शिमला.आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआईकी विशेष अदालत ने शुक्रवार काे वीरभद्र सिंह व उनके एलआईसी एजेंट आनंदचाैहान के खिलाफ आरोपतय कर दिए हैं।इस मामले में सात अन्य पर पहले ही आरोपतय हाे चुके हैं। स्पेशल जज सीबीआईअरुण भारद्वाज की अदालत में इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई हुई। अब इस मामले में 3 अप्रैल से ट्रायल शुरू हाे जाएगा। सीबीआईने दावा किया था कि वीरभद्र सिंह ने लगभग 10 कराेड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की थी। यह मामला उस समय का है जब वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।
2009 से 2012 के बीच का है मामला
2009 से 2012 तक केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह पर आरोप लगा कि उनकी आयसे अधिक संपत्ति है। इसी संपत्ति में से वीरभद्र सिंह ने करीब पांच करोड़ की राशि एलआईसी में निवेश की। आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद वह राज्य की राजनीति में वापस आए और 2012 में शिमला ग्रामीण से चुनाव जीतकर विधायक व मुख्यमंत्री बने थे। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई ने फिर से जांच शुरू की। उनके शिमला स्थित घर के अलावा कुछ अन्य स्थानाें पर पर 26 अक्टूबर 2015 में छापेमारी की गई। इससे पहले 23 अक्टूबर को सीबीआई ने इसी मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
ईडी ने मनी लांड्रिंग केस मेंदायर किया सप्लीमेंट्री चालान
वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआईजांच कर रही है। जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रहा है। मनी लांड्रिंग केस में ईडी ने शुक्रवार काे अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च से शुरू हाेगी।
चुनावों के लिए कांग्रेस ने बनाया प्रचार कमेटी का अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को प्रचार कमेटी की कमान सौंपी है। अब लोकसभा चुनाव घोषणा होने से ठीक पहले उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोप तय होने से विपक्ष को उनके खिलाफ बड़ा हथियार मिल गया है। विपक्ष इस मामले में उन्हें चुनाव में घेर सकता है।
2015 में हाईकाेर्ट पहुंचे थे वीरभद्र सिंह
2015 दिसंबर में वीरभद्र सिंह ने हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचे और आग्रह किया कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार न करे। इसके बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ ईडी ने मंडी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था और एससी ने इस मामले को हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया। उसके बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिकार और मनी लॉन्ड्रिंग केस दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहे हैं। जुलाई 2016 में ईडी ने एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को चंडीगढ़ से अरेस्ट किया था। गौरतलब है कि काफी समय जेल में रहने के बाद आनंद चौहान फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इससे पहले 10 दिसंबर 2018 को अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे।
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