सैन फ्रांसिस्को. मार्क जकरबर्ग (34) की बहन रैंडी जकरबर्ग (36) ने फेसबुक की नौकरी इसलिए छोड़ दी थी क्योंकि उन्हें कंपनी में महिलाओं की कमी अखरती थी। उन्हें यह पसंद नहीं था कि कंपनी के ज्यादातर सेक्शन में उनके अलावा कोई और महिला नहीं है। रैंडी ने एक इंटरव्यू में यह बात कही।
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रैंडी ने बताया कि शुरुआत में फेसबुक में 50 कर्मचारी थे। उस वक्त टेक इंडस्ट्री में महिलाओं का शामिल होना मुश्किल था। लेकिन, मैं ऐसा माहौल चाहती थी जहां महिलाओं की भागीदारी ज्यादा हो। यह समझ से परे है कि 15 साल बाद भी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। 4 फरवरी को फेसबुक के 15 साल पूरे हो गए हैं।
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रैंडी का कहना है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में पुरुषों का दबदबा है और महिलाएं लगातार हाशिए पर बनी हुई हैं। सिलिकॉन वैली में महिलाओं की भूमिका मुझे हमेशा मुश्किल लगती है।
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अपनी इसी सोच की वजह से मुझे महसूस हुआ कि सिलिकॉन वैली से बाहर निकलने की जरूरत है। मुझे इस बात को समझना जरूरी लगा कि दम घोंटने वाले माहौल में हम महिलाओं को कहां खोते जा रहे हैं। रैंडी का कहना है कि फेसबुक उनके भाई का विजन है। यह उसकी कंपनी है। मैं अपने लिए कुछ नया करना चाहती हूं।
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भाई मार्क जकरबर्ग के कहने पर रैंडी 2004 में फेसबुक की शुरुआत से ही कंपनी के साथ जुड़ गई थीं। उन्हें लाइव स्ट्रीमिंग डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी मिली थी। रैंडी ने 2011 में फेसबुक की नौकरी छोड़कर खुद की मीडिया फर्म शुरू की।
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रैंडी ने कहा कि मैंने फेसबुक में जो काम किया उससे मैं खुश हूं। लेकिन, वहां अकेली महिला होना मुझे नापसंद था। मैं समस्या का हिस्सा बने रहने की बजाय हमेशा समाधान चाहती हूं।