चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों के रवैये पर काफी सख्त टिप्पणी की है। एक मामले पर सुनवाईके दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि अफसरशाही का नशा अधिकारियों के सिर चढ़कर बोल रही है। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई पर डिवीजनल रेल मैनेजर (डीआरएम) खुद कोर्ट में पेश होकर जानकारी दें।
चंडीगढ़ से दिल्ली की शताब्दी में अतिरिक्त कोच जोडऩे को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। वीरवार को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में पैरलल रनवे के निर्माण के कारण 12 से 26 फरवरी तक एयरपोर्ट बंद होने के कारण शताब्दी में अतिरिक्त कोच जोड़ने या अतिरिक्त शताब्दी पर रेलवे को जवाब देना था। लेकिन, रेलवे जवाब नहींं दे पाया। हाईकोर्ट ने इस पर सख्त नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से एयरपोर्ट पर पैरलल रनवे और टैक्सी ट्रैक व कैट 3 पर भी जवाब मांगा है।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में रेलवे के वकील ने जानकारी दी थी कि शताब्दी में अतिरिक्त कोच जोडऩे या अतिरिक्त शताब्दी आरंभ करने के लिए प्रपोजल रेलवे मुख्यालय को भेजा गया है। वहां से मंजूरी के बाद ही इस रूट पर अतिरिक्त रेल या कोच लगाने पर निर्णय लिया जा सकता है।
रेलवे के वकील ने कहा कि बहुत प्रयासों के बाद भी उन्हें इस बारे में आगे के निर्णय की जानकारी नहीं मिल पाई है। इसपर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अफसरशाही वाला रवैया है, ऐसा लगता है कि अफसरशाही अधिकारियों के सर चढ़कर बोल रही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि योजनाएं भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्यों नहीं तैयार की जाती हैं।