चंडीगढ़.पंजाब विधानसभा ने सोमवार को बजट सत्र के अंतिम दिन, पंजाब बिल्डिंग बाय-लाज का उल्लंघन करके बनाई इमारतों की वनटाइम स्वघोषणा और सेटलमेंट विधेयक-2019 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सदन ने 3 अन्य विधेयकों-को भी मंजूरी दे दी।
पंजाब बिल्डिंग बाय-लाज का उल्लंघन करके बनाई इमारतों की वनटाइम स्वघोषणा और सेटलमेंट विधेयक 2019 पर बहस में हिस्सा लेते हुए लोक इंसाफ पार्टी के बलबिंदर सिंह बैंस ने कहा कि इसी तरह के एक अन्य विधेयक पहले से राज्य में लागू है, जिसे समाप्त किए बिना नया विधेयक नहीं लाया जा सकता।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि ऐसी अवैध इमारतों में फायर सिक्योरिटी के लिए क्या नीति होगी? क्या सेटलमेंट से पहले फायर सेफ्टी की जांच की जाएगी? उन्होंने नए विधेयक में संशोधन की मांग रखी। आप के कंवर संधू ने कहा कि विधेयक में सेटलमेंट का प्रावधान केवल एक साल के लिए किया गया है जबकि अवैध इमारतों के संबंधी कई मामले अदालतों में लंबित हैं, जिनका फैसला आने में एक साल से अधिक समय लग सकता है।
भाजपा के सोम प्रकाश ने कहा कि सेटलमेंट के लिए फीस ज्यादा रखी गई है और इसकी शक्ति भी मेयर या कमिश्नर को दी गई है, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ने की आशंका है। आप के अमन अरोड़ा ने कहा कि फीस घटाई जानी चाहिए और एक अपीलीय प्राधिकरण बनना चाहिए ताकि लोग कोई समस्या आने पर न्याय पा सकें।
इसके जवाब में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ऐसा बिल पहले भी दो बार लाया जा चुका है लेकिन इस बार यह वनटाइम सैटलमेंट का बिल वनटाइम के लिए ही है। इसके बाद इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
सिद्धू बोले- मै आठ परिवार को 8 हजार जेब से देता हूं, मजीठिया ने आठ रुपये किसी को दिए :पंजाब विधानसभा में सोमवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान शिअद के बिक्रम सिंह मजीठिया और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सदन में तीखी नोकझोंक हुई। मजीठिया ने अमृतसर रेल हादसे के पीड़ितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सिद्धू पर हमला बोला कि मंत्री ने पीड़ितों से धोखा किया है।
मजीठिया ने कहा कि पीड़ितों को पांच लाख रुपए मुआवजा और घायलों को 50 हजार दिए जाने का एेलान किया था लेकिन बहुत लोगों को नहींं मिला। वह सदन में जवाब दें। इस पर सिद्धू ने बांहें चढ़ाते हुए कहा मै 8 परिवारों को 8 हजार रुपए प्रतिमाह अपनी जेब से दे रहा हूं। मजीठिया ने 8 रुपये भी दिए हों तो बात करें। इस दौरान सदन में कांग्रेस और अकाली सदस्यों के बीच काफी देर तक नोकझोंक और हंगामा होता रहा।
उधर, लुधियाना सीएलयू घोटाले को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू व अकाली विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया में काफी बहस हुई। बात यहां तक पहुंच गई कि वे दोनों नेता तूं तूं मैं मैं पर उतर आए। मामले बढ़ता देख स्पीकर ने हस्तक्षेप किया, उसके बाद दोनों नेता चुप्प बैठे। फिर सिद्दू फिर उन पर इशारे करते रहे। इस दौरान अकाली-भाजपा विधायकों ने आशु व सिद्दू के इस्तीफा की मांग करते रहे।
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