड़े लोगों ने तो इसे सच मानकर लुकाउ की वाहवारी शुरू कर दी। हालांकि, घटना का वीडियो ट्विटर पर वायरल होने के बाद से ही लोग बड़ी संख्या में लुकाउ के घर के बाहर जुटकर अपने करीबियों को जिंदा करने की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ चैलेंज
सोशल मीडिया पर तो इसको लेकर हैशटैग रिजरेक्शन (दोबारा जिंदा करो) चैलेंज वायरल हो रहा है। लोग लुकाउ से मांग कर रहे हैं कि वे चर्च के बाहर आकर उनके मरे हुए करीबियों को जिंदा करें। एक युवक ने तो सबसे आगे निकलते हुए लुकाउ से दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को जिंदा करने की मांग कर दी। इसके चलते पादरी को चर्च के बाहर सिक्योरिटी तक लगानी पड़ी है।
राष्ट्रपति रमफोसा ने भी दिया बयान
अब इस हरकत के बाद अंत्येष्टिसे जुड़ी कंपनियों ने पादरी लुकाउ पर ईसाई धर्म को बदनाम करने के लिए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यहां तक की दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमफोसा को भी इस मामले पर बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं की इस तरह की सवालिया हरकतों के खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए। किसी को भी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। ऐसे फर्जी पादरियों के बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।
पादरी ने कहा- मेरे साथ धोखा हुआ
विवादों से घिरे पादरी लुकाउ ने इस घटना पर अपनी सफाई भी जारी की है। उन्होंने बताया कि जिस युवक पर उन्होंने अपने तरीके इस्तेमाल किए वह पहले से ही जिंदा था। युवक का परिवार उसे ताबूत में बंद कर के लाया था। लेकिन ताबूत चर्च में आने से पहले ही हिल रहा था। लुकाउ के मुताबिक, उन्होंने सिर्फ उस युवक के लिए प्रार्थना की थी ताकि वह उठ जाए।
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