विकास बत्तान. कुरुक्षेत्र राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी कुरुक्षेत्र ने इतिहास में पहली बार शुक्रवार को दीक्षांत समारोह का साल बदलने के साथ गाउन परंपरा को भी बदल दिया। समारोह में 1353 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। इससे पहले तक एनआईटी के विद्यार्थियों को डिग्री लेने के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ता था। वहीं पहली बार स्नातक व स्नातकोत्तर करने वाले विद्यार्थियों को मौजूदा सत्र में डिग्री दी हैं।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने मार्च 2015 में हुए दीक्षांत में गाउन परंपरा को छोड़ स्वदेशी पहनावा अपनाने का आह्वान किया था। 2016 और 2017 में हुए दीक्षांत में तो एनआईटी प्रशासन ने उनके आह्वान पर गौर नहीं किया, लेकिन इस बार गाउन परंपरा को बदल दिया। लड़कों के लिए इस बार सफेद शर्ट और काली पैंट और लड़कियों के लिए सफेद शर्ट व काली पैंट या क्रीम कलर की साड़ी का पहनावा निर्धारित किया गया।
1353 विद्यार्थियों को मिली डिग्री :
एनआईटी के प्रवक्ता प्रो. पीसी तिवारी ने कहा कि शुक्रवार को हुए 16वें दीक्षांत समारोह में 1353 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। इसमें बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी बीटेक की 755 डिग्री, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की 332 डिग्री, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की 53 डिग्री, मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की 83 डिग्री, डॉक्टर ऑफ फिलोसफी पीएचडी की 63 डिग्री और आईआईआईटी सोनीपत की 67 डिग्री शामिल हैं।
डॉ. कलाम ने कहा था- यह ब्रिटिश लोगों की परंपरा :
पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने 26 मार्च 2015 को हुए निट के 12वें दीक्षांत समारोह में कहा था कि हम सभी ने जिस गाउन को पहन रखा है, वह ब्रिटिश लोगों द्वारा शुरू की गई परंपरा है। हमें इसमें बदलाव लाना चाहिए, दीक्षांत के लिए खुद का परिधान बनाना चाहिए। उनके आह्वान का एनआईटी निदेशक, चेयरपर्सन, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने समर्थन किया था। आखिरकार तीन साल के बाद उनके आह्वान पर अमल हुआ।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today