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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पुतिन ने नक्शा बनाकर मैक्रों को समझाया- यूक्रेन को शांति में दिलचस्पी नहीं

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ब्यूनस आयर्स. यूक्रेन समस्या पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुकने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को जी-20 समिट के दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई यूरोपीय नेताओं ने इस मुद्दे पर उनसे बातचीत की। मैक्रों ने उनसे अजोव सागर में नरमी बरतने के लिए कहा, तो पुतिन ने वहीं एक कागज निकालकर समुद्र और खाड़ी का स्केचबनाया और मैक्रों को दोनों देशों का सीमा विवाद समझाया।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मैक्रों के दल में शामिल एक अफसर ने बताया कि पुतिन ने करीब 10 मिनट तक सीमा की स्थिति समझाई। उन्होंने बताया कि किस तरह यूक्रेन का जहाज तटस्थ क्षेत्रसे रूसी सीमा में दाखिल हो गया। इतना ही नहीं पुतिन ने समिट के दौरान साफ कर दिया कि जब तक यूक्रेन में वर्तमान सरकार सत्ता में रहेगी, तब तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी रहेगा। उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा कि यूक्रेन की सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष समाप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और इसलिए रूस भी पीछे नहीं हटेगा।

यूक्रेन में लागू हो चुका है मार्शल लॉ
रूस के साथ समुद्र में विवाद के बाद यूक्रेन में 30 दिन के लिए मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। इस स्थिति में सीमा पर मौजूद सेना पूरी तरह आपात स्थिति में रखी गई है। यूक्रेन ने रूस से उसके तीनों जहाज और 24 नाविकों को लौटाने के लिए कहा है। इस विवाद के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पुतिन के साथ जी-20 में होने वाली बैठक रद्द कर दी थी।

क्या है दोनों देशों के बीच विवाद?
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद कोई नया नहीं है। दरअसल, कुछ समय पहले यूक्रेन ने अपने क्षेत्र से रूस के कब्जे वाले क्रीमिया की एक नाव को पकड़ा था। मॉस्को ने इसके बाद ही यूक्रेन पर कड़ा रुख दिखाते हुए इस क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों पर निगरानी बढ़ा दी। अजोव सागर रूस के कब्जे वाले पूर्वी क्रीमिया और यूक्रेन के दक्षिणी इलाके में स्थित है। 2003 के एक समझौते के मुताबिक, दोनों ही देश कर्च खाड़ी पर मौजूद समुद्र का साझा रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं।

जमीन पर भी आमने-सामने रूस-यूक्रेन

इसके अलावा पूर्वी यूक्रेन पर रूस समर्थित विद्रोहियों का कब्जा है, जो सरकार के खिलाफ जंग छेड़ते रहते हैं। इन विवादों की वजह से रूस के पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं। इन देशों का आरोप हैं कि क्रीमिया पर कब्जे के कारण 2014 में यह संघर्ष शुरू हुआ। भारी सैन्य खर्चों और अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में अहम उद्योगों को नुकसान पहुंचने से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।

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Putin meets Macron briefs him about Ukraine Crisis