वॉशिंगटन. कैंब्रिज एनालिटिका मामले में फेसबुक पर अमेरिका में भी जुर्माना लग सकता है। कोलंबिया के अटॉर्नी जनरल कार्ल रेसिन ने बुधवार को कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कराया। फेसबुक ने कहा है कि वह शिकायत की समीक्षा कर रही है। कंपनी अटार्नी जनरल के साथ भी इस सिलसिले में बात करेगी।
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फेसबुक ने इस साल मार्च में ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका को 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा लीक होने की बात मानी थी। कैंब्रिज एनालिटिका ने इन सूचनाओं का इस्तेमाल 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान किया था। अमेरिकी रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन, फेडरल ट्रेड कमीशन और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस भी इसकी जांच कर रहे हैं।
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दो दिन पहले ही अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके मुताबिक फेसबुक ने यूजर्स का जितना डेटा दूसरी कंपनियों को देने की बात स्वीकार की थी, वास्तव में वह उससे कहीं ज्यादा सूचनाएं उन्हें दे रही थी। माना जा रहा है कि कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल अपनी याचिका में इस रिपोर्ट को भी शामिल कर सकते हैं।
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इस बीच फेसबुक ने फिर कहा है कि उसने यूजर्स की अनुमति के बिना किसी भी कंपनी को उनका निजी मैसेज देखने की अनुमति नहीं दी। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट आईमी आर्किबोंग ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि दूसरी कंपनियों की साइट पर जब यूजर फेसबुक लॉग-इन करते हैं, तभी उनका डेटा उस कंपनी के साथ साझा होता है। आजकल यह आम बात हो गई है। उदाहरण के लिए अगर कोई नेटफ्लिक्स पर वीडियो देख रहा है, तो वह उसे अपने किसी दोस्त के साथ फेसबुक पर शेयर कर सकता है।
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यूरोप में नया डेटा सुरक्षा कानून इसी साल 25 मई से लागू हुआ है। आयरलैंड का डेटा सुरक्षा आयोग फेसबुक की जांच कर रहा है। नए कानून के तहत कंपनी पर ग्लोबल टर्नओवर के 4% तक जुर्माना लगाया जा सकता है। 2017 के टर्नओवर के आधार पर फेसबुक पर 1.3 लाख करोड़ रुपए का जुर्माना लग सकता है। इंग्लैंड 4.5 करोड़ और इटली 8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुका है।