पुणे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार कोसाईं समाधि शताब्दी समारोह में शामिल होंने के लिए शुक्रवार कोशिरडीजाएंगे। इस मौके पर वे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई निर्माण कार्यों की नींव रखेंगे।इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने सुबह महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को हिरासत में ले लिया। उन्होंने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर मोदी से मिलने की इच्छा जताई थी। पुलिस को लिखी चिट्ठी में धमकी दी थी कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री से नहीं मिलने दिया तो वे उनका काफिला रोक देंगी।
तृप्ति देसाई शिंगणापुर के शनि मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए आंदोलन कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हम विजयादशमी के मौके पर हम लोग शिर्डी जा रहे थे। पुलिस पहले ही मेरे घर के आसपास मौजूद थी। उन्होंने हमें आगे नहीं बढ़ने दिया। विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह नरेंद्र मोदी के द्वारा हमारी आवाज दबाने की कोशिश है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश दिया जाना था, लेकिन हिंसक विरोध के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया।
साईं ने 1918 में ली थी समाधि
साईं बाबा की समाधि के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शिरडी में 17 से 19 अक्टूबर तक साई दरबार सजाया गया। 15 अक्टूबर 1918 को बाबा ने शिरडी में समाधि ली थी। इस दरबार में 30 राज्यों और 20 देशों के 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होंगे। कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। समारोह से पहले ही यहां के 750 होटल और शिरडी संस्थान के 1500 कमरे बुक हो चुके हैं।
96 साल में ट्रस्ट की आय 11 लाख गुना बढ़ी
शिरडी संस्थान के सीईओ रूबल अग्रवाल ने बताया कि 1922 में साईं बाबा मंदिर को ट्रस्ट के रूप में रजिस्टर किया गया। उस समय ट्रस्ट की सालाना आय लगभग 3200 रुपए थी। आज ट्रस्ट की आय 371 करोड़ रुपए हो गई है।
रसोई में एक लाख लोगों के भोजन का इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे, डॉग स्क्वॉड, एक हजार से ज्यादा पुलिस फोर्स और संस्थान के ही 500 से ज्यादा सेवक व्यवस्था में शामिल हैं। करीब एक लाख श्रद्धालु के लिए रसोई में भोजन की व्यवस्था की गई। भाेजन परोसने के लिए एक हजार सेवकों ने तीन शिफ्ट में सेवाएं दीं। पूरा मंदिर परिसर 35 लाख खर्च कर फल और फूलों से सजाया जाएगा। इसके लिए साढ़े सात टन फूल मंगवाए गए।
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