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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

“हिंदी मानसिक तनाव एवं परेशानियों को कम करती है” : प्रो. विवेक लाल

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“हिंदी मानसिक तनाव एवं परेशानियों को कम करती है” : प्रो. विवेक लाल

प्रो. विवेक लाल, निदेशक, स्‍नातकोत्तर चिकित्‍सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान, चण्‍डीगढ़ की अध्‍यक्षता में आज 18 सितम्‍बर, 2023 को हिंदी दिवस एवं संस्‍थान की 62वीं राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। प्रो. विवेक लाल, निदेशक ने इस अवसर पर उपस्थित सदस्‍यों एवं अधिकारियों को राजभाषा प्रतिज्ञा अर्थात् भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 343 और 351 तथा राजभाषा संकल्‍प 1968 के आलोक में हम, केंद्र सरकार के कार्मिक यह प्रतिज्ञा करते हैं कि अपने उदाहरणमय नेतृत्‍व और निरंतर निगरानी से; अपनी प्रतिबद्धता और प्रयासों से; प्रशिक्षण और प्राइज़ से अपने साथियों में राजभाषा प्रेम की ज्‍योति जलाये रखेंगे, उन्‍हें प्रेरित और प्रोत्‍साहित करेंगे; अपने अधीनस्‍थ के हितों का ध्‍यान रखते हुए; अपने प्रबंधन को और अधिक कुशल और प्रभावशाली बनाते हुए राजभाषा- हिंदी का प्रयोग, प्रचार और प्रसार बढ़ाएंगे। हम राजभाषा के संवर्द्धन के प्रति सदैव ऊर्जावान और निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
उन्‍होंने हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर संस्‍थान के कार्मिकों के नाम संदेश जारी करते हुए कहा कि राजभाषा हिंदी देश के लोगों को एक सूत्र में पिरोने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चिकित्‍सा संस्‍थान में कार्य करने के नाते हमारी हिन्‍दी में काम करने के प्रति जिम्‍मेदा‍री और भी अधिक बढ़ जाती है, क्‍योंकि हमारा सीधा सम्‍पर्क आम लोगों, जो इलाज करवाने के लिए हमारे संस्‍थान में आते हैं तथा रोग से भयभीत होते हैं, के साथ होता है। यदि हम उनसे हिन्‍दी में बात कर उन्‍हें उनके रोग के बारे में समझाते हैं तो उनका तनाव काफी हद तक कम हो जाता है। यही नहीं, संस्‍थान का कामकाज जितना हम हिन्‍दी में करेंगे, उतनी ही हमारी परेशानी कम होगी और जनता एवं प्रशासन के बीच की दूरी उतनी ही घटेगी। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान में राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार प्रेरणा, प्रोत्साहन और सद्भावना से किया जा रहा है। यह हम सब का संवैधानिक दायित्‍व व जिम्‍मेदा‍री है कि हम सभी राजभाषा अधिनियमों, नियमों तथा इनके संबंध में समय-समय पर लिए गए निर्णयों का समुचित रूप से अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्‍होंने अपने संदेश में यह भी कहा कि हम अपने संस्‍थान को राष्‍ट्रीय गरिमा के अनुरूप विकास की ओर अग्रसर करने हेतु राजभाषा हिंदी को नए युग की अपेक्षताओं और आयुर्विज्ञान व सूचना क्रान्ति के क्षेत्र में हो रहे नित नए अनुसंधानों के अनुसार ढालने में प्रयत्‍नशील हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि हम सब मिलकर इस दायित्‍व का निर्वाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आशा है, आप संस्‍थान में राजभाषा नियमों/अधिनियमों को कार्यान्वित करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे तथा समय-समय पर मांगी गई/मांगी जाने वाली अपेक्षित जानकारियां तत्‍काल उपलब्‍ध करवाएंगे। राजभाषा नीति के कार्यान्‍वयन में यदि कुछ कठिनाइयां सामने आती हैं तो उनका समाधान संयम और आपसी सहयोग से हल करेंगे।
श्री कुमार गौरव धवन, उप-निदेशक (प्रशासन) ने अपने संक्षिप्‍त उद्बोधन में उपस्थित सदस्‍यों को हिंदी दिवस की बधाई दी एवं संस्‍थान में कार्यरत सभी कार्मिकों तथा अध्‍ययनरत विद्यार्थियों को राजभाषा हिंदी के विकास और समृद्धि को राष्‍ट्रीय जिम्‍मेदारी समझते हुए अपील की कि हम सभी सरकार की राजभाषा नीति का कार्यान्‍वयन कारगर बनाने में अपना सहयोग एवं योगदान दें। उन्‍होंने बताया कि संस्‍थान में हिंदी पखवाड़े के दौरान हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्‍न हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्‍होंने इन प्रतियोगिताओं में संस्‍थान के विभागाध्‍यक्षों को स्‍वयं भाग लेने और उनके मातहत कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को भाग लेने के लिए अनुरोध किया। उन्‍होंने इस अवसर पर डॉ. मनसुख मांडविया, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण व रसायन एवं उर्वरक मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर जारी संदेश भी पढ़ा।

प्रो. संजय भदादा, नोडल अधिकारी (राजभाषा) ने माननीय गृह मंत्री जी श्री अमित शाह द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर जारी संदेश पढ़ा तथा उपस्थित सभी सदस्‍यों एवं कार्मिकों का धन्‍यवाद किया। इस अवसर पर प्रो. आर. के. राथो, प्रो. विपिन कौशल, प्रो. संजीव हांडा, श्री कुमार अभय, श्री पी.एस. सैनी, श्री घनश्यामदास शर्मा तथा श्री संजय त्रिखा के अलावा संस्‍थान के अन्‍य कई वरिष्‍ठ अधिकारी व कार्मिक भी उपस्थित थे।