चंडीगढ़, 20 अक्टूबर — हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है। महामहिम राज्यपाल आज गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, अम्बाला कैंट द्वारा आयोजित 46वां जोनल युवा समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि जी.एम.एन. कॉलेज, अम्बाला कैंट द्वारा आयोजित तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, युवा एवं सांस्कृतिक मामले विभाग द्वारा प्रायोजित 46वें जोनल युवा समारोह के सफल आयोजन के लिए जी.एम.एन. कॉलेज के समस्त पदाधिकारियों, आयोजकों एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जैसा कि मुझे बताया गया है कि गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, अम्बाला छावनी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के निधन के बाद उनके नाम से स्थापित की गई भारतवर्ष की पहली शिक्षण संस्थान है, जिसका शिलान्यास उन्नीस सौ अड़तालीस में हुआ था। यह हम सब के लिए बहुत ही खुशी की बात है कि संस्थान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यहां तीन दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे अम्बाला जोन के लगभग बीस से अधिक कॉलेजों के विद्यार्थियों ने लगभग तैतालीस प्रकार की सांस्कृतिक विधाओं में हिस्सा लिया है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ यूथ फेस्टिवल जैसे आयोजनों का बहुत महत्व है। इस तरह के आयोजन अपनी भारतीय लोक-कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति और परंपराओं को संजोकर रखने के साथ-साथ अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होते हैं। सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियां विद्यार्थियों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ उनकी प्रतिभाओं को और निखारने के लिए प्रेरित करती हैं और मन को भी प्रफूलित करती हैं। हरियाणा प्रदेश की महान संस्कृति को सहेजने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय यूथ फेस्टिवल के माध्यम से अहम भूमिका निभा रहा है तथा देश की भावी पीढिय़ों के लिए सभ्यतागत विरासत का पोषण भी इसके माध्यम से किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि जैसा कि उन्हें बताया गया है कि इस कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी आज बहुत बड़े-बड़े पदों पर आसीन है, जिनमे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, फिल्म कलाकार बलराज साहनी, पद्मश्री और अर्जुन सम्मान से अलंकृत श्री गुलशन राय (आई.आर.एस.), कई प्रसिद्ध डाक्टर, आई.ए.एस. अधिकारी, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, बड़े-बड़े इंजीनियर जैसी महान विभूतियां शामिल हैं, जो इस संस्थान में शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कॉलेज के शैक्षणिक विकास एवं कल्याण के लिए पूर्व छात्रों का योगदान भी अतुलनीय है। वे समय-समय पर कॉलेज में शिरकत कर विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और अनुभव से लाभान्वित करते रहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कॉलेज के शैक्षणिक विकास एवं कल्याण के लिए पूर्व छात्रों का योगदान भी अतुलनीय है। वे समय-समय पर कॉलेज में शिरकत कर विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और अनुभव से लाभान्वित करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह कॉलेज देश के उन गिने चुने दो प्रतिशत उच्च शिक्षा संस्थानों में से है जिन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा ”ए प्लस प्लस ग्रेड” दिया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों में सर्वाधिक सीजीपीए 3.56 लेने वाला यह पहला कॉलेज है। आज यह संस्था विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का ज्ञान विद्यार्थियों को दे रही है, जो हमारी प्राचीन परम्पराओं और आधुनिक शिक्षा का समन्वय करते हैं। समाज में आजकल रोजगार उन्मुख एवं मूल्य आधारित पाठ्यक्रमों की जरूरत है, जो पारम्परिक, बहु-विषयक, व्यावसायिक और कौशल आधारित विषयों पर पाठ्यक्रम प्रदान करें, जिससे कि नौकरी की मांगों को पूरा किया जा सके। जी.एम.एन. कॉलेज द्वारा बीसीए(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), पीजी डिप्लोमा साइबर सिक्योरिटी, बीएससी नर्सिंग तथा जनरल नर्सिंग मिडवाइफ जैसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने का लिया गया निर्णय भी बहुत सराहनीय है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि देने वाले बनें।
इसमें कोई शक नहीं कि एक मजबूत सशक्त शिक्षा प्रणाली में एक राष्ट्र को बदलने व नई दिशा दिखाने की ताकत होती है। इसी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों, प्रादेशिक भाषाओं, स्किल डेवलपमेंट, रोजगारोन्मुखी, व्यावहारिक व प्रायोगिक शिक्षा जैसे सभी पहलुओं को सम्माहित किया गया है।
उन्हें इस बात पर गर्व है कि वर्तमान की आवश्यकताओं और विश्व व्यवस्था को देखते हुए भारत के यशस्वी एवं ओजस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है, जोकि शिक्षा के सुधार के क्षेत्र में एक क्रान्तिकारी कदम है। यह शिक्षा नीति छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का अहसास कराने के लिए अत्यंत कारगर है। इसके साथ-साथ यह नीति उद्यमिता, स्वरोजगार, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध होगी।
