लुधियाना।जवद्दी के जीके इस्टेट में पिस्तौल के साथ सेल्फी लेते समय ट्रिगर दबने पर चली गोली से जख्मी रियल इस्टेट कारोबारी के 14 साल के बेटे इशांत की गुरुवार देर रात डीएमसी अस्पताल में मौत हो गई। वह बाल भारती स्कूल में 8वीं का छात्र था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने उसकी लाश कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया। पुलिस ने परिवार के बयान पर धारा-174 के तहत कार्रवाई कर दी। वहीं, परिजनों और मोहल्ले में मातम का माहौल है, जोकि परिवार को संभालने के लिए आए, मगर रो पड़े।
अधूरे रह गए परिवार के अरमान
दादा हरभजन सिंह सराफ (सोने के जेवरात बनाने) का काम करते हैं। पढ़ाई में अव्वल रहने वाले इशांत के सपने बड़े थे, वह अकसर दादा से कहता था कि उसने खुद का होटल बनाना है, जो पंजाब में अनोखा हो। मगर उन्हें क्या पता था कि इशांत के सपने और परिवार के अरमान अधूरे रह जाएंगे। वहीं, इशांत की छोटी बहन तान्या (12) का भी रो-रो कर बुरा हाल था। जब इशांत का संस्कार होने लगा तो परिवार के अलावा मोहल्ले के लोग भी उसे एक बार देखने की बात कहकर जोर-जोर से चिल्लाते दिखे।
मोबाइल के बटन की जगह दब गया था ट्रिगर
इशांत 14 नवंबर सुबह 8.30 बजे उठा और उसने बैड के पास पड़ी पिता की लाइसेंसी पिस्तौल उठा ली। इसके बाद उसने सेल्फी लेने की सोची और एक हाथ में पिस्तौल और दूसरे से मोबाइल पकड़ लिया। उसने फोटो खींचने के लिए मोबाइल का बटन दबाने की बजाए पिस्तौल का ट्रिगर दबा दिया। गोली उसकी छाती में जा लगी। गोली की आवाज सुन परिजन इकट्ठा हो गए और उन्होंने इशांत को डीएमसी दाखिल कराया।
असलहे के साथ सेल्फी खतरनाक
सेल्फी के शौकीन बच्चे-युवा सोशल साइट्स पर भी असलहे की नुमाइश कर फोटो डाल कर रहे हैं। हालांकि पुलिस ऐसे लोगों पर कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन असलियत में सोशल मीडिया पर हजारों की तादाद में असलहे के साथ फोटो डाली जा चुकी हैं।
23 हजार के पास असलहा, चेकिंग जीरो
पुलिस महकमे के आकंड़ों के मुताबिक लुधियाना में 23 हजार के करीब लाइसेंसी असलहा धारक हैं। इसकी पुलिस की ओर से समय-समय पर चेकिंग की जाती है, जोकि सिर्फ कागजों में दिखती है। असलहा धारक को जब असलहा लेना होता है तो उसके साथ मकान का नक्शा लगाना होता है। इसका मकसद होता है कि पुलिस को पता चल सके कि आपके पास घर में कोई ऐसी जगह है, जहां आप असलहा सुरक्षित रख सकें। लेकिन कभी इसे चेक नहीं किया गया।
ये बरतें सावधानियां
– पिस्तौल को परिजनों और बच्चों की पहुंच से दूर रखें, जिसके बारे में सिर्फ पिस्तौल रखने वाले को ही पता हो।
– पिस्तौल को हमेशा अनलोड और गोलियां बाहर निकालकर रखें।
– शादी समारोह में असलहे की नुमाइश न करें और किसी के भी हाथ में न थमाएं।
– पिस्तौल रखने वाले को इसकी पूरी ट्रेनिंग लेनी चाहिए, ताकि अगर कहीं पिस्तौल साफ करते हों, तो आपको उसके बारे में पूरी जानकारी हो।
असलहा सुरक्षित जगह पर रखना जरूरी है, जोकि बच्चों की पहुंच से दूर हो। इसे लेकर पुलिस भी समय-समय पर चेकिंग करती है।-सुरिंदर मोहन, एसीपी क्राइम
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