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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

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👉हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल
👉वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि मंडल ने हरियाणा के माननीय राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर पत्रकारों के हित के लिए मांग-पत्र व सुझाव दिए

चंडीगढ़ । हाल ही में हरियाणा के पत्रकारों की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय उपाध्याय की अध्यक्षता में हरियाणा के माननीय राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय से मिला। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सचिव एंव हरियाणा के कार्यकारी अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार विकास सुखीजा ने किया। प्रतिनिधि मंडल ने माननीय राज्यपाल महोदय को पुष्प गुच्छ देकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस मौके पर डब्ल्यू. जे.आई. के प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरियाणा व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक कुमार गुप्ता, प्रदेश प्रचार सचिव शिव बत्रा, जिला प्रभारी करनाल जयपाल बंसल, जिला उपाध्यक्ष करनाल राजीव मेहता, जिला सह-प्रभारी करनाल सुनील शर्मा, सदस्य सन्नी कुमार के अतिरिक्त तेलंगाना यूनिट के अध्यक्ष राणा प्रताप भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
हरियाणा के राज्यपाल को प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों की समस्याओं से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए मांग-पत्र व सुझाव दिए।
राष्ट्रीय सचिव विकास सुखीजा ने पत्रकारों की समस्याएं रखते हुए माननीय राज्यपाल महोदय जी को बताया कि प्रदेश की नायब सिंह सैनी सरकार को हरियाणा के सभी सक्रिय पत्रकारों को तुंरत प्रभाव से मान्यता प्राप्त घोषित किया जाना चाहिए, इसके लिए अलग से पोलसी बनाई जानी चाहिए। पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक कानून व एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए, ताकि उनकी सामाजिक सुरक्षा मिल सकें व बिना जांच के पुलिस द्वारा मुकदमे दर्ज किए जाने पर रोक लगे। पत्रकारों को सरकारी कर्मचारियों की तरह कैशलेस मेडिकल इंश्योरेंस मिलना चाहिए, जिस की सरकार कई बार घोषणा भी कर चुकी है, लेकिन अभी तक लागू नहीं कर पाई है, जिस कारण पत्रकारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पत्रकारों को भी वकिलों को दी जाने वाली सुविधा के आधार पर पत्रकारों को कम से कम 200-200 गज के प्लाट दिए जाने चाहिए। इसके अलावा पत्रकारों को दी जाने वाली पत्रकार सम्मान राशि को बढ़ाया जाना चाहिए और सम्मान राशि प्राप्त करने के लिए 60 वर्ष की शर्त की जगह 55 वर्ष की आयु निर्धारित की जानी चाहिए। जिस पत्रकार को किसी एक संस्थान में कार्य करते हुए 15 वर्ष का अनुभव हो, उसे भी मान्यता व पैंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। काफी पत्रकार इसका कारण सरकार की इस सुविधा से वंचित हैं। डिजिटल मीडिया के प्लेटफार्म, वेब चैनल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कम्युनिटी रेडियों पर काम करने वाले पत्रकारों को भी पत्रकार का दर्जा दिया जाए, जिसकी केंद्र सरकार द्वारा घोषणा गजट में भी की जा चुकी है, इन्हें भी मान्यता प्राप्त की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि आज का दौर पूरी तरह से डिजिटल हो चुका है और समाचार किसी अखबार या टीवी चैनल पर आने से पहले इन प्लेट फार्म के माध्यम से आमजन तक पहुंच जाता है। पत्रकारों को प्रदेश के सभी टोल टेक्सों पर अन्य प्रदेशों की तरह निःशुल्क आवागमन की सुविधा दी जाए।
इसके साथ -साथ हरियाणा सरकार द्वारा मीडिया को लेकर बनाई जाने वाली सरकारी कमेटियों में वर्किंग जर्नालिस्ट आफ इंडिया की हरियाणा इकाई के पदाधिकारियों को भी नियुक्त किया जाना चाहिए। किसी भी पत्रकार की मृत्यु पर हरियाणा सरकार की ओर से कम से कम 50 लाख रुपए की आर्थिक सहयोग राशि के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए‌, ताकि उसके परिवार का गुजर-बसर चलता रहे।
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल जी को कई तरह के सुझावों से भी अवगत कराया गया। महामहिम ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन देते हुए कहा कि वह पत्रकारों की समस्याओं को हरियाणा के मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर शीघ्र ही समाधान करवांएगे।
बोक्स
दिव्यंगत पत्रकार निखिल के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए : सुखीजा

प्रतिनिधि मंडल ने माननीय राज्यपाल जी से आग्रह किया गया कि पीछले दिनों एक सड़क हादसे में हमारे साथी डिजिटल मीडिया के नौजवान पत्रकार निखिल पुत्र मोहन लाल निधन हो गया था, जो कि पिछले दो साल से डिजिटल मीडिया के न्यूज चैनेल ए-वन करनाल न्यूज में सक्रिय पत्रकारिता कर रहा था। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल जी से मांग की कि निखिल का परिवार बड़ा ही निधन है और इस परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। जिस कारण उसके घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता है ओर निखिल के माता पिता दोनों पीछले कई सालों से बिमार है और जो ये कमाते हैं, वो इलाज में खर्च हो जाता है। इसलिए निखिल के परिवार की गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए हरियाणा सरकार से उनके परिवार को उचित आर्थिक सहायता प्रदान कराई जाए। जिस के लिए डब्ल्यू. जे.आई. उनका आभारी रहेगा।