यह भी खुशी की बात है कि रोजगार क्षमता को बढ़ाने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इस कॉलेज में स्किल हब सैंटर को भी मंजूरी दे दी है और जिसके माध्यम से कॉलेज द्वारा चलाए जा रहे स्किल एनहांसमेंट कोर्स विद्यार्थियों को रोजगार देने में सक्षम होंगे।
यह भी खुशी की बात है कि रोजगार क्षमता को बढ़ाने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इस कॉलेज में स्किल हब सैंटर को भी मंजूरी दे दी है और जिसके माध्यम से कॉलेज द्वारा चलाए जा रहे स्किल एनहांसमेंट कोर्स विद्यार्थियों को रोजगार देने में सक्षम होंगे।
उन्हें यह जानकर और भी खुशी हुई है कि इस समारोह में विद्यार्थियों द्वारा हरियाणा की महान संस्कृति सभ्यता, सांस्कृतिक धरोहर और संस्कारों का भी बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है। हमारे समाज में आम धारणा है कि युवाओं के सान्निध्य में व्यक्ति अपने आपको युवा महसूस करता है। फिर युवा महोत्सव जहां नाच, गाने और नाटक का समन्वय हो और उत्सव का माहौल हो वहा व्यक्ति और भी उत्साहित अनुभव करता है। मुझे खुशी है कि महात्मा गांधी जी के आदर्शों से ओत-प्रोत, उनके मूल्यों को सहेजकर रखने वाले इस महाविद्यालय में इस युवा महोत्सव का आयोजन बेहद शानदार ढंग से किया गया है।
उन्होंने एक बार फिर कॉलेज की प्रबंधक समिति, प्राचार्य एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अधिकारियों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि वे उन सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं जिन्होंने इस युवा उत्सव को बड़े हर्षोल्लास के साथ आयोजित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बॉक्स:- महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस मौके पर यह भी कहा कि वह स्वयं एक शिक्षक रहें है और उन्होंने निशुल्क विद्यार्थियों का शिक्षा प्रदान की है। अनुशासन जीवन में अहम है, हर चीज में अनुशासन होना चाहिए, बिना अनुशासन के हम एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी प्राचीन संस्कृति एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को नहीं भूलना चाहिए। जो भूलेगा वह भटक जाता है। भटके हुए से देश कभी आगे नहीं बढ़ता।
बॉक्स:- महामहिम राज्यपाल ने इस मौके पर जोनल यूथ फेस्टिवल में विजेता टीमों को ट्राफी भेंट कर उनको बधाई दी। इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधक कमेटी की ओर से महामहिम राज्यपाल को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका भव्य अभिनंदन भी किया गया। जोनल यूथ फेस्टिवल में संगीत, नृत्य, लिक्ट्रेसी फाईन आर्टस में एसडी कॉलेज विजयी रही। इसी प्रकार थियेटर में जीएमएन कालेज की टीम ने परचम लहराया तथा ओवर आल रनअप ट्राफी में जीएमएन कालेज और ओवर आल ट्राफी में एसडी कॉलेज ने विजय हासिल की।
इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डीवाईसीए के निदेशक महा सिंह पूनिया ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि राज्यपाल के नेतृत्व में हरियाणा में सांस्कृतिक गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिली है। उनके नेतृत्व में लूर नृत्य की शुरुआत हुई थी। उन्होंने इस मौके पर महामहिम राज्यपाल को 28 अक्टूबर को रतनावली समारोह के लिए निमंत्रण भी दिया।
इस मौके पर कॉलेज के प्रिंसिपल डा0 रोहित दत्त ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कॉलेज की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने यह भी बताया कि इस कॉलेज के विद्यार्थी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेकर कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं।
इस मौके पर गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष डा0 गुरदेव ने मुख्य अतिथि का यहां पहुंचने पर स्वागत करते हुए कहा कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का भी जीएमएन कालेज को भरपूर सहयोग मिलता रहा है और इसी कड़ी में श्री विज ने 25 लाख रुपये की राशि कॉलेज को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर उपायुक्त डा0 शालीन, पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, जी.एम.एन. कॉलेज प्रबंधक समिति के प्रधान एवं शिक्षाविद डा0 गुरदेव सिंह, उप-प्रधान के.जे.एस. भलाया, महासचिव अजय अग्रवाल, वित सचिव आलोक गुप्ता, जी.एम.एन. ट्रस्ट के चेयरमेन जसवंत राय जैन, सचिव श्री डी.एस. माथुर, महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 रोहित दत तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, युवा एवं सांस्कृतिक मामले विभाग के निदेशक महासिंह पूनिया, डा0 अशोक, डा0 हुकम सिंह सहित जी.एम.एन. कॉलेज के समस्त पदाधिकारीगण, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अधिकारीगण, शिक्षकगण, कर्मचारीगण, महानुभावों, छात्र-छात्राएं एवं मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।