राजधानी हरियाणा.मौसम में फिर से ठंडक घुल गई है। रात ही नहीं दिन का तापमान भी सामान्य से नीचे आ गया है। सिरसा में दिन का तापमान 14.1 डिग्री व हिसार में 15.2 डिग्री पर आ गया। यह सामान्य से करीब चार से पांच डिग्री कम हो गया। जबकि रात का तापमान भी कम हो गया है।प्रदेश के कई जिलों में धुंध का असर रहा। शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने की संभावना बन गई है। जबकि चार से छह जनवरी तक बरसात हो सकती है। पांच व छह जनवरी को कहीं-कहीं भारी बरसात की संभावना है। इस दौरान उत्तरी हरियाणा के कुछ इलाकों में ओले भी पड़ सकते हैं। पश्चिम हरियाणा के इलाकों में कुछ जगह बूंदाबांदी भी हुई। देर शाम को गहरी धुंध का असर देखा गया।
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चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि प्रदेश के कई इलाकों में गुरुवार को धुंध का असर देखा गया, जबकि चार जनवरी को भी असर रह सकता है। 31 दिसंबर व एक जनवरी को पूर्वी हवाएं चलने से वातावरण में नमी आने से व दो जनवरी को उत्तर-पश्चिम ठंडी हवाएं चलने के कारण, इसके अलावा वायुमंडल का तापमान कम होने के साथ-साथ पृथ्वी की ऊपरी सतह का तापमान भी कम होने से हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो गया। इससे धुंध और भी गहरी हो गई। ये सूक्ष्म बूंदें वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रुप में संघनन करने में सहायक हो गई। उनसे मिलकर दृश्यता को कम दिया व आस-पास की ठंडी हवा के संपर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन गया। गुड़गांव और फरीदाबाद में धुंध के साथ स्मॉग भी छाया हुआ है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
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चार डिग्री सेल्सियस तक नीचे आया रात का पारा
प्रदेश के कई जिलों में रात का पारा फिर से चार डिग्री के करीब आ गया है। करनाल में न्यूनतम तापमान चार डिग्री, हिसार में 4.7, नारनौल में 4 डिग्री व सिरसा में 6.2 डिग्री आंका गया। करनाल में दिन का तापमान 19.4 डिग्री पर आ गया। अल सुबह प्रदेश के कई जिलों में धुंध पड़ी, लेकिन दोपहर तक छंट गई। दिन में सूर्य की चमक बढ़ने से लोगों को सर्दी से काफी हद तक राहत मिली। हालांकि दिनभर शीत लहर का प्रकोप रहा। -
प्रदेश में 25 लाख हेक्टेयर में खड़ी है गेहूं की फसल
प्रदेश में फिलहाल 25 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है, जबकि सरसों की फसल 6.5 लाख हेक्टेयर में है, इसके अलावा सब्जी व चारा के अलावा अन्य फसल भी हैं। यदि ओले पड़ते हैं तो सबसे अधिक नुकसान सरसों, आलू, टमाटर को हो सकता है। अधिक ओले पड़ने से गेहूं की फसल को भी नुकसान हो सकता है। बरसात से गेहूं की फसल के अलावा अन्य फसलों को भी लाभ मिलेगा।