Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मत जियो सिर्फ अपनी खुशी के लिए- काव्यांजलि

0
93

मत जियो सिर्फ अपनी खुशी के लिए- काव्यांजलि

‌राष्ट्रीय कवि संगम, ट्राईसिटी चंडीगढ़ की ओर से राज्य कवि प्रोफेसर उदयभानु हंस जी की जयंती पर एवं श्री जगदीश मित्तल जी के अमृत महोत्सव पर ‘काव्यांजलि’ कार्यक्रम का आयोजन मितासो होटल में किया गया। जिसका शुभारंभ चंडीगढ़ के प्रसिद्ध गायक सोमेश जी की मां सरस्वती वंदना से हुआ। कवि संगम की मोहाली इकाई के अध्यक्ष रंजन मगोत्रा ने समारोह का संचालन किया और पहले चरण में राज्यकवि हंस जी की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल दिल्ली से पधारे। उन्होंने हंस जी की पंक्तियां मत जियो सिर्फ़ अपनी खुशी के लिए, कोई सपना बुनो ज़िंदगी के लिए। पोंछ लो दीन दुखियों के आँसू अगर, कुछ नहीं चाहिए बंदगी के लिए।। सुनाते हुए कहा कि हम महान कवि हंस जी की रुबाइयां और गीत बचपन से सुनते आ रहे हैं।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में पलवल से विधायक दीपक मंगला, ग्लोबल यूनिवर्सिटी हिसार से डाक्टर पुनीत गोयल, संस्था के संरक्षक रमेश मित्तल, ट्रस्टी बलदेव गोयल, प्रदेश प्रभारी सुरेंद्र सिंगला उपस्थित रहे और अध्यक्षता निभाई सेवानिवृत उपनिदेशक शिक्षा विभाग हरियाणा की श्रीमती सुनीता नैन ने और उनके तीज उत्सव पर गाए हरियाणवी गीत ने खूब तालियां बटोरीं।
चण्डीगढ़ प्रांत अध्यक्ष संतोष गर्ग ने हंस जी के संग हिसार में बीते दिनों के अनेक संस्मरण और उनका प्रसिद्ध गीत सुनाया, आदमी का जीवन तो बुलबुला है पानी का। घर जिसे समझते हो एक धर्मशाला है।।
इकाई की महासचिव नीलम नारंग ने हंस जी की ग़ज़ल सुना कर वाहवाही लूटी।
समारोह के दूसरे चरण में कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल परमार्थी का 75वां जन्मोत्सव अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया। किसी रचनाकार ने उन्हें ‘अनुशासन का नाम है- श्री जगदीश मित्तल’ कहा और किसी ने कहा कि आज जो हमारी संस्था वट वृक्ष के रूप में पनप रही है वह एक प्रहरी के रूप में उन्हीं की देखभाल का फल है। जगदीश मित्तल जी ढाई सौ नवोदित कवियों को ‘दस्तक युवा पीढ़ी’ के नाम से राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवा चुके हैं। देश के 30 प्रांतों में फैले लगभग 5000 कवियों का कुनबा आज उनके सान्निध्य को अपना सौभाग्य मानता है।
पलवल से पधारे विशिष्ट अतिथि विधायक दीपक मंगला ने कहा कि मैं आज जो कुछ हूं वह, जगदीश बाऊ जी का लगाया हुआ पौधा हूं। ऐसे काव्य प्रेरक, निष्काम, परमार्थी, संत सामान माननीय जगदीश मित्तल के चरणों में सादर प्रणाम।
इस अवसर पर हांसी हिसार की प्रिंसिपल दर्शना सुभाष पाहवा, सविता गर्ग, कृष्णा गोयल, बिजेंद्र चौहान, गणेश दत्त, एम एल अरोड़ा, सोमेश गुप्त ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
हरियाणवी लोक गायक सौरभ अत्री की रागिनी पर सभी श्रोता झूम उठे।
इन्हीं के साथ ही गुरुग्राम से शिवकुमार जिंदल, ईश्वर चंद्र जिंदल, रामकुमार मित्तल, नवदीप बंसल, सुभाष सरिया, हेमंत कुमार, रितु बाला, समीर जिंदल, प्रमोद सिंगल, अमित शर्मा, कमल मित्तल, ललित सपरा, इंद्रजीत सिंगला, रंजीत पखरीजा, बलराम गुप्ता, निखिल जैन, शोमिल गोयल, अर्श अग्रवाल, सुभाष चंद्र पाहवा, दीप्ति अग्रवाल, अमिता पखरीजा आदि अनेकानेक महानुभावों ने उपस्थित होकर अपनी शुभकामनाएं दी।
अंत में मुख्य अतिथि जगदीश मित्तल जी की भावुकता भरी पंक्तियां सभी के मन को छू गई, “तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं।”