मियामी. फ्लोरिडा के एक बैंक में 21 साल के हमलावर ने गोलीबारी कर दी। इसके चलते 5 लोगों की मौत हो गई। फिलहाल गोलीबारी की वजह पता नहीं लगी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सबरिंग इलाके के पुलिस चीफ कार्ल होगलंड के मुताबिक- हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए। मुझे लगता है कि बिना किसी वजह के हत्याएं की गईं।
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अमेरिका में बीते सालों में सार्वजनिक स्थानों गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक- 2017 में अमेरिका में गन वॉयलेंस के चलते 40 हजार लोगों की मौत हुई।
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गंभीर समस्या के बावजूद कांग्रेस (अमेरिकी संसद) इस पर कड़ा कानून लाने में नाकाम रही। यूएस की ताकतवर नेशनल राइफल एसोसिएशन लॉबी और उसके समर्थक के संघीय स्तर पर कड़े बंदूक कानूनों का विरोध करते हैं।
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बीते 50 साल में अमेरिका में बंदूकों ने 15 लाख से ज्यादा जान ले लीं। इसमें मास शूटिंग और हत्या से संबंधित 5 लाख मौतें हुईं। बाकी आत्महत्या, गलती से चली गोली और कानूनी कार्रवाई में मौतें हुईं।
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दरअसल अमेरिका में हथियार रखना बुनियादी हकों में आता है। आसानी से लोग स्टोर से हथियार खरीद लेते हैं। लिहाजा लोग गन पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं। अमेरिकी गन इंडस्ट्री से सालाना 91 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है।
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दुनियाभर की कुल सिविलियन गन में से 48% सिर्फ अमेरिकियों के पास हैं। अमेरिकियों के पास करीब 31 करोड़ हथियार हैं। 89% अमेरिकी लोग अपने पास बंदूक रखते हैं। इनमें से 66% लोग एक से ज्यादा बंदूक रखते हैं। 2.65 लाख लोग गन कारोबार से जुड़े हुए हैं। अमेरिकी इकोनॉमी में हथियार की बिक्री सें 90 हजार करोड़ रुपए आते हैं। हर साल एक करोड़ से ज्यादा रिवॉल्वर, पिस्टल जैसी बंदूकें यहां बनती हैं।
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बराक ओबामा ने 2015 में बच्चे द्वारा स्कूल में गोलीबारी के बाद गन पॉलिसी बनाने की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस में 70% सांसदों ने इसका विरोध किया। लिहाजा कोई कानून आज तक नहीं बन सका। 2016 में ऑरलैंडो के नाइटक्लब में गोलीबारी की घटना के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि यदि क्लब के पास हथियार होते तो बहुत से लोगों को मरने से बचाया जा सकता था।