काम, क्रोध और लोभ के कारण ही जीव का पतन होता है : ईश्वर चंद्र शास्त्री
श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 में देवालय पूजक परिषद के तत्वाधान में भागवत कथा जारी
चण्डीगढ़। नरक के तीन द्वार हैं-काम, क्रोध और लोभ। ये बात आज आज श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथाव्यास ईश्वर चंद्र शास्त्री ने कही। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि इन तीनों दुर्गुणों के कारण ही जीव का पतन होता है। गीता में भगवान श्री कृष्ण जी ने भी काम, क्रोध व लोभ को नरक के द्वार बताया। आज समाज में जितना भी अत्याचार बढ़ रहा है उसके मूल में लोभ हैं व लोभ ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है। “लोभ पापस्य कारणं ” अर्थात लोभ ही पाप का कारण है। अतः जो अपना कल्याण चाहता है उसे चाहिए कि काम, क्रोध व लोभ इन तीनों का परित्याग करें व अपना मानव जन्म सार्थक बनाएं। कथा में श्रद्धालुओं ने भजनों का भी भरपूर आनंद लिया।
श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 में देवालय पूजक परिषद के तत्वाधान में चल रही इस भागवत कथा में इस अवसर पर आज के मुख्य जजमान अरविंद अग्रवाल थे जबकि अन्य उपस्थित गणमान्यों में आर. जे. संकीर्तन मंडल सेक्टर-32 की प्रधान रंजना अग्रवाल, उपप्रधान सोनम वर्मा, मंडल सचिव मीणा चड्ढा, जिला सचिव सुप्रिया गोयल, समाज सेवी वीरेंद्र भटारा भी अपने सभी सदस्यों के साथ कथा में भाग लिया। इस मौके पर देवालय पूजक परिषद् के सदस्यगण सर्वश्री पं. चंद कौशिक, पं. ओम प्रकाश, पं. अयोध्या प्रसाद, पं. शक्ति प्रसाद, पं. अरविंद आचार्य, पं. जयप्रकाश, पं. जे.सी. गौतम, पं. सुभाष चंद्र शर्मा, पं. जय प्रकाश सेमवाल, पं. रामगोपाल रतूड़ी एवं पं. शिव शंकर तिवारी आदि भी मौजूद थे।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020