Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव: व्यापारिक जगत के लिए चुनौतीपूर्ण समय : दीपक मैनी

0
33

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव: व्यापारिक जगत के लिए चुनौतीपूर्ण समय : दीपक मैनी

– कनाडा को भारत से संबंध बेहतर रखने की जरूरत

– राजनीतिक लाभ के लिए जस्टिन ट्रूडो कनाडा के भविष्य को लगा रहे दाव पर

गुरुग्राम : भारत और कनाडा के बीच वर्तमान में चल रहे कूटनीतिक तनाव ने व्यापारिक समुदाय को असमंजस में डाल दिया है। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने इसे एक कठिन समय बताते हुए कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिस प्रकार से अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत पर बिना किसी प्रमाण के अनैतिक आरोप लगा रहे हैं वह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। इससे कहीं ना कहीं कनाडा पर अधिक आर्थिक चोट पड़ेगी।

दीपक मैनी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच करीब $8 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसमें मुख्य रूप से भारत कनाडा से दालें, पोटाश, तेल और गैस आयात करता है, जबकि कनाडा भारत से औषधि, वस्त्र, आईटी सेवाएं और आभूषण निर्यात करता है। कूटनीतिक रिश्तों में बढ़ती खटास का सीधा असर व्यापार पर पड़ सकता है, जिससे व्यापारिक साझेदारियों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में रुकावटें आ सकती हैं। मौजूदा राजनीतिक माहौल ने दोनों देशों की व्यापारिक संभावनाओं को खतरे में डाल दिया है। इससे व्यापारियों, उद्यमियों, और आम जनता को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

मैनी ने कहा कि अगर यह तनाव और गहराता है, तो व्यापार में गिरावट आ सकती है। इससे न केवल व्यापारिक कंपनियों को नुकसान होगा, बल्कि इसका असर आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। उन्होंने भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए भी चिंता जाहिर की, जो बड़ी संख्या में कनाडा जाते हैं। उन्होंने कहा, कनाडा में पढ़ने और काम करने वाले भारतीयों के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं में बाधाएं आ सकती हैं। यह हमारे युवाओं के करियर के अवसरों को सीमित कर सकता है। इसके साथ ही, कनाडा की आईटी और अन्य प्रमुख इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवर भी अनिश्चितता का सामना कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय, जो कनाडा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, तनाव की स्थिति में मुश्किलें झेल सकता है। प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच एक मजबूत पुल का काम करते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उनके लिए भी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

दीपक मैनी ने कहा कि कनाडा की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह आगे बढ़कर अपनी गलती को सुधारे, जिससे भारत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़कर कनाडा के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाने का काम कर सके। दोनों देशों के बीच वर्षों से मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस स्थिति का हल कूटनीतिक तरीके से निकालें, ताकि उद्योग और व्यापार जगत इस अनिश्चितता से बाहर आ सके।”

उन्होंने कहा कि पीएफटीआई व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है और दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय को इस संकट से निपटने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया।

भारत द्वारा कनाडा को निर्यात…

औषधि और फार्मास्युटिकल उत्पाद: भारत, कनाडा को बड़ी मात्रा में औषधि और जेनरिक दवाएं निर्यात करता है।

कपड़े और वस्त्र: भारत के कपड़े, वस्त्र, और तैयार वस्त्र कनाडा में लोकप्रिय हैं।

आभूषण: हीरे के गहने और सोने के आभूषण भारत से कनाडा को निर्यात किए जाते हैं।

आईटी सेवाएं: भारत की आईटी कंपनियां कनाडा में बड़ी सेवाएँ प्रदान करती हैं, जिससे सेवा निर्यात में भी सहयोग होता है।

चाय और मसाले: भारत से चाय, मसाले, और कृषि उत्पाद भी कनाडा में निर्यात होते हैं।

भारत द्वारा कनाडा से आयात…

कच्चा तेल और गैस: कनाडा एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक है और भारत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कनाडा से तेल और गैस का आयात करता है।

पोटाश: कृषि में उपयोग होने वाले पोटाश का बड़ा हिस्सा भारत कनाडा से आयात करता है।

धातुएं: भारत कनाडा से सोना, हीरा, और अन्य कीमती धातुएं आयात करता है।

दालें: कनाडा दुनिया के सबसे बड़े दाल उत्पादक देशों में से एक है और भारत दालों का प्रमुख आयातक है।

मशीनरी और उपकरण: उच्च तकनीकी मशीनरी और उन्नत उपकरणों का आयात भारत कनाडा से करता है।