देश के 10 केंद्रीय मजदूर यूनियनों की दो दिन की हड़ताल का मंगलवार को पहले दिन मिलाजुला असर रहा। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर न जाने की चेतावनी दी। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। देशभर में बैंकों में कामकाज पर असर पड़ा। महाराष्ट्र, केरल सहित कुछ राज्यों में परिवहन विभाग के कर्मचारी और टैक्सी, तिपहिया आॅटो चालक भी हड़ताल में शामिल हुए। मुंबई में नागरिक ट्रांसपोर्ट के 32 हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। राजस्थान में एक जापानी कंपनी के कर्मचारियों आैर पुलिस से झड़पें हुई, जिसमें 20 पुलिसकर्मी और 50 कर्मचारी घायल हो गए। पश्चिम बंगाल में कई जगह तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं और हड़ताल समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। ओडिशा में कई जगहों पर ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने ट्रेनें रोकी।
सीटू ने किया दावा, देशभर में 20 करोड़ कर्मी रहे हड़ताल पर, आज भी जारी रहेगी
नागपुर में सीटू के बैनर तले प्रदर्शन करते कर्मचारी।
सीटू ने दावा किया कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी। यूनियनों ने राष्ट्रीय पेंशन योजना और सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों के विरोध में यह हड़ताल बुलाई है। एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा, ‘तमिलनाडु, असम, मेघालय, कर्नाटक, मणिपुर, बिहार, झारखंड, गोवा, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के औद्योगिक इलाकों में हड़ताल का काफी असर पड़ा है।’
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