गैजेट डेस्क. फेक न्यूज फैलाने को लेकर आरोपों में घिरे वॉट्सऐप ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले भारत के राजनीतिक दल इस प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों के अकाउंट बैन कर दिए जाएंगे। वॉट्सऐप के कम्युनिकेशन प्रमुख कार्ल वूग ने यह दावा करते वक्त दुरुपयोग करने वाले राजनीतिक दलों के नाम बताने से इनकार कर दिया। न ही यह बताया कि दुरुपयोग किस तरह से हो रहा है।
सही तरह से नहीं हो रहा वॉट्सऐप का इस्तेमाल
- वॉट्सऐप के कम्युनिकेशन प्रमुख कार्ल वूग ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “कई राजनीतिक दल वॉट्सऐप का जिस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं, वैसा नहीं करना चाहिए। वॉट्सऐप का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे लोगों को जल्द पहचानकर रोकने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।’
- वूग ने कहा, “हमने राजनीतिक दलों को दृढ़ता से बताया है कि वॉट्सऐप न तो ब्रॉडकास्ट प्लेटफॉर्म है और न ही बड़े पैमाने पर मैसेज भेजने का जरिया। ऑटोमैटिक रोबोटिक व्यवहार वाले अकाउंट्स को हम बंद कर देंगे, भले ही इसका कोई भी मकसद हो। वॉट्सऐप सिर्फ प्राइवेट कम्युनिकेशन के लिए है।’
अप्रैल-मई में चुनाव, इससे पहले आईटी कानून में संशोधन का प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दे रखी है कि देश की चुनाव प्रक्रिया को गलत तरह से प्रभावित करने के प्रयासों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत सोशल मीडिया, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को अवैध कंटेंट को पहचानने और रोकने के लिए टूल्स लगाने होंगे।
नए नियम आए तो भारत छोड़ सकता है वॉट्सऐप
भारत में कारोबार कर रही सोशल मीडिया कंपनियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित नियम लागू होते हैं तो वॉट्सऐप के वर्तमान रूप के अस्तित्व पर खतरा आ जाएगा। कंपनी के एक शीर्ष कार्यकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कंपनी के भारत छोड़ने की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। भारत में वॉट्सऐप के 20 करोड़ यूजर्स हैं। यह कंपनी के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। कंपनी के दुनियाभर में कुल 1.5 अरब यूजर्स हैं।
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