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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन योजना के बारे में जानकारी देकर जनता को धोखाधड़ी वाले डिजिटल लेनदेन के बारे में सचेत किया 

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रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन योजना के बारे में जानकारी देकर जनता को धोखाधड़ी वाले डिजिटल लेनदेन के बारे में सचेत किया 
चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़ स्थित रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन कार्यालय ने आज पंचकूला में एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसका मुख्य उद्देश्य रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन योजना के बारे में जानकारी फैलाना और लोगों को धोखाधड़ी वाले डिजिटल लेनदेन के बारे में सचेत करना था। उपथित लोगों को को रिजर्व बैंक के ओम्बड्समैन राजीव द्विवेदी और भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक श्री कृष्ण शर्मा ने संबोधित किया।
यह कार्यक्रम बैंक खाताधारकों, पेंशनभोगियों, छात्रों, वेतनभोगियों, वरिष्ठ नागरिकों, उद्यमियों, किसानों आदि के लाभ के लिए आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बताया गया कि बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं और भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों की सेवाओं में कमी के बारे में शिकायतें भारतीय रिज़र्व बैंक के पास https://www.cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन दर्ज की जा सकती हैं या रिजर्व बैंक एकीकृत ओम्बड्समैन योजना 2021 के तहत जांच के लिए मुख्य महाप्रबंधक, केंद्रीय प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक, सेंट्रल विस्टा, सेक्टर 17 ए, चंडीगढ़ -160017 को भौतिक रूप में भेजी जा सकती हैं।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ग्राहकों को अपनी जोखिम क्षमता और आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध निवेश/जमा विकल्पों की पहचान करने में सावधानी बरतनी चाहिए। वक्ताओं ने यह भी अनुरोध किया कि ऋण सुविधाओं का लाभ उठाते समय ग्राहकों को ऋण अनुशासन बनाए रखना चाहिए। इसी दौरान नामांकन, लॉकर व्यवस्था, बीमा और अन्य उत्पादों के बीच अंतर के बारे में क्या करें और क्या न करें, इस पर विस्तार से चर्चा की गई।
सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के पहलू पर, प्रतिभागियों से अनुरोध किया गया कि वे ओटीपी, खाता/कार्ड विवरण, पिन, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड आदि साझा न करें और किसी भी भय या प्रलोभन के प्रभाव में धन हस्तांतरित न करें। प्रतिभागियों से यह भी आग्रह किया गया कि सेवा प्रदाताओं के केवल आधिकारिक ऐप, वेबसाइट और कॉल सेंटर नंबर का ही उपयोग किया जाना चाहिए और मोबाइल या ईमेल पर प्राप्त होने वाले संदेशों जैसे केवाईसी विवरणों को अपडेट करना, बिजली और गैस की आपूर्ति को बंद करना, सिम कार्ड को ब्लॉक करना, क्रेडिट कार्ड में रिवार्ड पॉइंट्स को रेडीम, निवेश प्रस्ताव, टेलीग्राम के माध्यम से नौकरी की पेशकश आदि जैसे किसी भी लिंक को डाउनलोड करके या अन्यथा आने वाले संदेशों पर अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। इसी प्रकार, विदेशी रिश्तेदारों को निधियों के विप्रेषण के संबंध में प्राप्तकर्ताओं को दिए गए किसी भी संदेश पर उचित पुष्टि के बाद ही कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके अलावा, प्रतिभागियों को बताया गया कि कानून में ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ जैसा कुछ नहीं है और अगर ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ की धमकी देने का कोई प्रयास किया जाता है, तो किसी को भी व्यक्तिगत / वित्तीय जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए या पैसे नहीं देने चाहिए। जागरूकता बढ़ाने और वित्तीय धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकने के लिए कार्यक्रम के दौरान “आरबीआई कहता है” से संबन्धित वीडियो चलाए गए। प्रतिभागियों का ध्यान विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘संचारसाथी’ वेबसाइट (https://www.sancharsathi.gov.in) की ओर आकर्षित किया गया, जो नागरिकों के लिए संदिग्ध कॉल / फ़िशिंग लिंक के विवरण की रिपोर्ट करने की सुविधा के रूप में उपलब्ध है।