अपनी मांगों को लेकर निगम आयुक्त से मिले मीवा के पदाधिकारी
18 सितंबर, मानेसर।
मानेसर नगर निगम के आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने सोमवार को नगर निगम ,एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों व मानेसर इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन (मीवा) के पदाधिकारियों के साथ एक संयुक्त बैठक की। मीवा पदाधिकारियों ने आईएमटी क्षेत्र की परेशानियों के बारे में आयुक्त को अवगत करवाया। आयुक्त ने मीवा की समस्याओं को हल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
मीवा के पदाधिकारियों ने बताया कि आईएमटी क्षेत्र एचएसआईआईडीसी, जीएमडीए व मानेसर नगर निगम तीन विभागों के अंतर्गत आता है, जिस कारण से उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पानी, सीवर, कूड़ा व सफाई की समस्या के लिए किस विभाग से संपर्क किया जाए। इसपर एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने बताया कि 30 मीटर तक की सड़क एचएसआईआईडी के अधिकार क्षेत्र में आती है। आईएमटी में सीवर की सफाई, स्ट्राॅम वाटर ड्रेन, वाटर सप्लाई और रोड़ मेंटेनेंस का काम एचएसआईआईडीसी करती है। इसके अलावा यहां पर स्ट्रीट लाइट, सड़कों की सफाई, बागवानी व कूड़े के खत्तें आदि का काम नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में है। 30 मीटर से अधिक चैड़ाई वाली सड़कों के रख-रखाव का जिम्मा जीएमडीए के पास है। मीवा के पदाधिकारियों ने कहा कि आईएमटी क्षेत्र में रेहड़ी-फेरी वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिस कारण यहां सुबह-शाम ट्रेफिक जाम की समस्या बनी रहती है। इसपर आयुक्त ने कहा कि आईएमटी में स्ट्रीट वेंडिंग जोन के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। मुख्यालय से फाइनल अप्रूवल मिलने के बाद वेंडिंग जोन के निर्माण का काम शुरू करवा दिया जाएगा। कूड़े के उठान के बारे में बोलते हुए आयुक्त ने कहा कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का टेंडर अप्रूवल के लिए मुख्यालय भेजा गया है। जल्द ही उसे अनुमति मिल जाएगी। समय रहते कूड़े के उठान की प्रक्रिया भी सामान्य हो जाएगी। मीवा की ओर स्ट्रीट लाइट की समस्या के बारे में आयुक्त को अवगत करवाया। इसपर संबंधित अधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि नई स्ट्रीट लाइट व मरम्मत का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। आयुक्त ने कहा कि आईएमटी क्षेत्र में साफ-सफाई के काम की माॅनिटरिंग वे खुद करेंगे। आयुक्त ने मीवा के पदाधिकारियों को सुझाव दिया कि वे नगर निगम, एचएसआईआईडीसी के अधिकारी व मीवा के सदस्यों को जोड़ते हुए एक वाट्सअप ग्रुप बनाए और समस्याओं को इस ग्रुप में सांझा करें, ताकि संबंधित अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार उस समस्या का समय रहते समाधान कर सके।