सुखबीर सिंह बाजवा, चंडीगढ़.पंजाब में खालिस्तान समर्थक अलग-अलग संगठन पंजाब पुलिस के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। पाकिस्तान की आईएसआई इन संगठनों से की मदद से पंजाब को एक बार फिर अशांत करने की कोशिश में लगा है। इसके लिए आईएसआई ने अपने तौर तरीके भी बदल दिए हैं।
आतंकवादी अब पिस्टल के बजाय ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करने लगी है, जिनसे दहशत ज्यादा फैले। इसी कारण अजनाला में हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। आतंकवादियों द्वारा वारदात के बदले गए तरीकों से निपटने के लिए पंजाब पुलिस ने 9 अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें एडीजीपी इंटेलिजेंस के नेतृत्व में दो डीआईजी, तीन एआईजी और तीन एसपी शामिल हैं।
बेरोजगारों को बनाया जा रहा टारगेट, पैसे का लालच देकर करवाते हैं वारदात :
पुलिस के सूत्र बताते हैं कि पंजाब में पढ़े लिखे बेरोजगारों को आईएसआई टारगेट कर रही है। पंजाब पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी है। ऐसे बेरोजगार युवकों को पैसे का लालच देकर काम कराया जा रहा है। ये किसी संगठन की नहीं, बल्कि आईएसआई की प्लानिंग है। ऐसे बेरोजगार युवक आईएसआई के लिए साॅफ्ट टारगेट हैं, जिनको इस्तेमाल किया जा रहा है।
अलग-अलग लोगों से कराए जाते हैं काम :पहले आईएसआई पैसे प्रोवाइड करने से लेकर वारदात को अंजाम देने तक सभी काम खुद करती थी। अब उन्होंने अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग लोगों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। वारदात करने के लिए पूर्व आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर बेरोजगार युवकों को पैसे का लालच और धार्मिक भावनाएं उकसाकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
उनके पास हथियार किसी और के जरिये पहुंचाए जाते हैं और पैसा किसी और के जरिये। यहां तक कि अब पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करने की बजाय हथियारों को बाॅर्डर पर ऐसे ही रख दिया जाता है, जहां से आतंकवादी हथियार उठा लाते हैं।
वारदात को अंजाम देने वाले इक-दूजे को जानते तक नहीं :
पुलिस सूत्रों की मानें तो आईएसआई अब रेकी किसी और से करवाती है और हमला किसी दूसरे से। जिन युवकों से रेकी कराई जाती है, वही युवक रेकी करने के बाद हमला करने वाले युवकों को समझा देते हैं कि कहां कैसे हमला करना है। उनके कहने के मुताबिक दूसरे युवक उस जगह पर जाकर हमला कर देते हैं।
इस तरह वारदात में शामिल अलग-अलग लोग एक-दूसरे को जानते ही नहीं होते। अजनाला के हमले में भी ऐसा ही किया गया। इसमें बाइक चलाने वाले बिक्रमजीत सिंह को सिर्फ बाइक चलाने और वारदात की जगह के बारे में पता था, जबकि पीछे बैठे अवतार ने बम फेंकना था, लेकिन उसे नहीं पता था कि कहां फेंकना है। जहां बिक्रम ने उसे बताया, वहां पहुंचकर उसने बम फेंक दिया।
ये संगठन पंजाब में पैर पसारने की फिराक में :
बता दें कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकी संगठनों के नेता पंजाब में पैर पसारने की फिराक में हैं। इसी के तरह कई घटनाओं को अंजाम भी दिया गया। बब्बर खालसा, खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, भिंडरांवाला टाइगर फोर्स ने मिलकर आईएसआई से सांठगांठ कर ली है।
ये सभी इटली, कनाडा, अमेरिका, जर्मन, आॅस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड में सैटल पूर्व आतंकियों से फंडिंग करवा रहे हैं। डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कहना है कि विदेशों में बैठे ये पूर्व आतंकवादी पंजाब में माहौल खराब करना चाहते हैं।
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