Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘आयुष्कॉन-2023’ आयोजित, हरियाणा राज्यपाल थे मुख्य अतिथि आजादी के 76 साल बाद देश में योग व आयुष की बात पुनः शुरू हुई-राज्यपाल पीएम मोदी ने गुलामी की मानसिकता की प्रवृति को बदला,देश पुनः अपनी संस्कृति पर कर रहा गौरव श्रीअन्न के गुणों के कारण यूएनओ ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया

0
255

चंडीगढ़, 24 अगस्त- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद अब हमारे देश में योग, आयुष और आरोग्य की बात होने लगी है। यदि यह बात सन् 1950 में शुरू करते तो भारत देश आज और आगे होता।
श्री दत्तात्रेय आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयुष मंत्रालय द्वारा आरोग्य भारती के सहयोग से आयोजित ’आयुष्कॉन-2023’  में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का थीम-’मिलेट्स फूड फॉर रिजुविनेशन’ (कायाकल्प के लिए श्रीअन्न) था। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी इस मौके पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित करके किया गया। भारतीय दार्शनिक एवं योगी श्री औरोबिन्दो की 185 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अपने संबोधन में राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आयुष्कॉन का कार्यक्रम होलिस्टिक अप्रोच अर्थात स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ आयोजित किया जा रहा है जिसमें स्वास्थ्य, खान-पान और व्यवहार पर फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद आज हम फिर से योग, आयुष और आरोग्य की बात करने लगे है। इन पिछले वर्षों में देश में मानसिक दासता हावी रही और हमने अपनी सभ्यता, संस्कृति और आचार-विचार को गंवा दिया। उस समय भारत की संस्कृति और आचार-विचार को निम्न श्रेणी में माना जाता था जबकि विदेशों के उत्पादों और आचार-विचार को उत्तम मानने लग थे लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उस दिशा को बदल दिया है। अब चाहे राजनीति हो या नैतिक मूल्य, औद्योगिकीकरण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सबकुछ बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी पहली बार सन् 2020 में नई शिक्षा नीति लेकर आए जिसमें अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने का प्रावधान किया गया है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि अब डाक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में भी की जा सकती है। देष ने अब गुलामी की मानसिकता को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारे देष की पुरानी पद्धति है और इसे महत्व देने के लिए नवंबर-2014 में प्रधानमंत्री ने देष की आजादी के वर्षाे बाद अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया। अब आयुष में काफी काम करने की जरूरत है।
श्रीअन्न का उल्लेख करते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि भारत विष्व में श्रीअन्न का सबसे बड़ा उत्पादक है और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न को बढ़ावा देने से विष्व में सबसे ज्यादा फायदा भारत को होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में श्रीअन्न के गुणों और स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला तो इस वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि मिलेट्स अर्थात श्रीअन्न में औषधीय गुण विद्यमान हैं। इसमें मिनरल्स, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर आदि सब कुछ प्रचुर मात्रा में है। अपना उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे बचपन में ज्वारी की रोटी खाते थे और जब कॉलेज में आये तो गेहूं के आटे की रोटी खाने लगे क्योकि ज्वारी को गरीब लोगों का खाना माना जाता था परन्तु जब उन्हें कोविड हुआ तो चिकित्सकों ने ज्वार की रोटी खाने की सलाह दी। साथ ही श्री दत्तात्रेय ने कहा कि जबतक उन्होंने ज्वारी की रोटी खाई वे स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न, जिसे पहले गरीबों का अन्न कहा जाता था, उसे अब स्वास्थ्यवर्धक मानते हुए धनाढ्य लोग भी खाने लगे हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि भारतीय संस्कृति श्रेष्ठ है, हमे इसे नहीं भूलना है। श्री दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि दो दिवसीय आयुष्कॉन-2023 कार्यक्रम में विचार विमर्श के बाद निकलने वाले निष्कर्षों को उनके पास भिजवाए जाएं जिन्हें केन्द्र सरकार से लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पहला सुख निरोगी काया को माना जाता है। उन्होंने कहा कि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने खान-पान को सुधारना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर हमारे युवा आज पिज्जा, बर्गर आदि फास्ट फूड खाने लगे हैं जोकि स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते। अगर हमे अपने घर से रोगों को भगाना है तो दोबारा से अपनी संस्कृति की ओर लौटना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी लक्ष्य लेकर चल रहे है कि 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बने और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।
कार्यक्रम में राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने वाले व्यक्तियों को आयुष्मान एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया। इनमें मिलेट मैन ऑफ इण्डिया के नाम से विख्यात पद्मश्री प्रोफेसर खादर वली, आयुर्वेद व पंचकर्मा के विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार यादव, आईसीएमआर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नीता कुमार, आर्ट ऑफ लिविंग से अरुणिमा सिन्हा को सम्मानित किया गया। इनके अलावा श्री सिदार्थ एस कुमार, श्री देषराज, डॉ उमेश शर्मा, डॉ पीके सिन्हा, श्री राजेश गौतम, श्री रवि गौड़, श्री देवेन राय, श्रीमती पूनम दत्ता, श्री सत्य भूषण जैन, डॉ एसएन वासु, श्री दिनेश बोकन, श्री सत्यकेतु को भी अवार्ड से नवाजा गया। इस मौके पर कार्यक्रम की स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ बिपिन कुमार, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ अशोक वार्षनेय, पूर्व सांसद अनिल ठाकुर, आयुष्मान के आयोजक सचिव दीपक ठाकुर, डॉ वीएस चौहान भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।

2.jpeg1.jpeg3.jpeg