तेहरान. अमेरिका ने मंगलवार को ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। अमेरिकी बैन में ईरान के दो बैंकों मेलात, मेहर एक्तेसाद समेत और निवेश-इंजीनियरिंग कंपनियों को शामिल किया गया है। प्रतिबंध के तहत, बैंकों और कंपनियों के कारोबार करने पर रोक लगाई गई है। अमेरिका के सीनियर अफसरों का कहना है कि नवंबर में ईरान में और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को एक तरह का आर्थिक आतंकवाद और आर्थिक युद्ध करार दिया था।
अमेरिका ने दी थी दुनियाभर के देशों को चेतावनी
इसी साल जुलाई में अमेरिका ने ईरान से 2015 में किए गए परमाणु समझौते से हाथ वापस खींच लिए थे। अमेरिका का आरोप था कि ईरान ने उसे धोखा देकर परमाणु हथियार बनाना जारी रखा। इसी के चलते ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जो कि 4 नवंबर से लागू होंगे। 4 नवंबर के बाद जो भी देश ईरान से कारोबार करेंगे उन्हें अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
भारत के लिए तेल सप्लाई का विकल्प देख रहा अमेरिका
अमेरिका ने यह भी कहा था कि वह अपने दोस्त भारत के लिए तेल सप्लाई का नया विकल्प तलाशने में जुटा है। अमेरिका के मुताबिक- वह नहीं चाहता कि उसके कदम की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर पड़े। हालांकि भारत ने अभी तक ईरान से तेल आयात बंद करने पर कोई फैसला नहीं किया है। भारत और अमेरिका के विशेषज्ञ ईरान पर प्रतिबंध के बाद के हालात पर चर्चा कर रहे हैं। भारत ईरान से दूसरा सबसे ज्यादा तेल आयात करने वाला देश है।
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