Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

110 एकड़ में बनी संतों व संगत की अस्थाई नगरी

0
96

तीर्थ राज कपाल मोचन में टैंटों व पंडालों में बसे अस्थाई शहर का नजारा भी गजब का है। विभिन्न धर्मों व संप्रदायों से पहुंचे साधु, संत, धर्मगुरुओं के दरबार भी इन पंडालों में ही सजे हैं। सभी एकता के भाव को प्रदर्शित कर काफी खुश हैं। किसी को किसी से कोई शिकायत नहीं है। न कोई किसी की जाति पूछ रहा है न ही धर्म। सेवा को पहुंची संगत का हल्की सी मुस्कान के साथ अनुरोध एक ही है ‘प्रसादा ले लो जी’। करीब 110 एकड़ में फैले मेला क्षेत्र में वैसे तो कई धर्मशालाएं भी हैं, लेकिन मेले में पहुंचने वाले छह से सात लाख श्रद्धालुओं के लिए ये पर्याप्त नहीं हैं। इसीलिए पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचने वाली संगत यहां पर टैंटों में सात दिन ठहरकर लंगर आदि के द्वारा श्रद्धालुओं की सेवा करती है। दिनभर कथाएं व कीर्तन दरबार के दौर चल रहे हैं। एक टैंट ठेकेदार ने बताया कि अभी तक मेले में 800 से अधिक झोपड़ी स्टाइल के छोटे तंबू, 18 सौ बड़े तंबू व पांच सौ पंडाल लगने का अनुमान हैं।

सभी की अपनी व्यवस्था, इसी में संतुष्ट: शहर में स्थाई रूप से रहने वाले लोग भले ही सुविधाओं को लेकर सरकारी मशीनरी को कोसते रहते हों पर यहां पर पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं को किसी से कोई शिकायत नहीं है। खाने-पीने के सामान से लेकर जरूरत की दवाओं के साथ वे पहुंचे हैं। रहने के टेंट की व्यवस्था उनके डेरा प्रमुख पहले से तैयार रखते हैं। इसके बीद भी यदि जगह की कमी रह जाती है तो ट्रकों व ट्रैक्टर ट्राॅलियों में भी बिस्तर बिछाकर श्रद्धालु विश्राम कर रहे हैं। पांच दिन तक मेले में यही नजारा रहता है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

Yamunanagar – temples of saints and accompanist built in 110 acres